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बाड़मेर : कहीं बारिश का कहर तो कहीं सूखे की मार... इंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए गाए जा रहे हैं लोकगीत

राजस्थान के रेगिस्तान बाड़मेर में इस बार फिर से सूखा पड़ने के हालात बन रहे हैं.ऐसे में वहां के लोक कलाकार पुरानी परंपरा के हिसाब से लोकगीत गाकर इंद्र देव को प्रसन्न करते नजर आ रहें हैं.

इंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए गाए जा रहे हैं लोकगीत
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Published : Jul 27, 2019, 3:06 PM IST

बाड़मेर. राजस्थान के कई हिस्सों में जहां बारिश ने जमकर तबाही मचाई है. वहीं दूसरी तरफ हम आपको एक ऐसी तस्वीर दिखा रहें हैं. जिसमें इंद्र देवता को मनाने के लिए वहां के लोक कलाकार पुरानी परंपरा के अनुसार लोकगीत गाकर इंद्रदेव को प्रसन्न करते नजर आ रहे हैं.

इंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए गाए जा रहे हैं लोकगीत

यह भी पढे़- ओवरब्रिज निर्माण कार्य की राह ने रोड़ा बनी सीवरेज लाइन शिफ्टिंग से आमजन को हो रही है परेशानी

राजस्थान के रेगिस्तान बाड़मेर जिले में एक बार फिर से सूखा पड़ने के हालात बन रहे हैं.ऐसा हम आपको इसलिए कह रहे हैं,क्योंकि सावन के 10 दिन बीत जाने के बाद भी बारिश की एक भी बूंद बाड़मेर में नहीं हुई है. जिसके चलते यहां के लोग इस बात की चिंता में है कि कहीं फिर से उन्हें सूखे की मार झेलनी ना पडे.

पुरानी परंपरा के अनुसार जब इंद्र देवता नाराज हो जाते थे. तब राजस्थान के अंतर्राष्ट्रीय लोक कलाकार फकीरा खान और उनके साथी कलाकार अनवर खान यह लोक गीत गाकर इंद्र देवता को प्रसन्न करने की कोशिश किया करते थे. जिससे भगवान प्रसन्न होकर बारिश गिरा देते थे. इसी परपंरा को आगे बढ़ाते हुए आज के लोक कलाकार भी लोकगीत गाकर इंद्र देवता को प्रसन्न करने का प्रयास कर रहें है.

यह भी पढ़े- लोक कलाकार 'फकीरा खान' को 'वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड' ने किया सम्मानित

लोक कलाकारों का साफ तौर पर यह कहना है कि जिस तरीके से राजस्थान के रेगिस्तान बाड़मेर में पिछले 3 साल से अकाल पड़ रहा है. ऐसे में अगर इस बार बारिश नहीं हुई तो हालात और भी खराब हो जाएंगे. जिससे हमारे पास जन व धन कुछ भी नहीं बचेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि हम लोग बार-बार इंद्र देवता को मनाने के लिए रोज दिन में एक-दो लोकगीत गाकर इंद्र देवता को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं.

गौरतलब है कि राजे रजवाड़ों के समय में जब बारिश नहीं होती थी. तब राजा इन्हीं लोक कलाकारों को बुलवाकर इंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए लोकगीत गवाया करते थे .

बाड़मेर. राजस्थान के कई हिस्सों में जहां बारिश ने जमकर तबाही मचाई है. वहीं दूसरी तरफ हम आपको एक ऐसी तस्वीर दिखा रहें हैं. जिसमें इंद्र देवता को मनाने के लिए वहां के लोक कलाकार पुरानी परंपरा के अनुसार लोकगीत गाकर इंद्रदेव को प्रसन्न करते नजर आ रहे हैं.

इंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए गाए जा रहे हैं लोकगीत

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राजस्थान के रेगिस्तान बाड़मेर जिले में एक बार फिर से सूखा पड़ने के हालात बन रहे हैं.ऐसा हम आपको इसलिए कह रहे हैं,क्योंकि सावन के 10 दिन बीत जाने के बाद भी बारिश की एक भी बूंद बाड़मेर में नहीं हुई है. जिसके चलते यहां के लोग इस बात की चिंता में है कि कहीं फिर से उन्हें सूखे की मार झेलनी ना पडे.

पुरानी परंपरा के अनुसार जब इंद्र देवता नाराज हो जाते थे. तब राजस्थान के अंतर्राष्ट्रीय लोक कलाकार फकीरा खान और उनके साथी कलाकार अनवर खान यह लोक गीत गाकर इंद्र देवता को प्रसन्न करने की कोशिश किया करते थे. जिससे भगवान प्रसन्न होकर बारिश गिरा देते थे. इसी परपंरा को आगे बढ़ाते हुए आज के लोक कलाकार भी लोकगीत गाकर इंद्र देवता को प्रसन्न करने का प्रयास कर रहें है.

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लोक कलाकारों का साफ तौर पर यह कहना है कि जिस तरीके से राजस्थान के रेगिस्तान बाड़मेर में पिछले 3 साल से अकाल पड़ रहा है. ऐसे में अगर इस बार बारिश नहीं हुई तो हालात और भी खराब हो जाएंगे. जिससे हमारे पास जन व धन कुछ भी नहीं बचेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि हम लोग बार-बार इंद्र देवता को मनाने के लिए रोज दिन में एक-दो लोकगीत गाकर इंद्र देवता को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं.

गौरतलब है कि राजे रजवाड़ों के समय में जब बारिश नहीं होती थी. तब राजा इन्हीं लोक कलाकारों को बुलवाकर इंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए लोकगीत गवाया करते थे .

Intro:बाड़मेर
राजस्थान के कई हिस्सों में बारिश ने तबाही जमकर मचाई है तो दूसरी तरफ आपको ऐसी तस्वीरें दिखाते हैं जिसमें लोक कलाकार इंद्र देवता को मनाने के लिए पुरानी परंपरा के हिसाब से लोकगीत गाकर इंद्रदेव को बारिश को बरसने के लिए प्रसन्न करते नजर आ रहे हैं दर्शन राजस्थान के रेगिस्तान बाड़मेर में इस बार फिर से सूखा पड़ने के हालात बन रहे हैं ऐसा हम आपको इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सावन के 10 दिन भी जाने के बाद भी बारिश की बूंदें अभी तक रेगिस्तान में नहीं हुई है जिसके चलते यहां के लोग इस बात की चिंता में है कि फिर से उन्हें अकाल की मार झेलनी ना पडे लिया जा राजस्थान के अंतर्राष्ट्रीय लोक कलाकार फकीरा खान और उनके साथ ही अंतरराष्ट्रीय कलाकार अनवर खान पुरानी परंपरा के अनुसार जब इंद्र देवता नाराज हो जाते थे तो यह लोक कलाकार अपने लोक गीत गाकर इंद्र देवता को प्रसन्न करने की कोशिश करते थे और फिर बारिश हो जाती थी ऐसा एक बार फिर से यह लोग कलाकार करते नजर आ रहे हैं


Body:इनका साफ तौर पर कहना है कि जिस तरीके से राजस्थान के रेगिस्तान बाड़मेर में पिछले 3 साल से अकाल पड़ रहा है ऐसे में अगर इस बार बारिश नहीं हुई तो हालात और खराब हो जाएंगे और हमारे मवेशी धन को बचाने के लिए कुछ भी नहीं रहेगा लिहाजा हम लोग बार-बार इंद्र देवता को मनाने के लिए रोज दिन में एक-दो लोकगीत गाकर इंद्र देवता को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं


Conclusion:गौरतलब है कि राजे रजवाड़ों के समय में जब बारिश नहीं हुई थी तो राजा इन्हीं लोक कलाकारों को बुलाकर एक देवता को प्रसन्न करने के लिए लोकगीत गवाते थे .
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