कोटा : राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर की डिविजन बैंच के आदेश की पालना करते हुए मेडिकल डेंटल काउंसलिंग बोर्ड जयपुर ने उदयपुर के निजी मेडिकल कॉलेज की 100 अतिरिक्त एमबीबीएस सीटों पर दिए गए प्रवेश निरस्त कर दिए हैं. एमडीसीबी जयपुर ने मेडिकल कॉलेज को निर्देशित किया है कि 100 अतिरिक्त एमबीबीएस सीटों पर प्रवेशित कैंडिडेट को एमबीबीएस पाठ्यक्रम की कक्षाओं में उपस्थित होने की अनुमति नहीं दी जाए. मेडिकल कॉलेज प्रशासन को साफ कर दिया गया है कि अनुमोदित एमबीबीएस सीटें 250 नहीं बल्कि 150 तक सीमित हैं.
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि प्रवेश निरस्त करने की प्रक्रिया के बाद यदि कोई कैंडिडेट एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश के लिए जमा कराई गई एक वर्ष की ट्यूशन फीस दोबारा प्राप्त करना चाहता है तो वह चेयरमैन नीट यूजी मेडिकल डेंटल काउंसलिंग बोर्ड जयपुर को पर्सनल आवेदन कर प्राप्त कर सकता है. राजस्थान में निजी मेडिकल कॉलेज में 18 से 25 लाख के बीच सालाना फीस है. ऐसे में एमबीबीएस की पढ़ाई करीब एक करोड़ के आसपास से पूरी होती है.
मामले के अनुसार 8 अक्टूबर 2024 को राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर की एकल पीठ के पारित आदेश की पालना के तहत मेडिकल डेंटल काउंसलिंग बोर्ड जयपुर ने निजी मेडिकल कॉलेज को 100 अतिरिक्त एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश लेने की सशर्त अनुमति दी गई थी. इन 100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश से पहले इनका नामकरण भी कोर्ट ऑर्डर सीट्स कर दिया गया था. यह भी साफ किया है कि यह प्रवेश राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर की डिविजन बैंच (डीबी) के आगामी भविष्य में दिए जाने वाले निर्णयों के अधीन होंगे. राजस्थान हाईकोर्ट की डिविजनल बैंच में वर्णित 100 अतिरिक्त एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश निरस्त किए जाने का आदेश बीते 5 नवंबर को जारी कर दिया गया था. इसकी अनुपालना के तहत एमडीसीबी जयपुर ने निरस्तीकरण के आदेश जारी किए हैं.