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स्पेशल रिपोर्ट: घूंघट में वोट मांग रही सरपंच प्रत्याशी, कहा- ये विकास में नहीं बनेगा रुकावट

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घूंघट को लेकर कई दफा बयान दे चुके है. इतनी ही नहीं सीएम गहलोत ग्रामीण महिलाओं से घूंघट मुक्त प्रदेश बनाने में सहयोग करने की बात भी कई बार सार्वजनिक मंच से कर चुके हैं. लेकिन बाड़मेर में इससे अलग तस्वीर सामने आई है. जहां दूसरे चरण के लिए महिला प्रत्याशी घूंघट में डोर टू डोर जनसंपर्क कर मतदाताओं से अपने पक्ष में वोट की अपील कर रही है. देखिए बाड़मेर से स्पेशल रिपोर्ट...

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Published : Jan 21, 2020, 11:00 PM IST

female Sarpanch candidate, panchayat election
घूंघट में वोट मांग रही सरपंच प्रत्याशी

बाड़मेर. राजस्थान में पंचायती राज चुनाव को लेकर ग्रामीण इलाकों में इस सर्दी के माहौल में भी राजनीति का पारा गरम है. ऐसे में गांव की सरकार चुनने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह मुहिम छेड़ रखी है कि वोट करने और चुनाव प्रचार के दौरान महिलाएं अपना घूंघट हटा कर लोगों से मुलाकात करें और अपने हक की बात करें. लेकिन बाड़मेर में पंचायती राज चुनाव के दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. महिला प्रत्याशियों ने भी अपने चुनाव प्रचार के में पूरी ताकत झोंक रखी है. महिला प्रत्याशी घूंघट में घर-घर जाकर लोगों से संपर्क कर रही है. ये महिला सरपंच प्रत्याशी महिलाओं की टोली बनाकर सुबह से ही घर से निकल जाती है और सारा दिन पैदल घर-घर जाकर वोट मांग रही है.

घूंघट में वोट मांग रही सरपंच प्रत्याशी

हालांकि पंचायत चुनाव 2020 के दूसरे चरण के मतदान में महज कुछ ही घंटे शेष है और चुनावी सरगर्मियां भी पूरे परवान पर है. सरपंच पद की महिला प्रत्याशी भी मुकाबले में पूरा दमखम लगा रही है. बाड़मेर ग्रामीण पंचायत से सरपंच पद के लिए महिला प्रत्याशी घर-घर जाकर वोट मांग रही है. प्रचार के दौरान घूंघट का भी पूरा ख्याल रखती दिखाई दे रही है. बाड़मेर ग्रामीण से सरपंच पद प्रत्याशी पार्वती राठौड़ और कमला देवी प्रजापत बुजुर्गों के पांव छूकर जीत का आशीर्वाद लेती और समर्थन की अपील कर रही हैं.

पढ़ें- गांवां री सरकार: बूंदी में घूंघट की ओट में राजनीति का 'पर्चा', प्रत्याशी बोली- अगर जीत गए तो हटा देंगे घूंघट

घूंघट को लेकर सरपंच प्रत्याशी महिला का बयान
सरपंच पद प्रत्याशी पार्वती राठौड़ बताती है कि चुनाव प्रचार के दौरान घर घर जाकर सर्व समाज के लोगों से मिलने और उनकी समस्या जानने का पूरा प्रयत्न किया है. पार्वती राठौड़ के अनुसार उनके क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या पानी की और सड़क का मुद्दा है और महिला होने के नाते में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना प्राथमिकता रहेगी. जब घूंघट में प्रचार पर राय जानी गई तो सरपंच प्रत्याशी ने बेबाक अपनी बात रखते हुए कहा कि बेशक जमाना बदल गया हो पर बड़े-छोटे के रिश्ते नाते की अपनी एक मर्यादा है.

female Sarpanch candidate, panchayat election
घूंघट में प्रचार करती महिला प्रत्याशी

पढ़ें- स्पेशल : घूंघट से खुद को किया आजाद, ट्रैक्टर पर बैठकर चुनाव प्रचार कर रहीं महिलाएं

पार्वती राठौड़ का मानना है कि घूंघट निकालना कोई बुरी बात नहीं है. उनका कहना है कि 'कुछ लोग सोचते हैं कि घूंघट निकालेंगे तो विकास नहीं होगा. घूंघट वाली महिलाएं राजनीतिक में कैसे प्रचार करेंगे और कैसे काम करेंगे तो मैं उन लोगों से कहना चाहूंगी कि घूंघट आप के विकास में कभी रुकावट नहीं बनेगा'. पार्वती ने कहा कि 'घूंघट अपने आप में एक मर्यादा है, मुझे पर घूंघट का कोई दबाव नहीं है. मैं अगर बिना घूंघट की घूमना चाहूं तो मैं घूम सकती हूं, लेकिन यह अपनी खुद की सोच है हर रिश्ते की अपनी मर्यादा होती है'.

पढ़ें- मेवात से बनीं राजस्थान की सबसे युवा सरपंच, 21 साल की उम्र में असरूनी खान का कमाल

इसी तरह सरपंच पद प्रत्याशी कमला देवी प्रजापत भी घूंघट निकाल कर घर-घर जाकर मतदाताओं से अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रही है. उन्होंने बताया कि पानी सड़क बिजली की समस्या का समाधान करना उनकी प्राथमिकता रहेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विकास में कोई कसर नहीं छोडूंगी और भी अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रही है.

बाड़मेर. राजस्थान में पंचायती राज चुनाव को लेकर ग्रामीण इलाकों में इस सर्दी के माहौल में भी राजनीति का पारा गरम है. ऐसे में गांव की सरकार चुनने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह मुहिम छेड़ रखी है कि वोट करने और चुनाव प्रचार के दौरान महिलाएं अपना घूंघट हटा कर लोगों से मुलाकात करें और अपने हक की बात करें. लेकिन बाड़मेर में पंचायती राज चुनाव के दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. महिला प्रत्याशियों ने भी अपने चुनाव प्रचार के में पूरी ताकत झोंक रखी है. महिला प्रत्याशी घूंघट में घर-घर जाकर लोगों से संपर्क कर रही है. ये महिला सरपंच प्रत्याशी महिलाओं की टोली बनाकर सुबह से ही घर से निकल जाती है और सारा दिन पैदल घर-घर जाकर वोट मांग रही है.

घूंघट में वोट मांग रही सरपंच प्रत्याशी

हालांकि पंचायत चुनाव 2020 के दूसरे चरण के मतदान में महज कुछ ही घंटे शेष है और चुनावी सरगर्मियां भी पूरे परवान पर है. सरपंच पद की महिला प्रत्याशी भी मुकाबले में पूरा दमखम लगा रही है. बाड़मेर ग्रामीण पंचायत से सरपंच पद के लिए महिला प्रत्याशी घर-घर जाकर वोट मांग रही है. प्रचार के दौरान घूंघट का भी पूरा ख्याल रखती दिखाई दे रही है. बाड़मेर ग्रामीण से सरपंच पद प्रत्याशी पार्वती राठौड़ और कमला देवी प्रजापत बुजुर्गों के पांव छूकर जीत का आशीर्वाद लेती और समर्थन की अपील कर रही हैं.

पढ़ें- गांवां री सरकार: बूंदी में घूंघट की ओट में राजनीति का 'पर्चा', प्रत्याशी बोली- अगर जीत गए तो हटा देंगे घूंघट

घूंघट को लेकर सरपंच प्रत्याशी महिला का बयान
सरपंच पद प्रत्याशी पार्वती राठौड़ बताती है कि चुनाव प्रचार के दौरान घर घर जाकर सर्व समाज के लोगों से मिलने और उनकी समस्या जानने का पूरा प्रयत्न किया है. पार्वती राठौड़ के अनुसार उनके क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या पानी की और सड़क का मुद्दा है और महिला होने के नाते में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना प्राथमिकता रहेगी. जब घूंघट में प्रचार पर राय जानी गई तो सरपंच प्रत्याशी ने बेबाक अपनी बात रखते हुए कहा कि बेशक जमाना बदल गया हो पर बड़े-छोटे के रिश्ते नाते की अपनी एक मर्यादा है.

female Sarpanch candidate, panchayat election
घूंघट में प्रचार करती महिला प्रत्याशी

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पार्वती राठौड़ का मानना है कि घूंघट निकालना कोई बुरी बात नहीं है. उनका कहना है कि 'कुछ लोग सोचते हैं कि घूंघट निकालेंगे तो विकास नहीं होगा. घूंघट वाली महिलाएं राजनीतिक में कैसे प्रचार करेंगे और कैसे काम करेंगे तो मैं उन लोगों से कहना चाहूंगी कि घूंघट आप के विकास में कभी रुकावट नहीं बनेगा'. पार्वती ने कहा कि 'घूंघट अपने आप में एक मर्यादा है, मुझे पर घूंघट का कोई दबाव नहीं है. मैं अगर बिना घूंघट की घूमना चाहूं तो मैं घूम सकती हूं, लेकिन यह अपनी खुद की सोच है हर रिश्ते की अपनी मर्यादा होती है'.

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इसी तरह सरपंच पद प्रत्याशी कमला देवी प्रजापत भी घूंघट निकाल कर घर-घर जाकर मतदाताओं से अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रही है. उन्होंने बताया कि पानी सड़क बिजली की समस्या का समाधान करना उनकी प्राथमिकता रहेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विकास में कोई कसर नहीं छोडूंगी और भी अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रही है.

Intro:बाड़मेर

घूंघट की आड़ में वोट मांग रही है सरपंच प्रत्याशी, घुंघट विकास में नहीं बनेगा रुकावट


राजस्थान में पंचायती राज चुनाव को लेकर ग्रामीण इलाकों में इस सर्दी के माहौल में भी राजनीति का पारा गरम है ऐसे में गांव की सरकार चुनने के लिए राजस्थान सरकार के मुखिया अशोक गहलोत ने यह मुहिम छेड़ रखी है कि वोट करने और चुनाव प्रचार के दौरान महिलाएं अपना घूंघट हटा कर लोगों से मुलाकात करें और अपने हक की बात करें ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत घुंघट प्रथा को खत्म करने के लिए पूरा अभियान चला रहे हैं वहीं कहीं जगहों पर इसका विरोध भी हो रहा है फिलहाल राजस्थान में घुंघट प्रथा को लेकर भी माहौल गर्मा गया है वही पंचायती राज चुनाव के दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं इसके साथ ही प्रत्याशियों ने भी अपने चुनाव प्रचार के में पूरी ताकत झोंक दी है तो वहीं महिलाएं प्रत्याशी घुंघट आड़ में डोर टू डोर संपर्क कर मतदाताओं से अपने पक्ष में वोट की अपील कर रही है महिला सरपंच प्रत्याशी महिलाओं की टोली बनाकर सुबह से ही घर से निकल जाती है और सारा दिन पैदल घर-घर जाकर वोट मांग रही है



Body:राजस्थान में पंचायती राज आम चुनाव 2020 के दूसरे चरण का मतदान मे महज कुछ ही घंटे शेष है और चुनावी सरगर्मियां भी पूरे परवान पर है सरपंच पद की महिला प्रत्याशी भी मुकाबले में पूरा दमखम लगा रही है बाड़मेर ग्रामीण पंचायत से सरपंच पद के लिए महिला प्रत्याशी घर घर जाकर वोट मांग रही है प्रचार के दौरान घूंघट का भी पूरा ख्याल रखती है बाड़मेर ग्रामीण से सरपंच पद प्रत्याशी पार्वती राठौड़ और कमला देवी प्रजापत घर घर जाकर चुनाव प्रचार कर रही है इसके साथ ही बुजुर्गों की पांव छू कर जीत का आशीर्वाद लेती है दरअसल इनकी चुनाव प्रचार की कमान महिलाओं ने संभाल रखी है अधिकतर महिलाएं लंबा घूंघट निकाल कर चलती है वही महिला प्रचारक की टोलियां सीधे घर में घुस जाती है वह घर में मौजूद महिलाओं से बेहद प्यार से मिलती है और उनसे मतदान की अपील करती है


Conclusion:सरपंच पद प्रत्याशी पार्वती राठौड बताती है कि चुनाव प्रचार के दौरान घर घर जाकर सर्व समाज के लोगों से मिलने और उनकी समस्या जानने का पूरा प्रयत्न किया है पार्वती राठौड़ के अनुसार उनके क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या पानी की और सड़क का मुद्दा है और महिला होने के नाते में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना प्राथमिकता रहेगी जब घुंघट में प्रचार पर राय जानी गई तो सरपंच प्रत्याशी पार्वती राठौड़ ने बेबाक अपनी बात रखते हुए कहा कि बेशक जमाना बदल गया हो पर बड़े छोटे के रिश्ते नाते की अपनी एक मर्यादा है पार्वती राठौड़ का मानना है कि घुंघट निकालना कोई बुरी बात नहीं है कुछ लोग सोचते हैं कि घुंघट निकालेंगे तो विकास नहीं होगा घूंघट वाली महिलाएं राजनीतिक में कैसे प्रचार करेंगे और कैसे काम करेंगे तो मे उन लोगों से कहना चाहूंगी कि घुंघट आप के विकास में कभी रुकावट नहीं बनेगा पार्वती बताती है कि घूंघट अपने आप में एक मर्यादा है मुझ पर घुंघट का कोई दबाव नहीं है मैं अगर बिना घूंघट की घूमना चाहूं तो मे घूम सकती हूं लेकिन यह अपनी खुद की सोच है हर रिश्ते की अपनी मर्यादा होती है मैं तो इतना कहना चाहूंगी कि यह घुंघट कभी विकास में अवरुद्ध नहीं बनेगा इसी तरह सरपंच पद प्रत्याशी कमला देवी प्रजापत भी घुंघट निकाल कर घर घर जाकर मतदाताओं से अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रही है उन्होंने बताया कि पानी सड़क बिजली की समस्या का समाधान करना उनकी प्राथमिकता रहेगी इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विकास में कोई कसर नहीं छोडूंगी और भी अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रही है खास बात यह है कि कमला देवी प्रजापत चुनाव प्रचार के दौरान घूंघट के साथ-साथ अपने छोटे बच्चे को भी गोद में उठाकर घर-घर जाकर वोट मांग रही है

बाईट- पार्वती राठौड़, महिला सरपंच प्रत्याशी, बाड़मेर ग्रामीण पंचायत

बाईट- कमला देवी प्रजापत, महिला सरपंच प्रत्याशी, बाड़मेर ग्रामीण पंचायत
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