बाड़मेर. राजस्थान के रेगिस्तानी जिले बाड़मेर के किसानों की निगाहें आसमान की ओर टिकी हुई है. जिन किसानों ने पहली बारिश में बुवाई कर दी है. वह अब आसमान की ओर निगाहें कर बारिश का इंतजार कर रहे हैं. कई किसानों ने मानसून की दस्तक के बाद से ही खेतों में दो बार बाजरा साथ-साथ मूंग, मोठ और तिलहन की बुवाई कर चुके हैं, लेकिन बारिश नहीं होने से किसान चिंतित नजर आ रहे हैं. किसानों के अनुसार अगर आने वाले कुछ ही दिनों में जी बारिश नहीं हुई, तो उन्हें अकाल का सामना करना पड़ सकता है.
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राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके बाड़मेर में बादलों की आवाजाही का दौर जारी है. इस बीच हल्की बूंदाबांदी भी हो रही है, लेकिन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को आज भी अच्छी बारिश का इंतजार है. बारिश की आस में किसानों ने दो से तीन बार खेतों में बुवाई कर दी है, लेकिन अच्छी बारिश नहीं होने की वजह से किसान मायूस नजर आ रहे हैं. बाड़मेर जिला मुख्यालय के निकटवर्ती महाबार गांव के खेतों में लगी हुई सूखी फसल को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि फसलें पानी की कमी के चलते बर्बाद हो चुकी है.
पूरे जिले इस बार कम बारिश की वजह से किसान चिंतित नजर आ रहे हैं. किसानों की माने तो अगर आने वाले चार-पांच दिनों में अच्छी बारिश नहीं हुई, तो अकाल की मार झेलनी पड़ सकती है. किसान सुमेर सिंह के अनुसार उन्होंने अपने खेत में अब तक दो बार बुवाई कर दी है, लेकिन बारिश नहीं होने की वजह से फसलों की पैदावार नहीं हो रही है. खेतों में सिंचाई की व्यवस्था नहीं है. हम पूरी तरह से बारिश पर ही निर्भर है. अगर आने वाले 4-5 दिनों में बारिश नहीं हुई, तो किसानों के हाल बुरे होने वाले है.
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बुजुर्ग ग्रामीण महिला गवरी देवी ने बताया कि अब तक तीन बार खेतों में बुवाई कर दी है. खेतों में बाजरा साथ-साथ मूंग, मोठ और तिलहन की बुवाई की गई है. फसलें पूरी तरह सूखकर जल चुकी है. उन्होंने कहा कि आने वाले चार-पांच दिनों में अच्छी बारिश नहीं हुई, तो किसानों के लिए लगातार दूसरे साल अकाल तय है. गौरतलब है कि भादवा माह में भी अच्छी बारिश नहीं होने और भीषण गर्मी और तेज धूप से लोगों का बुरा हाल है. तेज धूप के चलते जमीन में नमी की कमी के कारण खेतों में लगी थोड़ी बहुत फसलें भी पीली पड़ने लगी हैं, जिससे किसानों को अकाल की दस्तक महसूस होने की वजह से अब उनके माथे पर चिंता की लकीरे खींचती जा रही है.