बाड़मेर. जिले में बादलों की आवाजाही का दौर जारी है. इस बीच हल्की बूंदाबांदी भी हो रही है, लेकिन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को आज भी अच्छी बारिश का इंतजार है. बारिश की आस में किसानों ने दो से तीन बार खेतों में बुवाई भी कर दी है, लेकिन अच्छी बारिश नहीं होने की वजह से किसान मायूस नजर आ रहे हैं.
बाड़मेर जिला मुख्यालय के निकटवर्ती महाबार गांव के खेतों में लगी हुई सूखी फसल की दृश्यों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि फसलें पानी की कमी से बर्बाद हो चुकी हैं. इस बार कम बारिश की वजह से किसान चिंतित नजर आ रहे हैं. किसानों की मानें तो अगर आने वाले चार-पांच दिनों में अच्छी बारिश नहीं हुई, तो अकाल की मार झेलनी पड़ सकती है.
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खेतिहार सुमेर सिंह के अनुसार उन्होंने अपने खेत में अब तक दो बार बुवाई कर दी है, लेकिन बारिश नहीं होने की वजह से फसलों की पैदावार नहीं हो रही है. खेतो में सिंचाई की व्यवस्था नहीं है. किसान पूरी तरह से बारिश पर ही निर्भर है. ऐसे में अगर आने वाले 4-5 दिनों में बारिश नहीं हुई, तो किसानों के हाल बुरे होने वाले है. उन्होंने कहा कि बड़ी मुश्किल से जैसे-तैसे खेतों में बुवाई की थी. ऐसे में अब बारिश नहीं होने से आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है. जिससे वजह से चिंतित है.
बुजुर्ग ग्रामीण महिला गवरी देवी ने बताया कि अब तक तीन बार खेतों में बुवाई कर दी है. खेतों में बाजरा के साथ-साथ मूंग, मोठ और तिलहन की बुवाई की गई है. फसलें पूरी तरह सूखकर जल चुकी हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले चार-पांच दिनों में अच्छी बारिश नहीं हुई, तो किसानों के लिए लगातार दूसरे साल अकाल तय है.
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गौरतलब है कि भादवा माह में भी अच्छी बारिश नहीं होने, भीषण गर्मी और तेज धूप से लोगों का बुरा हाल है. तेज धूप के चलते जमीन में नमी की कमी के कारण खेतों में लगी थोड़ी बहुत फसलें भी पीली पडऩे लगी हैं. जिससे किसानों को अकाल की दस्तक महसूस होने की वजह से अब उनके माथे पर चिंता की लकीर खींचती जा रही है.