बाड़मेर. जिले में किसानों की ओर से अब ब्रोकली की खेती की जा रही है. जिसे लेकर जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने कहा कि बाड़मेर जैसे मरुस्थली जिले में ब्रोकली की खेती सराहनीय पहल है. खेताराम से दूसरे किसान प्रेरणा लेकर बाड़मेर जिले को सब्जी उत्पादन के लिहाज से आत्म निर्भर बनाएं. उन्होंने कहा कि किसान खेताराम ने ब्रोकली की खेती करते हुए ये साबित कर दिया है कि बाड़मेर में विषम परिस्थितियों वाली सब्जियों की पैदावार की जा सकती है.
उन्हांने बाड़मेर उन्नति परियोजना के तहत सहगल फाउंडेशन एवं केयर्न ऑयल एंड गैस के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के नवाचारों से अधिकाधिक किसानों को जोड़ा जाए. उन्होंने सब्जियों की खेती का दायरा बढ़ाने और अगली बार बड़े पैमाने पर ब्रोकली की खेती करवाने के लिए वृहद स्तर पर प्रयास करने की बात कही. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के माध्यम से भी जिले में इस तरह की खेती के प्रयास किए जाएंगे.
जिला कलेक्टर मीणा ने कहा कि मौजूदा समय में बाड़मेर जिला सब्जियों के लिहाज से गुजरात और प्रदेष के अन्य जिलों पर निर्भर है. ऐसे में स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर सब्जियों और स्थानीय जरूरत के मुताबिक फसलों की खेती करते हुए बाड़मेर को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करना चाहिए. सहगल फाउंडेशन के गोपाल व्यास ने ब्रोकली की खेती बाड़ी कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
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किसान खेताराम पूनड़ ने ब्रोकली की खेती से जुड़े अनुभव साझा करते हुए कहा कि अब दूसरे किसान भी इसकी खेती के बारे में उनसे जानकारी ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगली बार दूसरे किसानों को प्रेरित करने के साथ वो स्वयं बड़े पैमाने पर इसकी खेती करेंगे. उन्होंने बेर के पौधों की कलम करवाने के बारे में जानकारी दी.