बाड़मेर. जीतू खटीक मामले में परिजनों के साथ दलित समाज के लोग बीते 24 घंटे से मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे हैं. दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के साथ मुआवजे की मांग कर रहे हैं. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. किसी ने कुछ भी न ही खाया है
लोगों का कहना है कि पुलिस ने एनकाउंटर नहीं किया. पुलिस ने थाने में ही हमारे बेटे की हत्या कर दी है. अब जब तक आरोपी पुलिस वालों को गिरफ्तार नहीं करेगी, तब तक हम शव नहीं उठाएंगे.
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पुलिस प्रशासन के लाख समझाने के बावजूद परिवार और समाज के लोगों ने दो टूक शब्द में सरकार को कह दिया है कि जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी, तब तक हम शव नहीं उठाएंगे. जीतू खटीक अपने परिवार में कमाने वाला एकलौता था.
बता दें कि अब तक एसपी और डीएसपी को एपीओ, ग्रामीण थाना अधिकारी को निलंबित और थाने के पूरा स्टाफ को लाइन हाजिर किया जा चुका है. मामले में प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहा है.