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बाड़मेर से पलायन कर रहे मजदूरों ने कहा- घर जाकर परिवार के साथ तो रहेंगे - मजदूरों का पलायन

बाड़मेर के बालोतरा में पुलिस नाकाबंदी के दौरान पैदल आने-जाने वाले मजदूरों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. उनका कहना था कि अब यहां फैक्ट्री में बैठ कर क्या करेंगे. काम बंद है और अब काम फिर से कब शुरू होगा, इसकी कोई जानकारी नहीं है. इस दौरान घर जाकर परिवार के साथ तो रहेंगे.

बाड़मेर न्यूज़, migrating workers
बाड़मेर से मजदूरों का पलायन
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Published : Mar 28, 2020, 3:31 PM IST

बालोतरा (बाड़मेर). कोरोना वायरस का खौफ हर किसी में है. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा किया है. लॉकडाउन की घोषणा के बाद सबसे बदतर स्थिति असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की है. वो अब फैक्ट्री छोड़कर पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं.

बाड़मेर से मजदूरों का पलायन

वहीं, दूसरी ओर राज्य बार्डर पर फंसे लोगों को जिला कलेक्टर के निर्देशों के बाद सरकारी वाहन से उनको गंतव्य स्थान पर छोड़ा जा रहा है. बाड़मेर के बालोतरा में पुलिस नाकाबंदी के दौरान पैदल आने-जाने वाले मजदूरों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. उनका कहना था कि अब यहां फैक्ट्री में बैठ कर क्या करेंगे. काम बंद है और अब काम फिर से कब शुरू होगा, इसकी कोई जानकारी नहीं है. इस कारण घर जाकर परिवार के साथ तो रहेंगे. लॉकडाउन 21 दिन से ज्यादा ना बढ़ न जाए. इस दौरान पैदल ही रवाना हुए हैं.

पढ़ें: लॉकडाउन का चौथा दिन : कोरोना से अब तक 19 मरे, केरल में मौत का पहला मामला, 873 संक्रमित

मजदूरों का कहना है कि कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर पूरे भारत में लॉकडाउन है. ऐसी स्थिति में कई सारे काम बंद कर दिए गए हैं. काम में जुटे मजदूर घर जाने के अलावा कुछ भी नहीं कर सकते है. उन्होंने बताया कि ऐसे में सैकड़ों मजदूरों के सामने संकट खड़ा हो गया है. जो मजदूर बाहर जा रहे हैं, उनके लिए कई संस्थाओ की ओर से भोजन मुहैया कराया जा रहा है.

बता दें कि कोरोना के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन की वजह से राजस्थान के अन्य जिलों और राज्य में काम करने वाले हजारों मजदूर अपने घर पैदल जाने को मजबूर हैं. बालोतरा के फैक्ट्री एरिया में काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण सभी फैक्ट्रियां बंद है.

बालोतरा में बाहरी राज्यों के बॉर्डर पर फंसे मजदूरों को लेकर बस बालोतरा पहुंची तो उसमें 59 सवारी मौजूद दिखे. डॉ. पवन से जांच करवाई गई तो सभी को कोई बुखार, खांसी, जुकाम नहीं होने की शिकायत मिली. सभी को नाकेबंदी पर जांच करने के बाद आगे के लिए रवाना किया गया.

बालोतरा (बाड़मेर). कोरोना वायरस का खौफ हर किसी में है. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा किया है. लॉकडाउन की घोषणा के बाद सबसे बदतर स्थिति असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की है. वो अब फैक्ट्री छोड़कर पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं.

बाड़मेर से मजदूरों का पलायन

वहीं, दूसरी ओर राज्य बार्डर पर फंसे लोगों को जिला कलेक्टर के निर्देशों के बाद सरकारी वाहन से उनको गंतव्य स्थान पर छोड़ा जा रहा है. बाड़मेर के बालोतरा में पुलिस नाकाबंदी के दौरान पैदल आने-जाने वाले मजदूरों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. उनका कहना था कि अब यहां फैक्ट्री में बैठ कर क्या करेंगे. काम बंद है और अब काम फिर से कब शुरू होगा, इसकी कोई जानकारी नहीं है. इस कारण घर जाकर परिवार के साथ तो रहेंगे. लॉकडाउन 21 दिन से ज्यादा ना बढ़ न जाए. इस दौरान पैदल ही रवाना हुए हैं.

पढ़ें: लॉकडाउन का चौथा दिन : कोरोना से अब तक 19 मरे, केरल में मौत का पहला मामला, 873 संक्रमित

मजदूरों का कहना है कि कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर पूरे भारत में लॉकडाउन है. ऐसी स्थिति में कई सारे काम बंद कर दिए गए हैं. काम में जुटे मजदूर घर जाने के अलावा कुछ भी नहीं कर सकते है. उन्होंने बताया कि ऐसे में सैकड़ों मजदूरों के सामने संकट खड़ा हो गया है. जो मजदूर बाहर जा रहे हैं, उनके लिए कई संस्थाओ की ओर से भोजन मुहैया कराया जा रहा है.

बता दें कि कोरोना के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन की वजह से राजस्थान के अन्य जिलों और राज्य में काम करने वाले हजारों मजदूर अपने घर पैदल जाने को मजबूर हैं. बालोतरा के फैक्ट्री एरिया में काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण सभी फैक्ट्रियां बंद है.

बालोतरा में बाहरी राज्यों के बॉर्डर पर फंसे मजदूरों को लेकर बस बालोतरा पहुंची तो उसमें 59 सवारी मौजूद दिखे. डॉ. पवन से जांच करवाई गई तो सभी को कोई बुखार, खांसी, जुकाम नहीं होने की शिकायत मिली. सभी को नाकेबंदी पर जांच करने के बाद आगे के लिए रवाना किया गया.

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