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जन्म से दिव्यांग स्वरूप ने स्वतंत्रता दिवस पर दी सबको ये सीख...'मुश्किलों का रोना छोड़...कि जिंदगी पुकार रही है'

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Published : Aug 15, 2019, 10:04 PM IST

देशभर में सभी लोग आजादी का जश्न मना रहे है. बाड़मेर जिला मुख्यालय पर आयोजित जिला स्तरीय मुख्य समारोह में एक मासूम दिव्यांग बच्चे ने मुश्किलात की हालात में अपनी जान देने वाले लोगों की मानसिकता पर अपनी गायकी से करारा जबाव दिया. जिससे वहां बैठे सभी लोगों का दिल जीत लिया.

Divyang sets an example, बाड़मेर न्यूज स्टोरी, slap the mindset people

बाड़मेर. जहां पूरा देश 73 वां स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहा है, बच्चे हो या बूढ़े सभी लोगो के दिल में सिर्फ देशभक्ति नजर आ रही है और जुबान पर भारत माता की जय का नारा है. वहीं इन सबो के बीच एक ऐसा वाक्या हुआ जिसने सभी का दिल जीत लिया.

दिव्यांग ने सिखाई मुश्किलों में जीने का तरीका

जिले के आदर्श स्टेडियम में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के जिला स्तरीय मुख्य समारोह में उस वक्त समय थम सा गया जब एक 11 साल के मासूम दिव्यांग बच्चे ने मुश्किलात हालातों में अपनी जान देने वाले लोगों की मानसिकता पर करारा तमाचा जड़ दिया. उसने अपनी प्रस्तुति के दौरान 'लक्ष्य' फिल्म का गाना गाया कंधे से मिलते हैं कंधे कदमों से कदम मिलते हैं हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं. वहीं इस गाने की प्रस्तुति के बाद हजारों लोग अपनी जगह पर खड़े होकर तालियां बजाते नजर आए.

यह भी पढ़े: स्वतंत्रता दिवस पर गहलोत सरकार का तोहफा, परीक्षार्थियों और स्वतंत्रता सेनानियों समेत इनको मिलेगी 'खास' सुविधा

महेश्वरी की प्रस्तुति ने सही मायने में यह बात पुरजोर तरीके से सभी के सामने यह मत रखा कि मुश्किल के नाम पर आत्महत्या करने वाले मुश्किलों का बहाना नहीं बनाते हैं वरना जैसी मुश्किल मेरी जिंदगी में है तो मुझे अभी तक अपनी जान दे देनी चाहिए.

दिव्यांग स्वरूप महेश्वरी जिसने यें अदभूत प्रस्तूति की उसके जन्म से ही हाथ पैर काम नहीं करते और कद से भी बेहद छोटा है, बावजूद इसके उसमें जिंदगी जीने की ललक है जिससे वह हर मुश्किल हसते-हसते पार कर लेता है.

यह भी पढ़े: पहलू खान मॉब लिंचिंग केस : बचाव पक्ष के वकील ने कहा- पुलिस बिना किसी गवाहों के निर्दोष लोगों को फंसा रही थी

आयोजन के मुख्य अतिथि राजस्व मंत्री हरीश चौधरी जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता और जिला पुलिस अधीक्षक शिवराज मीणा खुद को रोक नहीं पाए और मैदान में पहुंचकर स्वरूप का हौसला बढ़ाते नजर आए.
आपको बता दे कि है कि पिछले कुछ महीनों से बाड़मेर में लगातार आत्महत्याओ की घटना सुर्खियों में बना हुआ है. आत्महत्याओं की बढ़ती घटनाओं के बाद प्रशासन आत्महत्याओं को रोकने के लिए कई तरीके के कार्यक्रम चला रहा है.

बाड़मेर. जहां पूरा देश 73 वां स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहा है, बच्चे हो या बूढ़े सभी लोगो के दिल में सिर्फ देशभक्ति नजर आ रही है और जुबान पर भारत माता की जय का नारा है. वहीं इन सबो के बीच एक ऐसा वाक्या हुआ जिसने सभी का दिल जीत लिया.

दिव्यांग ने सिखाई मुश्किलों में जीने का तरीका

जिले के आदर्श स्टेडियम में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के जिला स्तरीय मुख्य समारोह में उस वक्त समय थम सा गया जब एक 11 साल के मासूम दिव्यांग बच्चे ने मुश्किलात हालातों में अपनी जान देने वाले लोगों की मानसिकता पर करारा तमाचा जड़ दिया. उसने अपनी प्रस्तुति के दौरान 'लक्ष्य' फिल्म का गाना गाया कंधे से मिलते हैं कंधे कदमों से कदम मिलते हैं हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं. वहीं इस गाने की प्रस्तुति के बाद हजारों लोग अपनी जगह पर खड़े होकर तालियां बजाते नजर आए.

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महेश्वरी की प्रस्तुति ने सही मायने में यह बात पुरजोर तरीके से सभी के सामने यह मत रखा कि मुश्किल के नाम पर आत्महत्या करने वाले मुश्किलों का बहाना नहीं बनाते हैं वरना जैसी मुश्किल मेरी जिंदगी में है तो मुझे अभी तक अपनी जान दे देनी चाहिए.

दिव्यांग स्वरूप महेश्वरी जिसने यें अदभूत प्रस्तूति की उसके जन्म से ही हाथ पैर काम नहीं करते और कद से भी बेहद छोटा है, बावजूद इसके उसमें जिंदगी जीने की ललक है जिससे वह हर मुश्किल हसते-हसते पार कर लेता है.

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आयोजन के मुख्य अतिथि राजस्व मंत्री हरीश चौधरी जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता और जिला पुलिस अधीक्षक शिवराज मीणा खुद को रोक नहीं पाए और मैदान में पहुंचकर स्वरूप का हौसला बढ़ाते नजर आए.
आपको बता दे कि है कि पिछले कुछ महीनों से बाड़मेर में लगातार आत्महत्याओ की घटना सुर्खियों में बना हुआ है. आत्महत्याओं की बढ़ती घटनाओं के बाद प्रशासन आत्महत्याओं को रोकने के लिए कई तरीके के कार्यक्रम चला रहा है.

Intro:बाड़मेर

मुश्किलात में अपनी जान देने वाले लोगों की मानसिकता पर एक दिव्यांग मासूम ने हजारों लोगों के बीच अपनी प्रस्तुति से जड़ा करारा तमाचा

देशभर में आजादी के ऊपर को जैसन से मनाया जा रहा है तो आज बाड़मेर जिला मुख्यालय पर आयोजित जिला स्तरीय मुख्य समारोह में एक मासूम दिव्यांग बच्चे ने मुश्किलात की हालात में अपनी जान देने वाले लोगों की मानसिकता पर अपनी गायकी से करारा तमाचा जड़ दिया।


Body:बाड़मेर जिले के आदर्श स्टेडियम में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के जिला स्तरीय मुख्य समारोह में आज उस वक्त वक्त थम सा गया जब एक 11 साल के मासूम दिव्यांग बच्चे ने कुछ मुश्किलात हालातों में अपनी जान देने वाले लोगों की मानसिकता पर करारा तमाचा अपनी प्रस्तुति से जड़ दिया जन्म से ही दिव्यांग स्वरूप महेश्वरी के हाथ पैर काम नहीं करते और कद्री बेहद छोटा है बावजूद इसके भी जिंदगी जीने की ललक से हर मुश्किल से पार पा रहा है। आज हजारों लोगों से खचाखच भरी आदर्श स्टेडियम में स्वरूप महेश्वरी ने शुरू किया कि लक्ष्य फिल्म का गाना कंधे से मिलते हैं कंधे कदमों से कदम मिलते हैं हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं गाने की प्रस्तुति के बाद हजारों लोग अपनी जगह पर खड़े होकर तालियां बजाते नजर आए आयोजन के मुख्य अतिथि राजस्व मंत्री हरीश चौधरी जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता और जिला पुलिस अधीक्षक शिवराज मीणा खुद को रोक नहीं पाए और मैदान में पहुंचकर स्वरूप का हौसला बढ़ाते नजर आए।


Conclusion:गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से बाड़मेर लगातार राजस्था ही नही बल्कि पूरे देश में आत्महत्याओ की घटनाओं के चलते के सुर्खियों में बना हुआ है आत्महत्याओं की बढ़ती घटनाओं के बाद प्रशासन आत्महत्याओं को रोकने के लिए कई तरीके के कार्यक्रम चला रहा है। आज बाड़मेर जिला मुख्यालय पर दिव्यांशु रूप महेश्वरी की आज की प्रस्तुति सही मायने में यह बात पुरजोर तरीके से सभी के सामने रख गई कि मुश्किल के नाम पर आत्महत्या करने वाले मुश्किलों का बहाना नहीं बनाते हैं वरना स्वरूप जैसी मुश्किल है जिंदगी में तो उनके भी नहीं थी जो अपनी जान दे गए।

बाईट song _ स्वरूप महेश्वरी, दिव्यांग
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