बाड़मेर. सोमवार को बाड़मेर जिले के बायतु में सरकारी एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर के अभाव में युवती की मौत हो गई थी. इस पूरे मामले को लेकर अब राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने जिला कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी है. तथ्यात्मक रिपोर्ट के आधार पर जिला कलेक्टर विश्राम मीणा का कहना है कि ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के कारण युवती की मौत नहीं हुई है. मौत का कारण विषैला पदार्थ खाने के बाद हालत बिगड़ गई, जिसके चलते युवती की मौत हो गई है. उन्होंने कहा कि हमने इस पूरे मामले में एक टीम गठित की है, जो कि पूरे मामले की जांच कर रही है.
रविवार देर शाम चौहटन इलाके से एक युवती को फूड पॉइजनिंग की शिकायत को लेकर निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था, जहां से उसे बाड़मेर जिला मुख्यालय पर राजकीय चिकित्सालय में रैफर किया गया. सोमवार को बाड़मेर चिकित्सालय के डॉक्टरों की टीम ने गंभीर हालत देखते हुए सरकारी एंबुलेंस से जोधपुर रेफर कर दिया. इसी दौरान परिवार की ओर से आरोप लगाया गया है कि 10 किलोमीटर उत्तरलाई के पास ही जाने के बाद सिलेंडर में ऑक्सीजन खत्म हो गया. दूसरा सिलेंडर पूरी तरीके से खाली था, जिसके 30 किलोमीटर बाद ही युवती की मौत हो गई.
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इस पूरे मामले को लेकर मेडिकल विभाग के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. वहीं, मीडिया में लगातार मामला आने के बाद बाड़मेर प्रशासन ने एक टीम गठित कर पूरे मामले की जांच सौंपी है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर जब सरकारी एंबुलेंस के चालक ने यह बोल दिया कि सरकारी एंबुलेंस के सिलेंडर में ऑक्सीजन नहीं था. उसके बावजूद भी रिपोर्ट कलेक्टर को जो भेजी गई है. दोनों ही बातें अपने आप में एक ही सवाल खड़े कर रही है. अब सबकी निगाहें जिला प्रशासन की ओर से गठित कमेटी पर है, जो कि अपनी तथ्यात्मक रिपोर्ट अगले दो-तीन दिन में सौंपी गई.