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बाड़मेर के मुनाबाव को पर्यटन स्थल बनाने की मांग तेज, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

बाड़मेर के अंतिम सरहदी मुनाबाव को पंजाब के वाघा बॉर्डर की तर्ज पर पर्यटन स्थल बनाने की मांग को लेकर जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. साथ ही इसके लिए मुख्यमंत्री से बजट देने की मांग भी की गई है.

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बाड़मेर के मुनाबाव को पर्यटन स्थल बनाने की मांग तेज
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Published : Feb 16, 2021, 9:07 PM IST

बाड़मेर. जिले के अंतिम सरहदी मुनाबाव को पंजाब के वाघा बॉर्डर की तर्ज पर पर्यटन स्थल बनाने की मांग के साथ मुख्यमंत्री से बजट देने की मांग को लेकर मंगलवार को सीमावर्ती जनप्रतिनिधियों सहित ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. जिलाध्यक्ष सरपंच संघ के अध्यक्ष हिंदूसिंह तामलोर ने बताया कि हम सभी सरपंच मुख्यमंत्री से गुजरात सरकार की तरह नाड़ाबेट, कच्छ के रण में 'सीमा दर्शन' की तर्ज पर मुनाबाव में पर्यटक स्थल बनाने की मांग करते हैं. आगामी राज्य बजट में मुनाबाव पर्यटक स्थल के लिए बजट देने की मांग करते हैं. इस मुहिम में हम सभी ग्रामीण साथ हैं.

अभी बाड़मेर के अंतिम सरहदी मुनाबाव-गडरारोड तक बॉर्डर देखने के लिए सैकड़ों स्थानीय पर्यटक, प्रशासनिक अधिकारी पहुंच रहे हैं. साथ ही मुनाबाव के समीप ही इन दिनों रोहिड़ी के मखमली धोरे जैसलमेर के सम के धोरों की तरह विख्यात हो रहे हैं. केंद्र सरकार द्वारा निर्मित भारत माला सड़क मार्ग से गडरारोड, मुनाबाव, रोहिड़ी गांव भी जुड़ गए हैं, जिससे क्षेत्र में पर्यटन विकास की उम्मीद जगी है. गुजरात के कच्छ के रण व नाड़ाबेट पर्यटन स्थलों से मुनाबाव-सुंदरा-तनोट माता (जैसलमेर) तक 550 किमी लम्बा सड़क मार्ग बनकर तैयार है, जो बाड़मेर जिले में पर्यटन का द्वार खोल सकता हैं. इस मार्ग के बीच चौहटन का विरात्रा माता धाम, केराड़ू के मंदिर ,रेडाणा का रण, मुनाबाव भी जुड़ रहा है.

यह भी पढ़ें- राजस्थान: 4 सीटों पर उपचुनाव में जीत के लिए कांग्रेस दिवंगत विधायकों के परिवार पर ही निर्भर

समय समय पर सीमावर्ती ग्रामीणों एवं बीएसएफ के बीच सामाजिक सौहार्द, सिविक एक्शन, निशुल्क मेडिकल कैम्प, कैमल सफारी, मनोरंजन के विभिन्न कार्यक्रम होते रहते हैं, जिसमें हम सबकी सहभागिता रहती हैं. ऐसे में पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर में पर्यटन की दृष्टि यह बहुत बड़ा केंद्र बन सकता है. लाखों गुजरात, महाराष्ट्र के पर्यटकों के आने से जहां राज्य सरकार को आय होगी. वहीं सीमांत रेगिस्तानी पिछड़े इलाके के हम सभी ग्रामीणों को भी रोजगार उपलब्ध हो सकता हैं. इसलिए हम सभी सीमावर्ती ग्रामीण गुजरात के नाड़ाबेट, कच्छ के रण, पंजाब के वाघा बॉर्डर की तरह मुनाबाव में पर्यटन विकास की मांग करते हैं.

इस दौरान जिलाध्यक्ष हिन्दु सिंह तामलोर, सरपंच ईशाक खान रोहिडी, गोरधन सिंह खबड़ाला पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह गोरडीया, चन्द्रवीरसिंह बलाई, नारायण सिंह इंद्रोई कल्याण सिंह कपूरडी बादल सिंह दहिया, पूर्व पार्षद जालम सिंह जालीपा, सरपंच कैलाश दान झणकली, ऐडवोकेट सवाई सिंह रामदेरिया, दीपक ड़ागला, अनुज खत्री, लोकेंद्र सिंह गोरडीया, मेवाराम भील सहित कई लोग मौजूद रहे.

बाड़मेर. जिले के अंतिम सरहदी मुनाबाव को पंजाब के वाघा बॉर्डर की तर्ज पर पर्यटन स्थल बनाने की मांग के साथ मुख्यमंत्री से बजट देने की मांग को लेकर मंगलवार को सीमावर्ती जनप्रतिनिधियों सहित ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. जिलाध्यक्ष सरपंच संघ के अध्यक्ष हिंदूसिंह तामलोर ने बताया कि हम सभी सरपंच मुख्यमंत्री से गुजरात सरकार की तरह नाड़ाबेट, कच्छ के रण में 'सीमा दर्शन' की तर्ज पर मुनाबाव में पर्यटक स्थल बनाने की मांग करते हैं. आगामी राज्य बजट में मुनाबाव पर्यटक स्थल के लिए बजट देने की मांग करते हैं. इस मुहिम में हम सभी ग्रामीण साथ हैं.

अभी बाड़मेर के अंतिम सरहदी मुनाबाव-गडरारोड तक बॉर्डर देखने के लिए सैकड़ों स्थानीय पर्यटक, प्रशासनिक अधिकारी पहुंच रहे हैं. साथ ही मुनाबाव के समीप ही इन दिनों रोहिड़ी के मखमली धोरे जैसलमेर के सम के धोरों की तरह विख्यात हो रहे हैं. केंद्र सरकार द्वारा निर्मित भारत माला सड़क मार्ग से गडरारोड, मुनाबाव, रोहिड़ी गांव भी जुड़ गए हैं, जिससे क्षेत्र में पर्यटन विकास की उम्मीद जगी है. गुजरात के कच्छ के रण व नाड़ाबेट पर्यटन स्थलों से मुनाबाव-सुंदरा-तनोट माता (जैसलमेर) तक 550 किमी लम्बा सड़क मार्ग बनकर तैयार है, जो बाड़मेर जिले में पर्यटन का द्वार खोल सकता हैं. इस मार्ग के बीच चौहटन का विरात्रा माता धाम, केराड़ू के मंदिर ,रेडाणा का रण, मुनाबाव भी जुड़ रहा है.

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समय समय पर सीमावर्ती ग्रामीणों एवं बीएसएफ के बीच सामाजिक सौहार्द, सिविक एक्शन, निशुल्क मेडिकल कैम्प, कैमल सफारी, मनोरंजन के विभिन्न कार्यक्रम होते रहते हैं, जिसमें हम सबकी सहभागिता रहती हैं. ऐसे में पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर में पर्यटन की दृष्टि यह बहुत बड़ा केंद्र बन सकता है. लाखों गुजरात, महाराष्ट्र के पर्यटकों के आने से जहां राज्य सरकार को आय होगी. वहीं सीमांत रेगिस्तानी पिछड़े इलाके के हम सभी ग्रामीणों को भी रोजगार उपलब्ध हो सकता हैं. इसलिए हम सभी सीमावर्ती ग्रामीण गुजरात के नाड़ाबेट, कच्छ के रण, पंजाब के वाघा बॉर्डर की तरह मुनाबाव में पर्यटन विकास की मांग करते हैं.

इस दौरान जिलाध्यक्ष हिन्दु सिंह तामलोर, सरपंच ईशाक खान रोहिडी, गोरधन सिंह खबड़ाला पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह गोरडीया, चन्द्रवीरसिंह बलाई, नारायण सिंह इंद्रोई कल्याण सिंह कपूरडी बादल सिंह दहिया, पूर्व पार्षद जालम सिंह जालीपा, सरपंच कैलाश दान झणकली, ऐडवोकेट सवाई सिंह रामदेरिया, दीपक ड़ागला, अनुज खत्री, लोकेंद्र सिंह गोरडीया, मेवाराम भील सहित कई लोग मौजूद रहे.

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