बाड़मेर. मध्य प्रदेश की सियासी घटनाक्रम के बीच राजस्थान के कद्दावर जाट नेता और वर्तमान में कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए दो टूक शब्दों में कहा कि मध्यप्रदेश में ज्योतिराज सिंधिया की सरकार ने नहीं सुनी. इसके चलते ये हालात बने. साथ ही कहा कि राजस्थान में मेरी भी बात नहीं सुनी जा रही है. जनता का कोई कामकाज नहीं हो रहा है. जो घोषणा पत्र में हमने जनता से वादे किए थे, उस पर कोई खास काम नहीं हो रहा है. इसलिए मुझे भी ये कहना पड़ रहा है कि राजनीति में भी सरकारी नौकरियों की तरह वीआरएस की जगह वीआरपी होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी टिकट की चाह नहीं की. लेकिन, 2013 में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के फोन के कारण मैंने चुनाव लड़ा और इस बार भी मुझे पार्टी ने जबरदस्त तरीके से चुनाव लड़ा था. अब मैं जनता का काम नहीं कर पा रहा हूं. मुझे इस बात का बेहद दुख है और आज चापलूसी का जमाना है. कोई भी नेता सीधा और साफ नहीं बोलता, क्योंकि हर किसी को अपनी कुर्सी प्यारी है. मैं यह चाहता हूं कि जनता की आवाज सरकार सुने. मैंने कई बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी बता दिया है, लेकिन कई मामलों में मेरी सुनवाई नहीं हुई है.
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उन्होंने कहा कि अब अगर मेरे धैर्य ने जवाब दिया तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. राजस्थान में आगे क्या होगा. इस पर में कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. लेकिन, सरकार ने मुझे जैसे सीनियर की भी सुनवाई नहीं हो रही है तो आप समझ सकते हैं कि क्या हाल है.