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पायलट गुट के विधायक हेमाराम चौधरी ने विधानसभा सदस्यता से दिया इस्तीफा, सरकार से चल रहे थे नाराज - सचिन पायलट

सचिन पायलट गुट के नेता और गुड़ामालानी से कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी (hemaram chaudhary resign) ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को भेज दिया है. पिछले काफी समय से हेमाराम चौधरी अपनी सरकार से नाराज चल रहे थे. बजट सत्र में उन्होंने कहा था कि मुझे विधानसभा से वीआरएस दे दिया जाए, अगर मुझ से दुश्मनी है तो वह मुझसे निकाली जाए, मेरे क्षेत्र की जनता ने क्या बिगाड़ा है.

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विधायक हेमाराम चौधरी ने विधानसभा सदस्यता से दिया इस्तीफा
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Published : May 18, 2021, 3:42 PM IST

Updated : May 18, 2021, 7:43 PM IST

जयपुर/बाड़मेर. गुड़ामालानी से कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी (congress mla hemaram chaudhary resign) ने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. मंगलवार को उन्होंने इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को भेज दिया है. पिछले लंबे समय से हेमाराम चौधरी अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज मुखर कर रहे थे. हेमाराम चौधरी सचिन पायलट गुट के नेता हैं और वो पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के साथ ही कई अन्य मांगों को लेकर लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विरोध कर रहे थे.

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हेमाराम चौधरी का इस्तीफा

पढ़ें: इंदिरा गांधी नहर में 4 दिनों में मिले 10 बम, खुफिया एजेंसियां अलर्ट...सुरक्षा में पुलिस जवान तैनात

पिछले साल जब सचिन पायलट के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ बगावत हुई थी तो उसकी अगुवाई भी करने वालों में हेमाराम चौधरी भी थे. बजट सत्र में चर्चा के दौरान भी चौधरी ने अपनी सरकार को आड़े हाथों लिया था. उसके बाद समय-समय पर लगातार वो सरकार का विरोध कर रहे थे. उन्होंने गहलोत सरकार की नीतियों सहित कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर भी सवाल खड़े किए थे. उन्होंने कई बार यह भी आरोप लगाया है कि सरकार ने जो वादे किए थे, उस पर खरा नहीं उतर रही है. इस कारण से जनता हमसे नाराज है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो 2023 में वापस चुन कर आना मुश्किल हो जाएगा. ऐसे में सरकार को जो वादे अपने घोषणापत्र में किए हैं. उन्हें पूरा करना चाहिए.

फाइल वीडियो

हरीश चौधरी से चल रही थी अदावत

हेमाराम चौधरी ने राजस्थान विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम 173 के तहत विधानसभा क्षेत्र गुड़ामालानी की विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया है. जिसे उन्होंने आज ही स्वीकृत करने की मांग की है. विधानसभा चुनावों के बाद से ही मंत्री न बनाये जाने और अपनी उपेक्षा से हेमाराम चौधरी लगातार नाराज चल रहे थे. हेमाराम को मंत्री नहीं बनाए जाने पर जयपुर में उनके समर्थकों ने मुख्यमंत्री आवास पर विरोध भी जताया था.

एक बार पहले भी हेमाराम चौधरी दे चुके हैं इस्तीफा

उनके समर्थकों का कहना था कि वरिष्ठ होने के बावजूद भी हरीश चौधरी को मंत्री बनाया जा रहा है जो गलत है. बाद में हेमाराम चौधरी ने पूर्व उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष रहे सचिन पायलट का दामन थाम लिया था. सचिन पायलट ने जब बगावती तेवर अपनाए तो हेमाराम चौधरी भी उन 19 विधायकों में शामिल थे, जो बाड़ेबंदी में मानेसर चले गए थे. हेमाराम चौधरी इससे पहले प्रदेश में राजस्व, जल संसाधन, कृषि, परिवार कल्याण विभाग जैसे प्रमुख मंत्रालय संभाल चुके हैं. वसुंधरा सरकार के समय प्रतिपक्ष के नेता भी रह चुके हैं.

हेमाराम चौधरी पायलट गुट के नेता हैं

दबाव बनाने की राजनीतिक या उठापटक की आहट

हेमाराम चौधरी की नाराजगी बाड़मेर से ही आने वाले मंत्री हरीश चौधरी से मानी जाती रही है. लेकिन अब वह सचिन पायलट कैंप के भी प्रमुख सदस्य हैं. ऐसे में उनका इस्तीफा देने का निर्णय सीधा सचिन पायलट के साथ जुड़ता है. और इस्तीफे जैसी बड़ी घटना इस ओर इशारा करती है कि क्या राजस्थान में फिर कोई राजनीतिक उठापटक हो सकती है या फिर यह केवल एक दबाव बनाने की राजनीति है.

विधानसभा में कहा था मुझे वीआरएस दे दो

2018 में सरकार बनने के बाद से ही हेमाराम चौधरी ने बगावती तेवर अपना लिए थे. मंत्री नहीं बनाए जाने से वह पहले से नाराज थे तो वहीं अपने विधानसभा में काम नहीं होने पर उन्होंने विधानसभा में खड़े होकर यहां तक कह दिया था कि अगर मेरे क्षेत्र के काम नहीं किए जाएं तो फिर ऐसी विधायकी किस काम की. मुझे विधानसभा से वीआरएस दे दिया जाए. वही हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा के बजट सत्र में भी उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की थी. बजट सत्र में हेमाराम चौधरी ने कहा था कि अगर मुझ से दुश्मनी है तो वह मुझसे निकाली जाए, मेरे क्षेत्र की जनता ने क्या बिगाड़ा है.

जयपुर/बाड़मेर. गुड़ामालानी से कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी (congress mla hemaram chaudhary resign) ने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. मंगलवार को उन्होंने इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को भेज दिया है. पिछले लंबे समय से हेमाराम चौधरी अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज मुखर कर रहे थे. हेमाराम चौधरी सचिन पायलट गुट के नेता हैं और वो पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के साथ ही कई अन्य मांगों को लेकर लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विरोध कर रहे थे.

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हेमाराम चौधरी का इस्तीफा

पढ़ें: इंदिरा गांधी नहर में 4 दिनों में मिले 10 बम, खुफिया एजेंसियां अलर्ट...सुरक्षा में पुलिस जवान तैनात

पिछले साल जब सचिन पायलट के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ बगावत हुई थी तो उसकी अगुवाई भी करने वालों में हेमाराम चौधरी भी थे. बजट सत्र में चर्चा के दौरान भी चौधरी ने अपनी सरकार को आड़े हाथों लिया था. उसके बाद समय-समय पर लगातार वो सरकार का विरोध कर रहे थे. उन्होंने गहलोत सरकार की नीतियों सहित कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर भी सवाल खड़े किए थे. उन्होंने कई बार यह भी आरोप लगाया है कि सरकार ने जो वादे किए थे, उस पर खरा नहीं उतर रही है. इस कारण से जनता हमसे नाराज है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो 2023 में वापस चुन कर आना मुश्किल हो जाएगा. ऐसे में सरकार को जो वादे अपने घोषणापत्र में किए हैं. उन्हें पूरा करना चाहिए.

फाइल वीडियो

हरीश चौधरी से चल रही थी अदावत

हेमाराम चौधरी ने राजस्थान विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम 173 के तहत विधानसभा क्षेत्र गुड़ामालानी की विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया है. जिसे उन्होंने आज ही स्वीकृत करने की मांग की है. विधानसभा चुनावों के बाद से ही मंत्री न बनाये जाने और अपनी उपेक्षा से हेमाराम चौधरी लगातार नाराज चल रहे थे. हेमाराम को मंत्री नहीं बनाए जाने पर जयपुर में उनके समर्थकों ने मुख्यमंत्री आवास पर विरोध भी जताया था.

एक बार पहले भी हेमाराम चौधरी दे चुके हैं इस्तीफा

उनके समर्थकों का कहना था कि वरिष्ठ होने के बावजूद भी हरीश चौधरी को मंत्री बनाया जा रहा है जो गलत है. बाद में हेमाराम चौधरी ने पूर्व उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष रहे सचिन पायलट का दामन थाम लिया था. सचिन पायलट ने जब बगावती तेवर अपनाए तो हेमाराम चौधरी भी उन 19 विधायकों में शामिल थे, जो बाड़ेबंदी में मानेसर चले गए थे. हेमाराम चौधरी इससे पहले प्रदेश में राजस्व, जल संसाधन, कृषि, परिवार कल्याण विभाग जैसे प्रमुख मंत्रालय संभाल चुके हैं. वसुंधरा सरकार के समय प्रतिपक्ष के नेता भी रह चुके हैं.

हेमाराम चौधरी पायलट गुट के नेता हैं

दबाव बनाने की राजनीतिक या उठापटक की आहट

हेमाराम चौधरी की नाराजगी बाड़मेर से ही आने वाले मंत्री हरीश चौधरी से मानी जाती रही है. लेकिन अब वह सचिन पायलट कैंप के भी प्रमुख सदस्य हैं. ऐसे में उनका इस्तीफा देने का निर्णय सीधा सचिन पायलट के साथ जुड़ता है. और इस्तीफे जैसी बड़ी घटना इस ओर इशारा करती है कि क्या राजस्थान में फिर कोई राजनीतिक उठापटक हो सकती है या फिर यह केवल एक दबाव बनाने की राजनीति है.

विधानसभा में कहा था मुझे वीआरएस दे दो

2018 में सरकार बनने के बाद से ही हेमाराम चौधरी ने बगावती तेवर अपना लिए थे. मंत्री नहीं बनाए जाने से वह पहले से नाराज थे तो वहीं अपने विधानसभा में काम नहीं होने पर उन्होंने विधानसभा में खड़े होकर यहां तक कह दिया था कि अगर मेरे क्षेत्र के काम नहीं किए जाएं तो फिर ऐसी विधायकी किस काम की. मुझे विधानसभा से वीआरएस दे दिया जाए. वही हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा के बजट सत्र में भी उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की थी. बजट सत्र में हेमाराम चौधरी ने कहा था कि अगर मुझ से दुश्मनी है तो वह मुझसे निकाली जाए, मेरे क्षेत्र की जनता ने क्या बिगाड़ा है.

Last Updated : May 18, 2021, 7:43 PM IST
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