बाड़मेर. केंद्र सरकार द्वारा हर घर बिजली पहुंचाने वाली पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना बाड़मेर जिले में असफल होती नजर आ रही है. वहीं दूसरी ओर राजस्थान सरकार के मुखिया अशोक गहलोत के राज में भी बलाऊ गांव बिजली विभाग की गहरी नींद और लापरवाही का शिकार हो रहा है.
बता दें कि बाड़मेर जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर बलाऊ गांव की इस गांव में आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी 150 घर बिजली की सुविधा से वंचित है. इन घरों के बच्चे रात को केरोसिन से चिमनी जलाकर रोशनी कर पढ़ाई करते हैं. शायद सरकार और विभाग को इन बच्चों के भविष्य एवं स्वास्थ्य की चिंता नहीं है, ना ही अपनी जिम्मेदारी निभाने की परवाह है.
ग्रामीणों का कहना है कि हमने बिजली की समस्या को लेकर कई बार हमारे जनप्रतिनिधियों और बिजली विभाग में जाकर अवगत भी करवा दिया. लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. साथ ही कहना है कि बिजली विभाग कनेक्शन देने के बजाय ग्रामीणों को चक्कर लगवाने में मस्त हैं, कभी बोलते हैं डिमांड करो, कभी बोलते हैं पॉल लगने के बाद डिमांड राशि लेंगे. ऐसे में हम क्या करें समझ में नहीं आ रहा.
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बता दें कि यहां के बच्चे अंधेरे में पढ़ाई करने एवं आने जाने के लिए केरोसिन से जलने वाली चिमनी का उपयोग करते हैं. बच्चों का कहना है कि हमें पढ़ाई करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस पूरे मामले को लेकर जब हमने राजस्थान सरकार के ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला से बात की तो उन्होंने कहा कि दिसंबर तक पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत जिन्होंने अभेदन किया है, उन सब जगह बिजली पहुंचा देंगे. लिहाजा, अब देखने वाली बात यह होगी कि कब तक इन घरों में बिजली पहुंचेगी या फिर इस गांव के 150 घरों के बाशिंदों के किस्मत में अंधेरा ही लिखा है.