बाड़मेर. राजस्थान के बाड़मेर जिले में घर का कर्ज उतारने के लिए पांचवी कक्षा में पढ़ने वाली मासूम बच्ची का 35 साल के शख्स से जबरदस्ती ब्याह कराया (Child Marriage In Barmer) गया. बाद में पीड़ित नाबालिग ने एसपी के समक्ष पेश होकर न्याय की गुहार लगाई है. जानकारी के अनुसार सदर थाना क्षेत्र इलाके की एक नाबालिग का उसकी मां ने कुछ लोगों के बहकावे और पैसों के झांसे में आकर बाल विवाह करवा दिया और उसे ससुराल भेज दिया. बाद में बच्ची के ताऊ उसे वापस लेकर आए.
पड़ोसियों ने कराई बात पक्की: बाल विवाह के खिलाफ (Barmer girl Against Child Marriage) पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन भी सौंपा (Barmer Class 5th Victim Reaches SP for Help) गया है. जिसमें पड़ोसियों का जिक्र है. शिकायत के मुताबिक 20 अप्रैल को बाड़मेर से जबरदस्ती ले जाकर कवास में उसकी शादी करवा दी गई. इस शादी के एवज में लड़के के पिता से 5 लाख रुपए लिए गए. बच्ची को वहीं दो दिन तक रखा भी गया. बच्ची के ताऊ ने बताया कि उसके पिता नहीं हैं. जब पड़ोसियों के जरिए उन्हें इस बारे में खबर हुई तो वो लोग बच्ची को अपने पास ले आए. उन्होंने बताया कि पड़ोसियों और बच्ची की मां ने जबरदस्ती बच्ची पर दबाव डालकर शादी करवा दी और 5 लाख रुपए भी लड़के के पिता से ले लिए. पीड़ित बच्ची की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.
पुलिस ने की तस्दीक: इस पूरे मामले की पुष्टि बाड़मेर पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने भी की है. उन्होंने बताया कि नाबालिग बच्ची अपने ताऊ के साथ उनके सामने पेश (Barmer Class 5th Victim Reaches SP for Help) हुई. बच्ची नाबालिग है और 5 कक्षा में पढ़ती है. भार्गव ने कहा- मैंने बच्ची से बात की तो उसने बताया कि उसकी मां ने जबरन उसकी शादी करवाई है. जिस पर तुरंत सदर थाने में मुकदमा दर्ज हो गया है और पूरे मामले की जांच शुरू की गई है. उन्होंने कहा कि बच्ची का मेडिकल हो गया है और जांच रिपोर्ट आने के बाद विधिक कार्रवाई की जाएगी. जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
बाल विवाह अधिनियम होगा इन पर लागू: SP ने बताया कि जिसने भी ये विवाह करवाया है, इस में सहयोग किया है, यहां तक कि बाराती भी बाल विवाह अधिनियम के तहत दोषी होते हैं. उन पर भी कार्रवाई की जाएगी. इस मामले की जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. एसपी को सौंपे गए ज्ञापन में पीड़ित पक्ष की ओर से कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इसमें कर्ज मुक्त कराने के लिए शादी कराने का भी जिक्र है.