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बाड़मेर: जिला प्रमुख चुनाव में बीजेपी के सदस्य ने किया कांग्रेस को मतदान, कांग्रेस नेताओं ने शाल ओढ़ाकर कराया मतदान

बाड़मेर में जिला परिषद के लिए हुए चुनाव में इस बार कांग्रेस और बीजेपी दोनों की बराबर सीटें आई थी, इसलिए यहां पर सबकी निगाहें थी. गुरुवार को जिला परिषद अध्यक्ष के लिए हुए मतदान के दौरान बीजेपी के एक प्रत्याशी को कांग्रेस के नेता कंंबल ओढ़ाकर मतदान करवाने पहुंचे. जिसके बाद जिले में कांग्रेस का जिला प्रमुख बन गया.

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Published : Dec 11, 2020, 3:11 AM IST

Congress District Head in Barmer, District Head Election in Barmer
जिला प्रमुख चुनाव में बीजेपी के सदस्य ने किया कांग्रेस को मतदान

बाड़मेर. पंचायती राज चुनाव में आए परिणामों के बाद सबकी निगाहें बाड़मेर की तरफ थी, क्योंकि आजादी के बाद से यहां पर जिला प्रमुख की सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है, लेकिन इस बार भाजपा ने जबरदस्त तरीके से वापसी करते हुए कांग्रेस के बराबर सीटें लाई, लेकिन दोनों पार्टियों में से किसी को भी बहुमत हासिल नहीं हुआ. इस बीच बीजेपी से जीते जिला परिषद के सदस्य शंकर देवासी गायब हो गए थे और बीजेपी का पूरा खेल बिगाड़ दिया. बीजेपी यह जानती थी कि उसका जिला परिषद का एक सदस्य गायब है, लेकिन इसके बावजूद भी बीजेपी के नेता यह दावे करते रहेगी उनका जिला प्रमुख बन रहा है, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं.

बीजेपी के नेता दावे करते रहे इस बीच जब मतदान करने की बारी आई तो कांग्रेस के नेता बड़े सुरक्षा घेरे के बीच बीजेपी के गायब हुए शंकर देवासी को शाल ओढ़ाकर लाया गया, जैसे किसी अपराधी को लाया गया हो. एक जीते हुए प्रत्याशी को इस तरह चोरों की तरह ले जाकर वोटिंग करवाई गई.

पढ़ें- जेके लोन में बच्चों की मौत पर वसुंधरा राजे का सरकार पर हमला, ओम बिरला ने की जांच की मांग

सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर 37 में से 36 वोट कास्ट करने के लिए सदस्य आए उनके लिए कोई विशेष व्यवस्था या सुरक्षा नहीं थी, लेकिन एक वोट के लिए विशेष सुरक्षा क्यों दी गई. जिस तरह से एक जीते हुए प्रत्याशी को शाल ओढ़ाकर कर चोरों की तरह मतदान करवाने के लिए लाया गया. इस दौरान मौके पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया. आखिरी कुछ मिनटों में जिस तरह से एक वोट को इतने तामझाम सुरक्षा बंदोबस्त के बीच लाया गया, जिसे देखकर हर कोई दंग रह गया.

बाड़मेर. पंचायती राज चुनाव में आए परिणामों के बाद सबकी निगाहें बाड़मेर की तरफ थी, क्योंकि आजादी के बाद से यहां पर जिला प्रमुख की सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है, लेकिन इस बार भाजपा ने जबरदस्त तरीके से वापसी करते हुए कांग्रेस के बराबर सीटें लाई, लेकिन दोनों पार्टियों में से किसी को भी बहुमत हासिल नहीं हुआ. इस बीच बीजेपी से जीते जिला परिषद के सदस्य शंकर देवासी गायब हो गए थे और बीजेपी का पूरा खेल बिगाड़ दिया. बीजेपी यह जानती थी कि उसका जिला परिषद का एक सदस्य गायब है, लेकिन इसके बावजूद भी बीजेपी के नेता यह दावे करते रहेगी उनका जिला प्रमुख बन रहा है, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं.

बीजेपी के नेता दावे करते रहे इस बीच जब मतदान करने की बारी आई तो कांग्रेस के नेता बड़े सुरक्षा घेरे के बीच बीजेपी के गायब हुए शंकर देवासी को शाल ओढ़ाकर लाया गया, जैसे किसी अपराधी को लाया गया हो. एक जीते हुए प्रत्याशी को इस तरह चोरों की तरह ले जाकर वोटिंग करवाई गई.

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सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर 37 में से 36 वोट कास्ट करने के लिए सदस्य आए उनके लिए कोई विशेष व्यवस्था या सुरक्षा नहीं थी, लेकिन एक वोट के लिए विशेष सुरक्षा क्यों दी गई. जिस तरह से एक जीते हुए प्रत्याशी को शाल ओढ़ाकर कर चोरों की तरह मतदान करवाने के लिए लाया गया. इस दौरान मौके पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया. आखिरी कुछ मिनटों में जिस तरह से एक वोट को इतने तामझाम सुरक्षा बंदोबस्त के बीच लाया गया, जिसे देखकर हर कोई दंग रह गया.

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