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मानवेन्द्र के उतरते ही...भाजपा को दिखाई देने लगे हैं कर्नल सोनाराम

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Published : Apr 1, 2019, 11:49 AM IST

लोकसभा चुनाव के मैदान में हॉट सीट बनी बाड़मेर-जैसलमेर के प्रत्याशी को लेकर भाजपा मंथन में जुटी है. इस मंथन के दौरान शेष नामों के साथ ही आला नेताओं का ध्यान कर्नल सोनाराम के नाम पर भी टिक गया है....

बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट के प्रत्याशी को लेकर अन्य नामों के साथ ही कर्नल सोनाराम के नाम पर भी चर्चा कर रही भाजपा।

बाड़मेर . लोकसभा चुनाव के मैदान में चढ़ते सियासी पारे के बीच पश्चिमी राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर सियासतदारों की निगाहें टिक गई है. इस सीट पर कांग्रेस की ओर से मानवेंद्र सिंह को मैदान में उतारने के बाद बदले समीकरण के बीच मंथन कर रही भाजपा के भीतर मौजूदा सांसद कर्नल सोनाराम फिर चर्चा में आ गए हैं. जिसके बाद इस सीट पर सियासी उबाल आने के साथ ही कयासों का दौर शुरू हो गया है.

बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से मैदान में उतरने के साथ ही मानवेंद्र सिंह ने राजनीतिक समीकरणों को बिठाना शुरू कर दिया है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस सीट पर बदले समीकरण के बीच प्रत्याशी को लेकर मंथन कर रहे भाजपा के आला नेताओं का ध्यान एक बार फिर कर्नल सोनाराम पर टिकने लगा है. मानवेंद्र की काट के लिए पार्टी आलाकमान यहां पर मजबूत प्रत्याशी को उतारने को लेकर मंथन कर रही है. पार्टी के जानकारों का कहना है कि इस लिहाज से कर्नल सोनाराम फिर चर्चा में आ गए हैं. क्योंकि, पार्टी के शीर्ष नेताओं का मानना है कि मानवेंद्र के सामने कड़ी टक्कर देने के लिहाज से कर्नल सोनाराम मजबूत प्रत्याशी हो सकते हैं.

हालांकि, बताया जा रहा है कि सोनाराम को दोबारा टिकट देने के पक्ष में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे नहीं हैं. वे इस सीट पर इस बार किसी नए चेहरे पर दांव लगाना चाहती हैं. ऐसे में इस सीट को लेकर पार्टी के भीतर उलझन बरकरार बनी हुई है. आपको बता दें कि इस सीट के प्रत्याशी के तौर पर भाजपा के भीतर महेंद्र चौधरी, कैलाश चौधरी और एनआर चौधरी के नाम पर भी चर्चा जारी है. इन चर्चाओं के बीच किसका भाग्य खुलेगा, इसी को लेकर सभी की निगाहें आलाकमान के निर्णय पर टिकी हुई है. आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर मानवेंद्र सिंह के कांग्रेस में जाने के बाद यह पहला लोकसभा चुनाव है. ऐसे में ये सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा से जुड़ी सीट बन गई है. इस सीट पर दोबारा कब्जा हासिल करने के लिए भाजपा हर संभावित प्रत्याशी को लेकर चर्चा करते बारीक से बारीक समीकरणों को भी खंगाल रही है.

बाड़मेर . लोकसभा चुनाव के मैदान में चढ़ते सियासी पारे के बीच पश्चिमी राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर सियासतदारों की निगाहें टिक गई है. इस सीट पर कांग्रेस की ओर से मानवेंद्र सिंह को मैदान में उतारने के बाद बदले समीकरण के बीच मंथन कर रही भाजपा के भीतर मौजूदा सांसद कर्नल सोनाराम फिर चर्चा में आ गए हैं. जिसके बाद इस सीट पर सियासी उबाल आने के साथ ही कयासों का दौर शुरू हो गया है.

बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से मैदान में उतरने के साथ ही मानवेंद्र सिंह ने राजनीतिक समीकरणों को बिठाना शुरू कर दिया है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस सीट पर बदले समीकरण के बीच प्रत्याशी को लेकर मंथन कर रहे भाजपा के आला नेताओं का ध्यान एक बार फिर कर्नल सोनाराम पर टिकने लगा है. मानवेंद्र की काट के लिए पार्टी आलाकमान यहां पर मजबूत प्रत्याशी को उतारने को लेकर मंथन कर रही है. पार्टी के जानकारों का कहना है कि इस लिहाज से कर्नल सोनाराम फिर चर्चा में आ गए हैं. क्योंकि, पार्टी के शीर्ष नेताओं का मानना है कि मानवेंद्र के सामने कड़ी टक्कर देने के लिहाज से कर्नल सोनाराम मजबूत प्रत्याशी हो सकते हैं.

हालांकि, बताया जा रहा है कि सोनाराम को दोबारा टिकट देने के पक्ष में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे नहीं हैं. वे इस सीट पर इस बार किसी नए चेहरे पर दांव लगाना चाहती हैं. ऐसे में इस सीट को लेकर पार्टी के भीतर उलझन बरकरार बनी हुई है. आपको बता दें कि इस सीट के प्रत्याशी के तौर पर भाजपा के भीतर महेंद्र चौधरी, कैलाश चौधरी और एनआर चौधरी के नाम पर भी चर्चा जारी है. इन चर्चाओं के बीच किसका भाग्य खुलेगा, इसी को लेकर सभी की निगाहें आलाकमान के निर्णय पर टिकी हुई है. आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर मानवेंद्र सिंह के कांग्रेस में जाने के बाद यह पहला लोकसभा चुनाव है. ऐसे में ये सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा से जुड़ी सीट बन गई है. इस सीट पर दोबारा कब्जा हासिल करने के लिए भाजपा हर संभावित प्रत्याशी को लेकर चर्चा करते बारीक से बारीक समीकरणों को भी खंगाल रही है.

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मानवेन्द्र के उतरते ही...भाजपा को दिखाई देने लगे हैं कर्नल सोनाराम



लोकसभा चुनाव के मैदान में हॉट सीट बनी बाड़मेर-जैसलमेर के प्रत्याशी को लेकर भाजपा मंथन में जुटी है. इस मंथन के दौरान शेष नामों के साथ ही आला नेताओं का ध्यान कर्नल सोनाराम के नाम पर भी टिक गया है....



बाड़मेर . लोकसभा चुनाव के मैदान में चढ़ते सियासी पारे के बीच पश्चिमी राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर सियासतदारों की निगाहें टिक गई है. इस सीट पर कांग्रेस की ओर से मानवेंद्र सिंह को मैदान में उतारने के बाद बदले समीकरण के बीच मंथन कर रही भाजपा के भीतर मौजूदा सांसद कर्नल सोनाराम फिर चर्चा में आ गए हैं. जिसके बाद इस सीट पर सियासी उबाल आने के साथ ही कयासों का दौर शुरू हो गया है.

बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से मैदान में उतरने के साथ ही मानवेंद्र सिंह ने राजनीतिक समीकरणों को बिठाना शुरू कर दिया है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस सीट पर बदले समीकरण के बीच प्रत्याशी को लेकर मंथन कर रहे भाजपा के आला नेताओं का ध्यान एक बार फिर कर्नल  सोनाराम पर टिकने  लगा है. मानवेंद्र की काट के लिए पार्टी आलाकमान यहां पर मजबूत प्रत्याशी को उतारने को लेकर मंथन कर रही है. पार्टी के जानकारों का कहना है कि इस लिहाज से कर्नल सोनाराम फिर चर्चा में आ गए हैं. क्योंकि, पार्टी के शीर्ष नेताओं का मानना है कि मानवेंद्र के सामने कड़ी टक्कर देने के लिहाज से कर्नल सोनाराम मजबूत प्रत्याशी हो सकते हैं. हालांकि, बताया जा रहा है कि सोनाराम को दोबारा टिकट देने के पक्ष में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे नहीं हैं. वे इस सीट पर इस बार किसी नए चेहरे पर दांव  लगाना चाहती हैं. ऐसे में इस सीट को लेकर पार्टी के भीतर उलझन बरकरार बनी हुई है. आपको बता दें कि इस सीट के प्रत्याशी के तौर पर भाजपा के भीतर महेंद्र चौधरी, कैलाश चौधरी और एनआर चौधरी के नाम पर भी चर्चा जारी है. इन चर्चाओं के बीच किसका भाग्य खुलेगा, इसी को लेकर सभी की निगाहें आलाकमान के निर्णय पर टिकी हुई है. आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर मानवेंद्र सिंह के कांग्रेस में जाने के बाद यह  पहला लोकसभा चुनाव है. ऐसे में ये सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा से जुड़ी सीट बन गई है. इस सीट पर दोबारा कब्जा हासिल करने के लिए भाजपा हर संभावित प्रत्याशी को लेकर चर्चा करते बारीक से बारीक समीकरणों को भी खंगाल रही है.




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