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बाड़मेर: भाजपा का हल्ला बोल, बिजली की बढ़ी दरों के खिलाफ सरकार का विरोध

बाड़मेर जिला मुख्यालय पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बिजली घर के आगे कांग्रेस सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए प्रदर्शन किया, साथ ही कार्यकर्ताओं ने अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन भी सौंपा है.

Barmer news,  burnt CM's effigy, BJP protested
बाड़मेर में कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा ने हल्ला बोलते हुए फूंका सीएम का पुतला
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Published : Aug 31, 2020, 2:56 PM IST

बाड़मेर. बिजली की बढ़ी दरों को लेकर भाजपा गहलोत सरकार के खिलाफ हल्ला बोल कार्यक्रम चला रही है. इसी के तहत सोमवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर भारतीय जनता पार्टी शहर मंडल के कार्यकर्ताओं ने बिजली घर के आगे कांग्रेस सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन सौंपा. इन लोगों का कहना है कि फरवरी 2020 को राज्य के 1 करोड़ 13 लाख उपभोक्ताओं पर विद्युत दर के फिक्स चार्ज पर 12 प्रतिशत बढ़ोतरी कर 70 पैसे प्रति यूनिट बिजली की दरों में वृद्धि हुई है.

भाजपा का हल्ला बोल कार्यक्रम के तहत बिजली बिलों में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ सोमवार सुबह भारतीय जनता पार्टी के शहर मंडल के अध्यक्ष सुरेश मोदी के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने बिजली घर के आगे कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस की नब्ज टटोलने माकन जयपुर तो पधारे, लेकिन पार्टी नेताओं में फैला कोरोना बना चुनौती

भाजपा नगर अध्यक्ष सुरेश मोदी ने बताया कि राज्य सरकार ने जन घोषणा पत्र में बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं करने की घोषणा की थी. दुर्भाग्य से 20 महीने की सरकार ने अलग-अलग समय में 70 पैसे प्रति यूनिट तक वृद्धि कर दी है. इससे फरवरी 2020 को राज्य के 1 करोड़ 13 लाख उपभोक्ताओं पर विद्युत दर के फिक्स चार्ज पर 12 प्रतिशत बढ़ोतरी कर 70 पैसे प्रति यूनिट बिजली की दरों में वृद्धि हुई है. 1400 करोड़ का अतिरिक्त घरेलू उपभोक्ताओं पर भार डाल दिया है.

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जहां सभी वर्गों की आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई है और प्रदेश की गहलोत सरकार ने बिजली के बिल माफ करना तो दूर और बढ़ा दिए हैं, जिसके कारण सभी वर्गों को आर्थिक परेशानियों से लड़ना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले 3 महीने से बिजली की अघोषित कटौती वीसीआर के नाम पर किसानों के हजारों रुपए की वसूली करते हुए भ्रष्टाचार के नए आयाम स्थापित किए हैं. विद्युत की दृष्टि से राजस्थान को आत्मनिर्भर बनाने की थोथी घोषणाओं के पश्चात भी सैकड़ों की महंगी बिजली खरीदकर भारी भ्रष्टाचार किया है.

ये है मांगें

  • कोरोना काल में उपभोक्ताओं के 4 महीने के बिजली के बिल माफ किया जाए.
  • फ्यूल चार्ज एवं स्थाई शुल्क के नाम पर की गई वृद्धि को वापस ले.
  • किसानों के बिजली के बिल माफ किए जाए.
  • बिजली कटौती बंद की जाए.
  • किसानों की अवैध वीसीआर भरना बंद करें.
  • किसानों की सब्सिडी को पुनः शुरू किया जाए.

बाड़मेर. बिजली की बढ़ी दरों को लेकर भाजपा गहलोत सरकार के खिलाफ हल्ला बोल कार्यक्रम चला रही है. इसी के तहत सोमवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर भारतीय जनता पार्टी शहर मंडल के कार्यकर्ताओं ने बिजली घर के आगे कांग्रेस सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन सौंपा. इन लोगों का कहना है कि फरवरी 2020 को राज्य के 1 करोड़ 13 लाख उपभोक्ताओं पर विद्युत दर के फिक्स चार्ज पर 12 प्रतिशत बढ़ोतरी कर 70 पैसे प्रति यूनिट बिजली की दरों में वृद्धि हुई है.

भाजपा का हल्ला बोल कार्यक्रम के तहत बिजली बिलों में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ सोमवार सुबह भारतीय जनता पार्टी के शहर मंडल के अध्यक्ष सुरेश मोदी के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने बिजली घर के आगे कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.

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भाजपा नगर अध्यक्ष सुरेश मोदी ने बताया कि राज्य सरकार ने जन घोषणा पत्र में बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं करने की घोषणा की थी. दुर्भाग्य से 20 महीने की सरकार ने अलग-अलग समय में 70 पैसे प्रति यूनिट तक वृद्धि कर दी है. इससे फरवरी 2020 को राज्य के 1 करोड़ 13 लाख उपभोक्ताओं पर विद्युत दर के फिक्स चार्ज पर 12 प्रतिशत बढ़ोतरी कर 70 पैसे प्रति यूनिट बिजली की दरों में वृद्धि हुई है. 1400 करोड़ का अतिरिक्त घरेलू उपभोक्ताओं पर भार डाल दिया है.

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जहां सभी वर्गों की आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई है और प्रदेश की गहलोत सरकार ने बिजली के बिल माफ करना तो दूर और बढ़ा दिए हैं, जिसके कारण सभी वर्गों को आर्थिक परेशानियों से लड़ना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले 3 महीने से बिजली की अघोषित कटौती वीसीआर के नाम पर किसानों के हजारों रुपए की वसूली करते हुए भ्रष्टाचार के नए आयाम स्थापित किए हैं. विद्युत की दृष्टि से राजस्थान को आत्मनिर्भर बनाने की थोथी घोषणाओं के पश्चात भी सैकड़ों की महंगी बिजली खरीदकर भारी भ्रष्टाचार किया है.

ये है मांगें

  • कोरोना काल में उपभोक्ताओं के 4 महीने के बिजली के बिल माफ किया जाए.
  • फ्यूल चार्ज एवं स्थाई शुल्क के नाम पर की गई वृद्धि को वापस ले.
  • किसानों के बिजली के बिल माफ किए जाए.
  • बिजली कटौती बंद की जाए.
  • किसानों की अवैध वीसीआर भरना बंद करें.
  • किसानों की सब्सिडी को पुनः शुरू किया जाए.
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