बाड़मेर. भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी जिले बाड़मेर के भीमडा गांव निवासी एक सेना के जवान ने अपने बुजुर्ग पिता के साथ मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के समक्ष अपनी और अपने परिवार की जान को खतरा होने और सुरक्षा की मांग को लेकर गुहार लगाई है. इस पर आयोग के अध्यक्ष ने सेना के जवान को भरोसा दिलाते हुए कहा कि आप देश की सुरक्षा करो, हम आपके परिवार की सुरक्षा करवाएंगे.
दरअसल बाड़मेर जिले के भीमडा गांव निवासी सेना के जवान नाथूराम ने बुजुर्ग पिता केशराराम के साथ जिला मुख्यालय पहुंचकर एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण व्यास से मुलाकात कर अपनी पीड़ा बयां की. जवान ने बताया कि उनके पड़ोस के रहने वाले नामजद लोग उनके परिवार के लोगों को ना केवल परेशान करते हैं, बल्कि उनके निर्माण कार्य में भी रुकावट डाल रहे हैं. ऐसे में बुजुर्ग पिता को पड़ोसियों द्वारा लगातार तंग परेशान किया जा रहा है. साथ ही उनकी जान को खतरा है, जिसके चलते जवान को अपनी ड्यूटी से छुट्टी लेकर गांव आना पड़ा है.
जवान ने बताया कि देश की सुरक्षा के लिए वह सरहद पर तैनात है, लेकिन मेरे परिवार की ही सुरक्षा नहीं हो रही है. वहीं खुद की जमीन पर भी काम करने से मना कर धमकाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बुजुर्ग पिता कई बार जिला पुलिस, जिला कलेक्टर संभागीय आयुक्त से मिलकर न्याय की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला. जिसके चलते पीड़ित परिवार ने राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष न्याय की गुहार लगाई है.
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राज्य मानवाधिकार आयोग के गोपालकृष्ण व्यास ने बताया कि बाड़मेर पुलिस अधीक्षक को इस परिवार को सुरक्षा प्रदान कर हस्तक्षेप कर रहे लोगों को रोकने के आदेश दिए. साथ ही जिला पुलिस को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है और पुलिस को पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही जवान को आश्वस्त किया गया है कि आप देश की सुरक्षा करो, हम आपके परिवार की सुरक्षा करवाएंगे.
ये है पूरा मामला
जिले के बायतु थाना क्षेत्र के भीमडा गांव के निवासी बुजुर्ग केशराराम का बेटा देश की सेवा के लिए सरहद पर तैनात है. वहीं यहां पर बुजुर्ग पति पत्नी अपने घर में रहते हैं, लेकिन प्लॉट पर कब्जा करने की नीयत से पड़ोस के कुछ नामजद लोग उन्हें लगातार परेशान करने के साथ ही धमकियां भी दे रहे हैं. ऐसे में बुजुर्ग ने कई बार पुलिस जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त को भी अपनी पीड़ा बयां की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. बुजुर्ग ने अपने बेटे को पूरा घटनाक्रम बताया. जिसके बाद सेना से उनका बेटा छुट्टी लेकर गांव आया और मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को ज्ञापन सौंप कर पूरे घटनाक्रम से अवगत करवा कर न्याय की गुहार लगाई है. जिस पर आयोग के अध्यक्ष ने सेना के जवान को आश्वस्त किया कि आप देश की सुरक्षा करो, हम आपके परिवार की सुरक्षा करवाएंगे.