बाड़मेर. आशा सहयोगिनी की ओर से नियमितीकरण और मानदेय बढ़ाने सहित छह सूत्रीय मांगों को लेकर करीब डेढ़ माह से चल रही हड़ताल सोमवार को समाप्त हो गई है. सोमवार को जिले की आशाएं काम पर लौट आई है. इस दौरान अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को पत्र सौंपकर जिले की आशाओं ने हड़ताल समाप्ति की घोषणा करते हुए अपने काम पर लौट आई.
दरअसल अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ (एकीकृत) बाड़मेर के बैनर तले जिले की आशा सहयोगिनी मानदेय बढ़ाने नियमितकरण सहित 6 सूत्रीय मांगों को लेकर गत 4 जनवरी से कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर चल रही थी. ऐसे में सरकार ने बजट में इन तीन मांगों को मान लिया है. जिसके बाद सोमवार को वह अपने काम पर लौट आई हैं.
अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ (एकीकृत) की जिला अध्यक्ष दरिया खत्री ने बताया कि पिछले लंबे समय से हम 6 सूत्री मांगों को लेकर सरकार से मांग कर रहे थे. वहीं 4 जनवरी से हम हड़ताल पर थे, सरकार ने बजट में हमारी तीन मांगे मान ली है. जिसके बाद आज हमने हड़ताल समाप्ति की घोषणा कर सभी आशा सहयोगिनी अपने काम पर चली गई है.
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उन्होंने बताया कि हमारा मानदेय 2700 से बढ़ाकर 6500 किया गया है और केंद्र की सूची में हमें शामिल किया गया है सहित एक अन्य मांग को पूरा किया गया है. जिसके लिए हम सरकार का आभार व्यक्त करते हैं और साथ ही सरकार से मांग करते हैं कि हमारी शेष रही मांगों को पर भी सरकार ध्यान दें.
ग्राम विकास अधिकारी संघ ने विधायक का जताया
राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी संघ (पंजी) जयपुर के आह्वान पर 30 जनवरी से प्रदेश भर के ग्राम विकास अधिकारी अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर सत्याग्रह कर रहे थे. ऐसे में गहलोत सरकार ने इनकी तीन मांगे मान ली है. ऐसे में बाड़मेर में ग्राम विकास अधिकारियों ने कांग्रेस वरिष्ठ विधायक मेवाराम जैन का साफा और माला पहनाकर आभार व्यक्त किया. वहीं ग्राम विकास अधिकारियों ने एक-दूसरे का मुंह मीठा कर खुशी का इजहार किया.