बाड़मेर. राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी बिजली की बढ़ी दरों को लेकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ हल्ला बोल कार्यक्रम चला रही है. इसी कड़ी में शनिवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर बीजेपी जिला अध्यक्ष आदुराम मेघवाल ने प्रेस वार्ता आयोजित की. इस दौरान उन्होंने बिजली की बढ़ी दरों, कोरोना को कु-प्रबंधन, किसान कर्ज माफी सहित कई मुद्दों को लेकर गहलोत सरकार पर जमकर हल्ला बोला.
बीजेपी जिला अध्यक्ष आदुराम मेघवाल ने कहा कि 75 हजार से भी ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले और एक हजार से ज्यादा मौतें प्रदेश में हो चुकी है. अब उसमें भी मंत्री जी और सरकार की कलाकारी देखिए कि 300 से अधिक मौतों का रिकॉर्ड नहीं है, तो कहीं ना कहीं आज जो स्थिति बनी है. इसलिए मैं आपके माध्यम से आमजन से गुजारिश करना चाहूंगा कि कोरोना का खतरा भी कम नहीं हुआ है. इसलिए सरकार इसके लिए उपाय करें या ना करें, लेकिन आमजन को सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क और सैनिटाइजर से बार-बार हाथ धो लेने का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए.
इस कोरोना काल ने सरकार के प्रबंधन की पोल खोल दी है. प्रदेश में वेंटिलेटर और आईसीयू बेड की कमी होती जा रही है. अभी सरकार सिर्फ आंकड़ा का खेल, खेल रही है. उन्होंने कहा कि साल 2018 में कांग्रेस के घोषणापत्र के दौरान कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता राहुल गांधी ने घोषणा की थी कि 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ करेंगे. लेकिन आजतक किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ. आज भी करीब 22 लाख किसान बैंकों के कर्ज के जाल से मुक्त नहीं हुए हैं.
पढ़ें- रेत के समंदर में 'गोवा बीच' का नजारा, बाड़मेर के रेडाणा में लुत्फ उठा रहे सैलानी
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने जन घोषणापत्र में बिजली के मामले में राजस्थान को आत्मनिर्भर बनाने की बात कही. लेकिन राजस्थान बिजली के मामले में कितना आत्मनिर्भर बना यह सब जानते हैं. सरकार ने कहा था कि गुणवत्तापूर्ण बिजली देंगे, लेकिन इस कोरोना काल में सबसे ज्यादा मार किसी को पड़ी है तो राजस्थान के एक करोड़ 40 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ी है.
साथ ही कहा कि ताज्जुब हुआ प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली की अरे-हमारे बस में नहीं है. इस तरीके के गैर जिम्मेदाराना बयान से अभी कांग्रेस पार्टी की सरकार ने किसी भी तरीके से लोगों को आश्वस्त नहीं किया. क्योंकि, सामान्य परिस्थितियां होती हैं तो उपभोक्ताएं अपनी सुविधानुसार अपना बिल जमा करा देते हैं, लेकिन कोरोना काल में हम लोगों ने जनता की तरफ से मांग की थी कि आप 4 महीने का बिजली का बिल माफ कर दीजिए, दूसरी तरफ किसानों को मिलने वाला 833 रुपए का अनुदान भी सरकार ने बंद कर दिया है.