बाड़मेर. मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती तुफान बाड़मेर के बॉर्डर एरिया में सबसे ज्यादा प्रभावित रहेगा. इसपर जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर हैं. इसका बाड़मेर जिले में सर्वाधिक प्रभाव मंगलवार और बुधवार तक रहेगा. जिला कलेक्टर लोक बंधु ने बताया कि जिले के दूर-दराज बॉर्डर एरिया में प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है. वहीं तहसीदार और विकास अधिकारियों को बार्डर एरिया में रात को स्टे-कर कमान संभालने के निर्देश दिए गए हैं.
बॉर्डर एरिया पर प्रबंधन
उन्होनें बताया कि जिले के दूर-दराज के बॉर्डर एरिया में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है. साथ ही तहसीलदरों और विकास अधिकारियों को उक्त क्षेत्रों मे रात में रुककर राहत कार्यों में कमान संभालने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि बीएसएफ के साथ राहत कार्यों में सहयोग के लिए समन्वय स्थापित किया गया है. साथ ही बताया कि 2 से 3 घण्टे के नोटिस पर आर्मी तैयार रहेगी.
बीएसएफ की टीमें तैनात
मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार बॉर्डर एरिया ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है. बार्डर के 20 किलोमीटर तक के किसी भी एरिया में तूफान से प्रभावित होने वाले गांवों में बीएसएफ की मुस्तैद 4 टीमें बचाव और राहत का कार्य करेंगी.
निर्बाध ऑक्सीजन के लिए प्रबंध
जिला कलेक्टर लोक बंधु ने बताया कि उक्त तौकते चक्रवात की बाड़मेर सहित दक्षिण पश्चित राजस्थान में प्रभाव दिखने की संभावना है. उन्होनें बताया कि इससे जिले को जामनगर से ऑक्सीजन सप्लाई प्रभावित होने की संभावना है. इसके लिए जिले में 3 से 4 दिन के ऑक्सीजन का स्टॉक जमा किया जा रहा है. साथ ही पाली, जालौर और सिरोही के लिए भी स्टॉक रखा जा रहा है.
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उन्होनें बताया कि भारी बारिश और अंधड की परिस्थितियों में चिकित्सालयों, कोविड केयर सेंटर्स और ऑक्सीजन प्लांट्स पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए डीजी जनरेटरर्स के पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
उपखंड अधिकारियों को निर्देश
मौसम विभाग की चेतावनी अनुसार चक्रवर्ती तूफान के प्रभाव से तेज हवा चलने और भारी बरसात की संभावनाओं को देखते हुए जिला कलेक्टर लोक बंधु ने समस्त उपखंड अधिकारियों के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने प्रत्येक कोविड केयर सेंटर एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ऑक्सीजन सपोर्टेड मरीजों को यथासंभव ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर लेने एवं विद्युत आपूर्ति ना होने पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को चलाने के लिए जनरेटर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. जिससे किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.
कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश
उन्होंने उपखंड मुख्यालय, नगर परिषद एवं पंचायत समिति पर नियंत्रण कक्ष 24 घंटे राउंड द क्लॉक स्थापित करने के निर्देश दिए हैं. राहत बचाव के लिए आवश्यक उपकरण जैसे रस्सा, ट्यूब, टॉर्च, लाठी इत्यादि रखने के निर्देश दिए हैं. क्षेत्र के तैराकों की सूची अपडेट कर उनसे संपर्क कर तैयार रहने के लिए भी पाबंद करने को कहा है. उन्होंने पानी के बहाव क्षेत्र में आने वाली बस्तियों का चिह्नित करके सूचना देने के निर्देश दिए हैं.
आमजन को सावधान करें
उन्होंने आमजन को सावधान करने के लिए ग्राम पंचायत एवं नगर परिषद के माध्यम से प्रचार प्रसार कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि आगामी मौसम के मद्देनजर किसानों को यह सलाह दी जाए कि जो फसल कट कर तैयार हो चुकी है या खेतों में अभी पड़ी है, उसे सुरक्षित स्थानों पर भंडारित करें. कृषि मंडियों में खुले आसमान में रखे अनाज को ढककर अथवा सुरक्षित स्थान पर रखें, ताकि उन्हें भीगने से बचाया जा सके.