बाड़मेर. ग्रामीण थाना पुलिस की कस्टडी में एक दलित युवक की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में परिजनों का प्रदर्शन जारी है. परिजनों का आरोप है कि पुलिस कस्टडी के दौरान युवक के साथ मारपीट की गई, जिसके चलते उसकी मौत हो गई. युवक को पुलिस चोरी के आरोप में थाने लाई थी जबकि उसके खिलाफ किसी तरह का मामला दर्ज नहीं किया गया था.
मृत युवक के परिजन 24 घंटे से लगातार समाज के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं. इसमें जोधपुर संभाग के भी कई लोग शामिल हैं. वहीं, हालात को देखते हुए एडीजी रवि प्रकाश को बाड़मेर भेजा गया. सुबह 11 बजे के करीब एडीजी रवि प्रकाश अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ अस्पताल पहुंचे. जहां उन्होंने सबसे पहले मोर्चरी में युवक के शव को देखा.
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एडीजी ने मृत युवक के परिजनों से पोस्टमार्टम करवाने के लिए समझाइश की. इस दौरान उन्होंने समाज के लोगों की मांग भी सुनी. उन्होंने कहा कि जो भी घटना हुई है उसका बहुत दुख है. इस पूरे मामले में पुलिस परिवार को न्याय दिलाने की हर संभव कोशिश करेगी. साथ ही आर्थिक मदद दिलाने के लिए भी कोशिश करेगी.
स्वीकारी गलती
एडीजी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि यदा-कदा लोगों को पूछताछ के लिए थाने में लाना भी पड़ता है और उनके खिलाफ कार्रवाई भी करनी पड़ती है. लेकिन मैं मानता हूं कि मृतक को अवैध हिरासत में रखा गया. अब इस पूरे प्रकरण में कया घटित हुआ इसका खुलासा सीआईडी सीबी की जांच रिपोर्ट में ही हो सकेगा. ऐसे में इससे पहले मेरा कुछ भी बोलना उचित नहीं है. ऐसे में कहीं न कहीं एडीजी ने भी इस बात को माना है कि इस प्रकरण में पुलिस की लापरवाही रही है.
फिलहाल, इस पूरे प्रकरण में एसपी और डीएसपी को एपीओ कर दिया गया है. साथ ही पूरे थाने को लाइन हाजिर किया गया है. वहीं, पुलिस इस पूरे मामले की जांच सीआईडी सीबी से करवा रही है.