बालोतरा (बाड़मेर). जिले के बालोतरा में लूनी नदी अतिक्रमण की जद में आने के बाद एक आरटीआई कार्यकर्ता ने इस पूरे मामले को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की. इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बाड़मेर जिला प्रशासन को जमकर फटकार लगाया और अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए. इसके बाद बाड़मेर प्रशासन द्वारा हाईकोर्ट में 4 चरणों में अतिक्रमण हटाने का एक्शन प्लान प्रस्तुत किया गया था. उसी के तहत दूसरे चरण के तहत अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई. प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई से अतिक्रमियों में जबरदस्त हड़कंप मच गया है. कार्रवाई को अंजाम देते वक्त पुलिस जाब्ता भी भारी संख्या में तैनात किया गया.
बाड़मेर जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि लूनी नदी पर हुए अतिक्रमण को हटाने को लेकर हाईकोर्ट से निर्देश प्राप्त हुए थे. कुल 99 अतिक्रमण चिन्हित किए गए थे. उन्हें हटाने को लेकर हाईकोर्ट में 4 चरणों में एक्शन प्लान प्रस्तुत किया गया था. उन्होंने बताया कि दो चरणों में कुल 32 अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई. तीसरे और चौथे चरण में कुल 36 अतिक्रमण और हटाए जाएंगे. इसके अलावा माननीय उच्च न्यायलय ने 31 अतिक्रमणकरियो को पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही निर्देश दिए हैं कि जब तक उन पर फैसला नहीं आ जाता, तब तक उन्हें नहीं हटाया जाए. उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर 2020 तक कुल 99 में से 68 अतिक्रमण 4 चरणों में हटा दिए जाएंगे और शेष रहे 31 पर फैसला आने के बाद जो निर्देश प्राप्त होंगे, उसके अनुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
उल्लेखनीय है कि लूनी नदी में किए गए अतिक्रमण को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता सुमेर गौड़ ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इस मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने बाड़मेर जिला कलेक्टर व एसपी को इस पूरे मामले को लेकर तलब कर लूनी नदी पर हुए अतिक्रमण को लेकर जमकर फटकार लगाते हुए अतिक्रमण हटाने का एक्शन प्लान तैयार करने के साथ 19 नवंबर को कारवाही के साथ रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे. इस पर प्रशासन ने हाईकोर्ट में अतिक्रमण हटाने के लिए चार चरणों का एक्शन प्लान प्रस्तुत किया था और 31 दिसंबर 2020 तक यह अतिक्रमण हटाए जाने हैं. इसी के तहत प्रशासन ने दूसरे चरण के तहत अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को अंजाम दिया. इस दौरान भारी संख्या में पुलिस जाब्ता तैनात किया गया.