बाड़मेर. कोरोना महामारी की वजह से जहां रोजाना कई लोगों की मौत हो रही है. वहीं, दूसरी ओर इस महामारी के दौर में भी लोग मरीजों को लूटने से नहीं चूक रहे हैं. ऐसे में राज्य सरकार की ओर से निजी जांच प्रयोगशालाओं में कोरोना जांच के लिए अधिकतम रुपए 350 निर्धारित की गई है, बावजूद इसके बाड़मेर जिले के एक निजी डायग्नोस्टिक सेंटर पर मरीजों से 15 सौ रुपए वसूले जा रहे थे. जिसकी शिकायत पर बाड़मेर प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक के खिलाफ कोतवाली थाने में रिपोर्ट देकर मामला दर्ज करवाया है.
बता दें कि कोरोना महामारी के इस मौजूदा दौर में भी कुछ लोग मुनाफाखोरी से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सरहदी जिले बाड़मेर से सामने आया जहां प्रशासन ने एक निजी डायग्नोस्टिक सेंटर पर डिकॉय ऑपरेशन किया वहीं, यहां जांच कराने के लिए मरीजों से 15 सौ रुपए लेने की शिकायत पर डिकॉय ऑपरेशन पुष्टि होने पर बाड़मेर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहन दान रतनू और प्रमुख चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बाबूलाल विश्नोई ने मौके पर पहुंचकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया, जिसके बाद इसकी सूचना प्रशासन को दी गई तो वहीं मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर बाबूलाल विश्नोई की ओर से कोतवाली थाने में रिपोर्ट देकर मामला भी दर्ज करवाया गया है.
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वहीं, मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर बाबूलाल बिश्नोई ने बताया कि कलेक्टर के निर्देशों पर बाड़मेर के विकास अधिकारी ने डिकॉय ऑपरेशन किया, जिसमें कोविड-19 के सैंपल के लिए 15 सौ रुपए लिए गए, जिस पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओमप्रकाश विश्नोई मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहन दान रतनू के साथ मैं भी यहां मौके पर पहुंचा और इस पर कार्रवाई की.
उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 की धारा 5 और क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट के अंतर्गत नियमा अनुसार प्रकरण दर्ज करवाने को लेकर कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी गई है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से निजी जांच प्रयोगशाला में अधिकतम जांच दर 350 प्रति जांच निर्धारित की गई है, जिसके बावजूद भी हिमालया लैब संचालक की ओर से 15 सौ रुपए मरीजों से वसूले जा रहे थे, जिस पर डिकॉय ऑपरेशन कर कार्रवाई की गई.