बाड़मेर. जिले में महिला ने अलग अलग समय में एक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित 3 बच्चों को जन्म दिया, लेकिन दुर्भाग्यवश जन्म के कुछ ही दिनों में बच्चों की मौत हो जाती थी. इस बार एक निजी अस्पताल के चिकित्सक की देखरेख में इस बार महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है. जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित हैं.
जिले के सरूपे का तला निवासी हनीफा पत्नी सनम खान को लगातार अलग-अलग समय में तीन कोलोडियन बेबी हुए. ये एक जेनेटिक डिसऑर्डर है. मां-बाप के गुणसूत्रों के संक्रमण से ऐसे बच्चे जन्मते हैं. इनकी स्किन रबड़ की तरह होती है. दुनिया में करीब 6 लाख बच्चों में से कोई एक इस तरह का बच्चा जन्मता है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि बाड़मेर के सरूपे का तला निवासी हनीफा ने पिछले 4 सालों में ऐसे 3 बच्चों को जन्म दिया. तीनों ही बच्चों की कुछ ही दिनों के बाद मौत हो गई.
चिकित्सकीय भाषा में इस दुर्लभ बीमारी को कोलोडियन बेबी कहते हैं. जब यह बच्चा रोता है तो उसकी चमड़ी फटने लगती है. ऐसे में धीरे-धीरे बच्चे की मौत हो जाती है, लेकिन बाड़मेर में एक निजी अस्पताल के डॉक्टर राहुल बामणिया ने एक साल की मेहनत से इस बीमारी से इस परिवार को मुक्ति दिला दी है, जो कि बेहद बड़ी सफलता है.
डॉ. राहुल बामणिया ने बताया कि हनीफा दिसंबर 2019 में उनके पास आई थी और इस महिला ने पहले कोलोडियन बेबी को जन्म दिया था. जिनकी कुछ समय में ही मौत हो गई. ऐसे में उन्होंने इस महिला का उपचार शुरू किया और विभिन्न जांचों और ट्रीटमेंट के बाद इस बार महिला ने सामान्य बच्चे को जन्म दिया है. उन्होंने कहा कि परिवार के लोगों में भी खुशी है और हमारी पूरी टीम भी इतनी बड़ी सफलता मिलने के बाद उत्साहित है.
क्या होता है कोलोडियन बेबी...
यह बीमारी आमतौर पर 6 लाख बच्चों में से किसी एक को यह बीमारी होती है. मां-बाप के गुणसूत्रों में संक्रमण से ऐसे बच्चे जन्मते हैं. इस बीमारी में बच्चे की स्किन रबड़ की तरह की होती है. जब यह बच्चा रोता है तो उसकी स्किन फटने लगती है. ऐसे में धीरे-धीरे बच्चे की मौत हो जाती है.