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बाड़मेर: अचानक मौसम में आया बदला, चली धूल भरी आंधी - barmer news

सिवाना में धूल भरी आंधी से क्षेत्र का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं उमस भी बढ़ती जा रही है. ऐसे में जिन लोगों को सांस संबंधित बीमारियां है, उनको और परेशानियां हो सकती है. जिसके लिए उन्हें लगातार मास्क का प्रयोग करने की सलाह दी जा रही हैं.

बाड़मेर न्यूज़, धूल भरी अंधी, जनता परेशान, मास्क लगाने की सलाह, Barmer News, Dusty wind, Public upset, Masking advice to wear masks
आसमान में छाई धूल भरी आंधी
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Published : May 13, 2020, 1:46 PM IST

सिवाना(बाड़मेर). गर्मी के मौसम में अचानक से आए बदलाव ने क्षेत्र के जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. सवेरे से ही अचानक मौसम में हुए बदलाव से आसमान में धूल भरी आंधी का गुबार छा गया. आंधी के गुबार से बुजुर्ग लोगों के साथ अस्थमा और सांस की बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ी.

वहीं बाड़मेर मरुस्थलीय जिला होने से यहां उठे धूल ने गांवों और कस्बों को अपनी चपेट में ले लिया है. जिससे सबसे ज्यादा परेशानी रात के समय हो रही है. जब हवा ठंडी होने के साथ ही धूल नीचे आने लगती है. इसी के साथ पछुआ हवाओं ने गर्मी और उमस बढ़ा दी है.

ये पढ़ें- बाड़मेर में फंसे प्रवासी श्रमिकों ने विधायक से की मुलाकात, घर वापसी की लगाई गुहार

इस पर डॉ. संजय शर्मा बीसीएमओ सिवाना ने बताया कि धूल के कारण प्रदूषण भी बढ़ा है. इससे सीने में जकड़न और सांस टूटना आंखों, नाक और गले में जलन, खांसी, बलगम, आदि समस्याएं हो सकती हैं. अस्थमा और पीओपीडी से पीड़ितों में लक्षण और भी गंभीर होते हैं. वहीं उन्होंने बता की खास तौर पर बच्चों और बुजुर्गों को मौसम में आए बदलाव को ध्यान में रखते हुए मास्क लगाना चाहिए.

सिवाना(बाड़मेर). गर्मी के मौसम में अचानक से आए बदलाव ने क्षेत्र के जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. सवेरे से ही अचानक मौसम में हुए बदलाव से आसमान में धूल भरी आंधी का गुबार छा गया. आंधी के गुबार से बुजुर्ग लोगों के साथ अस्थमा और सांस की बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ी.

वहीं बाड़मेर मरुस्थलीय जिला होने से यहां उठे धूल ने गांवों और कस्बों को अपनी चपेट में ले लिया है. जिससे सबसे ज्यादा परेशानी रात के समय हो रही है. जब हवा ठंडी होने के साथ ही धूल नीचे आने लगती है. इसी के साथ पछुआ हवाओं ने गर्मी और उमस बढ़ा दी है.

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इस पर डॉ. संजय शर्मा बीसीएमओ सिवाना ने बताया कि धूल के कारण प्रदूषण भी बढ़ा है. इससे सीने में जकड़न और सांस टूटना आंखों, नाक और गले में जलन, खांसी, बलगम, आदि समस्याएं हो सकती हैं. अस्थमा और पीओपीडी से पीड़ितों में लक्षण और भी गंभीर होते हैं. वहीं उन्होंने बता की खास तौर पर बच्चों और बुजुर्गों को मौसम में आए बदलाव को ध्यान में रखते हुए मास्क लगाना चाहिए.

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