बाड़मेर. जिला जेल में 3 बंदियों के जेल से भागने की नाकाम कोशिश का मामला सामने आया है. बंदियों ने जेल से फरार होने के लिए पहले खुद को कोरोना वायरस संक्रमण का संदिग्ध बताया. इसके लिए तीनों जुकाम होने का बहाना बनाकर आइसोलेशन में शिफ्ट हुए और फिर महिला बैरक में बने आइसोलेशन की दीवार तोड़कर बाहर भागने की कोशिश करने लगे.
मामले सामने आने के बाद उपमहानिरीक्षक कैलाश त्रिवेदी ने जेल का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश जारी किए. उप महानिरीक्षक जेल कैलाश त्रिवेदी ने बताया कि आइसोलेशन में रखे गए तीन बदियों ने जेल की दीवार तोड़कर भागने का प्रयास किया. लेकिन, आरएसी और स्टाफ की सजगता के कारण तीन बंदियों को जेल परिसर में ही पकड़ लिया.
पढ़ें:जयपुर के चारदीवारी क्षेत्र में मिले पांच चीनी नागरिक, इलाके को किया गया सीज
जेल उपमहानिरीक्षक के मुताबिक तीनों बंदियों ने 22 मार्च 2020 को जुकाम और बुखार की शिकायत की थी. जेल में महिला बैरक को आइसोलेशन वार्ड बनाया गया था. कोरोना वायरस के संदिग्ध होने के चलते तीनों को इसमें रखा गया. लेकिन, पंखे के पाइप से उन्होंने बाथरूम की दीवार की पट्टियां निकाली और उससे दीवार में छेदकर फरार होने की कोशिश की, लेकिन पकड़े गए. कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवा दिया गया है.
इस मामले ने जेल की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. साथ ही बता दें कि जेल के पुराने बैरक की दीवार पूरी तरह से छलनी हो चुकी है. इसके चलते दीवार में आसानी से छेद हो गया था.
मुख्य गेट पर तैनात प्रहरी सजगता से फरार नहीं हो सके बंदी
बंदी लोहे के पाइप से दीवार खोदकर एक फीट गहरा छेद करते हुए उसमें से बाहर निकले. लेकिन, मुख्य गेट पर तैनात प्रहरी की नजर पड़ी तो उसने राइफल दिखाकर दी चेतावनी. साथ ही घंटी बजाकर अलर्ट करने पर परिसर में ही दबोच लिए गए. जेल प्रशासन शिकायत पर बंदियों के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया है.