बाड़मेर. अब बाड़मेर जिला भी कोरोना संक्रमण जिलों की सूची में शामिल हो गया है. जिले के एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल के पद पर नियुक्त एक व्यक्ति की वजह से आखिकार बाड़मेर में भी कोरोना ने दस्तक दे दी है. बताया जा रहा है कि प्रिंसिपल मूल रूप से जयपुर का रहने वाला है. वो लॉकडाउन के दौरान वो अपना सरकारी कार्ड दिखाते हुए जयपुर से निजी गाड़ी से अपने साथ 3 अन्य लोगों को लेकर बाड़मेर के कितनोरिया गांव पहुंचा.
इसके बााद ग्रामीणों की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग ने उसका सैंपल जांच के लिए भेजा तो रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई. इसके बाद उसे फौरन जोधपुर के लिए रेफर कर दिया गया. यहां उसका इलाज चल रहा है. साथ ही प्रिंसिपल के संपर्क में आए 11 लोगों को चौहटन में आइसोलेशन में रखा गया है. इसके अवाला प्रशासन ने पूरे गांव में कर्फ्यू लगाया गया है और स्वास्थ्य विभाग की टीमें कितनोरिया गांव में लोगों की स्क्रीनिंग कर रही हैं.
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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कलमेश चौधरी ने बताया कि दो दिन पहले हमें सूचना मिली थी कि जयपुर से कुछ लोग आए हुए हैं. इसका हमने सैंपल लिया और आइसोलेशन में भेजा. देर रात हमें उन सैंपलो में से एक रिपोर्ट पॉजिटिव मिली. कोरोना पॉजिटिव मरीज 2 दिन पहले ही जयपुर के रामगंज से आया है. उसके साथ तीन और लोग थे. कोरोना पॉजिटिव मरीज को जोधपुर रेफर किया गया है और उसके सम्पर्क में आने वाले 11 लोगों को चौहटन में आइसोलेशन रखा है. सभी चिकित्सा विभाग और प्रशासन की निगरानी में है. साथ ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि बाड़मेर के कितनोरिया गांव में करीब चार हजार की आबादी है और उन सभी की स्क्रीनिंग करने के लिए टीमें बना दी गई हैं. जिस किसी में कोरोना के लक्षण दिखेंगे, उसका सैंपल जांच के लिए भेज जाएगा.
जिम्मेदार पद होने के बावजूद प्रिंसिपल ने बरती लापरवाही
जिम्मेदार पद होने के बावजूद सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने काफी ज्यादा कोरोना संक्रमित हो चुके जिले जयपुर से आने के बावजूद बाड़मेर प्रशासन पुलिस को सूचना नहीं दी और अपनी स्क्रीनिंग नहीं करवाई. बाड़मेर पहुंचने के बाद उसने मीटिंग भी ली और काफी लोगों से मिला भी है. उसकी वजह से ही बाड़मेर में कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका है.