अंता (बारां). कोरोना वायरस इस समय देश ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व के लिए एक ग्रहण बन चुका है. इसके चलते सबसे ज्यादा किसी समस्या हो रही है तो वो मेहनत-मजदूरी करने वाला वर्ग है. इन मजदूरों के सामने लॉकडाउन के चलते पहाड़ सा टूट पड़ा है. क्योंकि इन्हें मजदूरी करने को नहीं मिल पा रहा है, जिससे कि उनकी आजीविका चल सके. ऐसे में ये मजदूर अब अपने घर को लौटने के लिए मजदूर हो गए है.
इस दौरान साधनों के अभाव में ये मजदूर सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करने को मजबूर है. साथ ही भारी भरकम सामान और छोटे-छोटे बच्चे भी है. ऐसे में इनकी पीड़ा का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस समय इन पर क्या बीत रही होगी.
पढ़ें- Lock down के पांचवें दिन बंद रहा छबड़ा कस्बा
जयपुर से पैदल चलकर आए मजदूरों का कहना है कि मजदूरी नहीं मिलने के कारण वे अपने गांव मध्यप्रदेश विदिशा जा रहे है, तो कुछ मजदूर छबड़ा जा रहे है. ऐसे में कोई साधन नहीं मिलने के कारण उन्हें भूखे-प्यासे पैदल यात्रा करने पर मजबूर होना पड़ रहा है.
मजदूरों का कहना है कि उन्हें पैदल चलते हुए करीबन 7-8 दिन हो चुके है. परन्तु उनकी कोई सुध नहीं ले रहा है. ऐसा नहीं है कि पैदल यात्रा के दौरान इन मजदूरों पर शासन प्रशासन की नजर नहीं पड़ी हो. परन्तु इसे नजर अंदाज किया जा रहा है.