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बारां: कृषि उपज मंडी के शेड की छाया मजदूरों को नसीब नहीं, व्यापारियों ने जमाया कब्जा

बारां कृषि उपज मंडी में व्यापरियों के अतिक्रमण के चलते किसानों और मजदूरों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. भीषण गर्मी के बीच उन्हें शेड के बाहर तपती धूप में खड़ा रहना पड़ता है.

बारां में कृषि उपज मंडी के शेड की छाया मजदूरों को नसीब नहीं
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Published : Jun 13, 2019, 7:03 PM IST

बारां. कृषि उपज मंडी राजस्थान में अव्वल दर्जे की कृषि मंडी मानी जाती है. ऐसे में यहां किसानों के अनाज को रखने के लिए पर्याप्त शेड भी बनवाए गए हैं, लेकिन व्यापारी की हठधर्मिता के आगे किसानों को शेड की सुविधा नहीं मिल पाती है.

बारां में कृषि उपज मंडी के शेड की छाया मजदूरों को नसीब नहीं

भीषण गर्मी के बीज बारां कृषि उपज मंडी में किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. किसान ही नहीं बल्कि शेड में व्यापारियों का कब्जा रहता है. जिसके चलते 47 से 48 डिग्री तापमान में भीषण गर्मी में मजदूर धूप में खड़े रहते हैं.

हाल ही में कुछ दिनों पूर्व गेहूं की बंपर आवक के दौरान बेमौसम बरसात ने कृषि उपज मंडी की ओर से किसानों के लिए की गई व्यवस्था की पोल खुल गई. मंडी में खुले में रखा किसानों का अनाज पूरी तरह से भीग गया था. बकि उस वक्त भी व्यापारियों द्वारा अपना माल का उठाव नहीं किया गया था और किसानों को कृषि उपज मंडी में अपने अनाज को रखने के लिए जगह मिल पाई थी. उस वक्त भी किसानों को इसकी कीमत अपने अनाज को बारिश में भीगा कर चुकानी पड़ी थी. गत दिनों हम्माल यूनियन द्वारा भी व्यापारियों की हठधर्मिता का विरोध किया था. मंडी के मजदूरों ने अपने काम का बहिष्कार करते हुए शेड से व्यापारी के अतिक्रमण को हटाने की मांग की थी. मजदूरों का कहना था कि इस मामले में सचिव तक शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कृषि उपज मंडी के सचिव ने भी कोई कार्रवाई नहीं की है. जिसके चलते मजदूरों को काम का बहिष्कार करना पड़ रहा है.

हम्माल यूनियन के सचिव हेमराज का कहना है कि मंडी के शेड मैं अनाज के साथ साथ व्यापारियों ने अपने वाहन भी खड़े कर रखे हैं. किसानों के अनाज रखने की जगह अब व्यापारियों ने पार्किंग में तब्दील कर दी है. जिसका खामियाजा किसान और मजदूरों को भुगतना पड़ता है. इस मामले को लेकर बार-बार कृषि उपज मंडी के सचिव से भी मुलाकात करने की कोशिश की गई, लेकिन सचिव के पास बारां कृषि उपज मंडी के अलावा जिले की दो अन्य मंडी का प्रभार होने के कारण उनसे इस मामले में बात नहीं हो सकी.

बारां. कृषि उपज मंडी राजस्थान में अव्वल दर्जे की कृषि मंडी मानी जाती है. ऐसे में यहां किसानों के अनाज को रखने के लिए पर्याप्त शेड भी बनवाए गए हैं, लेकिन व्यापारी की हठधर्मिता के आगे किसानों को शेड की सुविधा नहीं मिल पाती है.

बारां में कृषि उपज मंडी के शेड की छाया मजदूरों को नसीब नहीं

भीषण गर्मी के बीज बारां कृषि उपज मंडी में किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. किसान ही नहीं बल्कि शेड में व्यापारियों का कब्जा रहता है. जिसके चलते 47 से 48 डिग्री तापमान में भीषण गर्मी में मजदूर धूप में खड़े रहते हैं.

हाल ही में कुछ दिनों पूर्व गेहूं की बंपर आवक के दौरान बेमौसम बरसात ने कृषि उपज मंडी की ओर से किसानों के लिए की गई व्यवस्था की पोल खुल गई. मंडी में खुले में रखा किसानों का अनाज पूरी तरह से भीग गया था. बकि उस वक्त भी व्यापारियों द्वारा अपना माल का उठाव नहीं किया गया था और किसानों को कृषि उपज मंडी में अपने अनाज को रखने के लिए जगह मिल पाई थी. उस वक्त भी किसानों को इसकी कीमत अपने अनाज को बारिश में भीगा कर चुकानी पड़ी थी. गत दिनों हम्माल यूनियन द्वारा भी व्यापारियों की हठधर्मिता का विरोध किया था. मंडी के मजदूरों ने अपने काम का बहिष्कार करते हुए शेड से व्यापारी के अतिक्रमण को हटाने की मांग की थी. मजदूरों का कहना था कि इस मामले में सचिव तक शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कृषि उपज मंडी के सचिव ने भी कोई कार्रवाई नहीं की है. जिसके चलते मजदूरों को काम का बहिष्कार करना पड़ रहा है.

हम्माल यूनियन के सचिव हेमराज का कहना है कि मंडी के शेड मैं अनाज के साथ साथ व्यापारियों ने अपने वाहन भी खड़े कर रखे हैं. किसानों के अनाज रखने की जगह अब व्यापारियों ने पार्किंग में तब्दील कर दी है. जिसका खामियाजा किसान और मजदूरों को भुगतना पड़ता है. इस मामले को लेकर बार-बार कृषि उपज मंडी के सचिव से भी मुलाकात करने की कोशिश की गई, लेकिन सचिव के पास बारां कृषि उपज मंडी के अलावा जिले की दो अन्य मंडी का प्रभार होने के कारण उनसे इस मामले में बात नहीं हो सकी.

Intro:बारां बारां कि कृषि उपज मंडी राजस्थान में अव्वल दर्जे की कृषि मंडी मानी जाती है ऐसे में यहां किसानों के अनाज को रखने के लिए पर्याप्त शेड भी बनवाए गए हैं लेकिन व्यापारी की हठधर्मिता के आगे किसानों को शेड की सुविधा नहीं मिल पाती ऐसे में भीषण गर्मी और बरसात में किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है किसान ही नहीं बल्कि शेड में व्यापारियों का अतिक्रमण के चलते मजदूरों को समस्या का सामना करना पड़ता है भीषण गर्मी में जहां लोगों का दोपहर के वक्त घर से निकलना मुश्किल है वहीं दूसरी तरफ से 47 से 48 डिग्री तापमान में भीषण गर्मी में मजदूर काम करने को मजबूर होते हैं

हाल ही में कुछ दिनों पूर्व गेहूं की बंपर आवक के दौरान बेमौसम बरसात ने कृषि उपज मंडी की ओर से किसानों के लिए की गई व्यवस्था की पोल खोल मंडी में खुले में रखा किसानों का अनाज पूरी तरह से भीग गया था जबकि उस वक्त भी व्यापारियों द्वारा अपना माल का उठाव नहीं किया गया था ना ही किसानों को कृषि उपज मंडी में अपने अनाज को रखने के लिए जगह मिल पाई थी उस वक्त भी किसानों को इसकी कीमत अपने अनाज को बारिश में भीगा कर चुकानी पड़ी थी


Body:गत दिनों हम्माल यूनियन द्वारा भी व्यापारियों की हठधर्मिता का विरोध किया था मंडी के मजदूरों ने अपने काम का बहिष्कार करते हुए शेड से व्यापारी के अतिक्रमण को हटाने की मांग की थी मजदूरों का कहना था कि इस मामले में सचिव तक शिकायत की जा चुकी है लेकिन कृषि उपज मंडी के सचिव ने भी कोई कार्रवाई नहीं की नतीजन मजदूरों को काम का बहिष्कार करना पड़ा


मंडी के शेड मैं अनाज के साथ साथ व्यापारियों ने अपने वाहन भी खड़े कर रखे हैं किसानों के अनाज रखने की जगह अब व्यापारियों ने पार्किंग में तब्दील कर दी है जिसका खामियाजा किसान और मजदूरों को भुगतना पड़ता है इस मामले को लेकर बार-बार कृषि उपज मंडी के सचिव से भी मुलाकात करने की कोशिश की गई लेकिन सचिव के पास बारां कृषि उपज मंडी के अलावा जिले की दो अन्य मंडी का प्रभार होने के कारण उनसे इस मामले में बात नहीं हो सकी

बाइट 01 हेमराज सचिव हम्माल यूनियन

पीटीसी


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