बारां. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आलम ये है कि एक तरफ परीक्षाएं चल रही हैं और जिन अध्यापकों को ड्यूटी है एग्जाम लेने की वे गप्पे लड़ाने में व्यस्त हैं. ऐसे माहोल में बच्चे भी कहां काम हैं खुलकर नकल कर रहे हैं और सब कुछ अव्यवस्थित नजर आ रहा है.
एक तरफ जहां सरकारें स्कूली शिक्षा में सुधार लाने का प्रयास कर रही है तो वहीं बच्चों की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के बजाय परीक्षा में नकल करने की खुलेआम छूट दी जा रही है. ईटीवी भारत ने ग्राउंड मॉनिटरिंग कर ऐसे ही एक स्कूल का सूरत-ए-हाल कैमरे में कैद किया. यह मामला जिले के दुर्जनपुरा सरकारी स्कूल का है. जहां पर स्कूल में पढ़ाने वाले अध्यापक अपना काम करने के बजाय बातें करने में व्यस्त हैं और परीक्षा के दौरान बच्चे उसका फायदा उठा कर नकल कर रहे हैं.
स्कूल में जिम्मेदार अध्यापक ना तो इन बच्चों को नकल करने से रोकते हैं और ना ही खुद अपना काम ईमानदारी से करते हैं ऐसे में स्कूल में दी जा रही शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं. ईटीवी भारत द्वारा दुर्जनपुरा गांव के सरकारी स्कूल के पीछे से खिड़कियों में खड़ा होकर जब इसकी हकीकत कैमरे में रिकॉर्ड की तो बेहद चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई.
यहां कक्षाओं में अध्यापक नदारद थे तो बच्चे पास पास बैठ कर एक दूसरे की उत्तर पुस्तिकाओं की नकल कर रहे थे. बच्चों को जब कैमरे का पता चला तो सब अपनी-अपनी जगह जाकर बैठ गए. अचानक कक्षा में हुई हलचल के बाद जब बाहर बतिया रहे अध्यापक-अध्यापिका भी अपनी सीट पर संभल कर बैठ गए. इस मामले में स्कूल के प्रधानाचार्य योगेश शर्मा से जब मामले की जानकारी देकर जवाब लिया गया तो वह पहले तो कैमरे के सामने मुस्कुराते रहे बाद में इधर-उधर की बातें कर स्कूल में नकल की बात से अनजान बनने लगे.
सवाल बहुत सारे हैं लेकिन उनका जवाब ना तो सरकार के पास है ना ही उन अध्यापकों के पास जिनके पास इन बच्चों का भविष्य संवारने की जिम्मेदारी है. जहां बच्चे खुलेआम नकल कर रहे हैं ऐसों का भविष्य क्या होगा इस बात अंदाजा लगाना ज्यादा कठिन नहीं है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो उनक शिक्षकों से है जो इन बच्चों को दिशाहीन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.