अंता (बारां). नेशनल हाईवे 27 पर बारिश के मौसम के चलते जगह-जगह आवारा मवेशी झुंड के रूप में बैठे रहते हैं. ऐसे में तेज गति से आने वाले वाहनों की चपेट में आने से अब तक कई जानवरो की मौत हो चुकी है. वहीं इन जानवरों से टकराने से कई वाहन चालक भी दुर्घटना ग्रस्त हो चुके हैं. जबकि इस समस्या पर न तो नेशनल हाईवे प्रशासन का ध्यान है और ना ही जिला प्रशासन की ओर से ध्यान दिया जा रहा है.
इसका खामियाजा इस मार्ग से गुजरने वाले वाहन चालकों सहित आवारा मवेशियों को भुगतना पड़ रहा है. अभी हाल ही में बटावदा के पास नेशनल हाईवे पर अज्ञात वाहन की टक्कर से 5 गायों की एक साथ दर्दनाक मौत भी हो गई. इसके बाउजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. पलायथा में नेशनल हाईवे पर तो रोजाना बड़ी संख्या में आवारा मवेशियों का जमाबड़ा लगा रहता है. ऐसे में वाहन चालकों को रोजाना काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि इस क्षेत्र के गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया द्वारा अंता विधान सभा क्षेत्र की प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौशाला खोलने की घोषणा की गई थी, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई है. ऐसे में आवारा मवेशियों को दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है. वहीं, कई जानवरों को अपनी मौत की कीमत तक चुकानी पड़ रही है. आवारा मवेशियों को खुले रूप से रोड पर छोड़े जाने के सबसे बड़े दोषी उनके मालिक भी हैं, जिनके द्वारा इन मवेशियों की समय-समय पर सार सम्भाल नहीं ली जा रही है.