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Rajasthan High Court : सफाई कर्मचारी भर्ती 2018, अदालती आदेश के बावजूद अभ्यावेदन तय नहीं करने पर अवमानना नोटिस जारी

राजस्थान हाईकोर्ट ने (Baran Municipal Council) बारां नगर परिषद में सफाई कर्मचारी भर्ती 2018 (Safai Karamchari Recruitment 2018) से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए स्वायत्त शासन सचिव समेत अन्य अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

Rajasthan High Court
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Published : Feb 1, 2022, 9:56 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बारां नगर परिषद में सफाई कर्मचारी भर्ती-2018 (Safai Karamchari Recruitment 2018) से जुड़े मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद महिला अभ्यर्थी का अभ्यावेदन तय नहीं करने पर स्वायत्त शासन सचिव भवानी सिंह देथा, निदेशक उज्जवल राठौड़ और नगर परिषद आयुक्त मनोज मीणा सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश लाड बाई की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

मेरिट में आने के बावजूद नहीं दी नियुक्ति : याचिका में अधिवक्ता अशोक यादव ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने वर्ष -2018 की सफाई कर्मचारी भर्ती में विधवा कोटे में आवेदन किया था. मेरिट में आने के बावजूद उसे नियुक्ति नहीं दी गई. इस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति देने की गुहार की. अवमानना याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 16 अप्रैल 2019 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को अपनी आपत्ति संबंधित अधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन पेश कर बताने को कहा था.

यह भी पढ़ें- rajasthan High Court: बिना अनुभव VC बनाने पर मांगा जवाब

याचिकाकर्ता की ओर से आदेश की पालना में अभ्यावेदन भी पेश कर दिया गया, लेकिन अब तक उसका अभ्यावेदन तय नहीं किया. याचिका में गुहार की गई है कि अदालती आदेश की अवमानना करने वाले दोषी अधिकारियों को दंडित किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बारां नगर परिषद में सफाई कर्मचारी भर्ती-2018 (Safai Karamchari Recruitment 2018) से जुड़े मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद महिला अभ्यर्थी का अभ्यावेदन तय नहीं करने पर स्वायत्त शासन सचिव भवानी सिंह देथा, निदेशक उज्जवल राठौड़ और नगर परिषद आयुक्त मनोज मीणा सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश लाड बाई की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

मेरिट में आने के बावजूद नहीं दी नियुक्ति : याचिका में अधिवक्ता अशोक यादव ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने वर्ष -2018 की सफाई कर्मचारी भर्ती में विधवा कोटे में आवेदन किया था. मेरिट में आने के बावजूद उसे नियुक्ति नहीं दी गई. इस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति देने की गुहार की. अवमानना याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 16 अप्रैल 2019 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को अपनी आपत्ति संबंधित अधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन पेश कर बताने को कहा था.

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याचिकाकर्ता की ओर से आदेश की पालना में अभ्यावेदन भी पेश कर दिया गया, लेकिन अब तक उसका अभ्यावेदन तय नहीं किया. याचिका में गुहार की गई है कि अदालती आदेश की अवमानना करने वाले दोषी अधिकारियों को दंडित किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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