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बीमारियों को पैगाम देते खाली पड़े भूखण्ड, कई साल से पड़े हुए हैं खाली - अंता में खाली पड़ी जमीन

बारां में मनचाहा दाम नहीं मिलने की वजह से और नोटबंदी के बाद तो जमीन और आवासीय भूखंडों की कीमत धरातल पर आ गई है. वहीं खाली पड़े कई भूखंडों में एकत्रित पानी से मच्छर पनपने की समस्या बढ़ती चली जा रही है.

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Published : Nov 3, 2019, 5:12 PM IST

अंता (बारां). जिले में दो दशक में कस्बे का चौमुखी विकास हुआ है. इसमें मुख्य मार्गों के अलावा भी कई जगह आवासीय कॉलोनियों के लिए भूखंड काटे गए. किंतु अधिकांश कालोनियों में ज्यादातर भूखंड खाली पड़े हैं.

बीमारियों को पैगाम देते खाली पड़े भूखण्ड

इसके पीछे वजह साफ है कि भूखंड, मकान बनाने की जगह दोबारा बेचकर लाभ कमाने की दृष्टि से खरीदे गए थे. कई कालोनी में तो धनी लोगों ने एक से ज्यादा भूखंड भी खरीद लिए है. मगर अब मनचाहा दाम नहीं मिलने की वजह से और नोटबंदी के बाद तो जमीन और आवासीय भूखंडों की कीमत धरातल पर आ गई है. जिससे यह भूखंड बिक नहीं रहे है. दूसरी ओर जिन लोगों ने कालोनियों में मकान बना कर रहना शुरू कर दिया हैं. खाली पड़े प्लाटों में झाड़ियां उग आई. वहीं जहरीले कीटों की शरणस्थली बने हुए हैं.

पढ़ेंः बारां : अंता का बस स्टैंड पहले था आबाद अब हो गया वीरान

वहीं कई भूखंडों में बरसाती पानी भरा हुआ है, जिनकी निकासी न होने से यह पानी निर्माण हुए मकानों की नींव को खोखला कर रहा है. इसे लेकर मकान मालिक बेहद परेशान है. इस कारण नई बनी अधिकांश कालोनिया विकसित न हो पाने के साथ ही पर्याप्त मकानों का निर्माण न होने के चलते नगर पालिका से आवासीय बस्ती में भी बदल नहीं पा रही है. वहीं आसपास के कई लोग इन खाली भूखंड को कचरा पात्र के रूप में उपयोग करते हैं. वहीं कई भूखंडों में एकत्रित पानी से मच्छर पनपने कि समस्या बढ़ती चली जा रही है.

अंता (बारां). जिले में दो दशक में कस्बे का चौमुखी विकास हुआ है. इसमें मुख्य मार्गों के अलावा भी कई जगह आवासीय कॉलोनियों के लिए भूखंड काटे गए. किंतु अधिकांश कालोनियों में ज्यादातर भूखंड खाली पड़े हैं.

बीमारियों को पैगाम देते खाली पड़े भूखण्ड

इसके पीछे वजह साफ है कि भूखंड, मकान बनाने की जगह दोबारा बेचकर लाभ कमाने की दृष्टि से खरीदे गए थे. कई कालोनी में तो धनी लोगों ने एक से ज्यादा भूखंड भी खरीद लिए है. मगर अब मनचाहा दाम नहीं मिलने की वजह से और नोटबंदी के बाद तो जमीन और आवासीय भूखंडों की कीमत धरातल पर आ गई है. जिससे यह भूखंड बिक नहीं रहे है. दूसरी ओर जिन लोगों ने कालोनियों में मकान बना कर रहना शुरू कर दिया हैं. खाली पड़े प्लाटों में झाड़ियां उग आई. वहीं जहरीले कीटों की शरणस्थली बने हुए हैं.

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वहीं कई भूखंडों में बरसाती पानी भरा हुआ है, जिनकी निकासी न होने से यह पानी निर्माण हुए मकानों की नींव को खोखला कर रहा है. इसे लेकर मकान मालिक बेहद परेशान है. इस कारण नई बनी अधिकांश कालोनिया विकसित न हो पाने के साथ ही पर्याप्त मकानों का निर्माण न होने के चलते नगर पालिका से आवासीय बस्ती में भी बदल नहीं पा रही है. वहीं आसपास के कई लोग इन खाली भूखंड को कचरा पात्र के रूप में उपयोग करते हैं. वहीं कई भूखंडों में एकत्रित पानी से मच्छर पनपने कि समस्या बढ़ती चली जा रही है.

Intro:बारां जिले के अंता में दो दशक में कस्बे का चौमुखी विकास हुआ हे ।इसमें मुख्य मार्गो के अलावा भी कई जगह आवासीय कॉलोनियों के लिए भूखंड काटे गए कई जगह लोगों ने खेती की जमीन खरीद कर भी प्लानिंग काट दी । किंतु अधिकांश कालोनीयो में ज्यादातर भूखंड खाली पड़े हैं Body:अंता (बारां) वजह साफ है कि भूखंड , मकान बनाने की जगह दोबारा बेच कर लाभ कमाने की दृष्टि से खरीदे गए थे । कई कालोनी में तो धनी लोगों ने एक से जादा भूखंड भी खरीद लिए है किंतुअब मनचाहा दाम नहीं मिलने की वजह से तथा नोट बंदी के बाद तो जमीन तथा आवासीय भूखंडों की कीमत धरातल पर आ गई है ।जिससे यह भूखंड बिकने से रह गए है । दूसरी ओर जिन लोगों ने कालोनीयो में मकान बना कर रहना शुरू कर दिया है उनके लिए खाली भूखंड जी का जंजाल बने हुए हैं । खाली पड़े प्लाटो में उगे झाड़ झंझाड़ जहरीले कीटो की शरणस्थली बने हुए हैं ।वही कई भूखंडों में बरसाती पानी भरा हुआ है । जिनकी निकासी ना होने से यह पानी निर्माण हुए मकानों की नींव को खोखला कर रहा है । जिसे लेकर मकान मालिक बेहद परेशान है Conclusion:। इस कारण नई बनी अधिकांश कालोनीया विकसित न हो पाने के साथ ही पर्याप्त मकानो का निर्माण न होने के चलते नगर पालिका से आवासीय बस्ती में भी कन्वर्ट नहीं हो पा रही है । वही आसपास के कई लोग इन खाली भूखंड को कचरा पात्र के रूप में उपयोग करते हैं । वही कई भूखंडों में एकत्रित पानी से मच्छर पनपने कि समस्या बढ़ती चली जा रही है ।
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