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केलवाड़ा नगर पालिका बनी तो बेरोजगार हो गए 5 हजार मजदूर, रोजगार मांगने पहुंचे कलेक्टर के पास

पिछली सरकार की ओर से केलवाड़ा को नगर पालिका बनाने की घोषणा के बाद, नरेगा योजना बंद होने से लगभग 5 हजार मजदूर बेरोजगार हो गए. इनमें ज्यादातर महिलाएं हैं. महिलाओं ने कलेक्टर ऑफिस पहुंचकर प्रदर्शन किया और कलेक्टर से रोजगार की मांग की.

महिलाओं ने कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन
महिलाओं ने कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 27, 2023, 5:43 PM IST

बारां. जब किसी जगह का विकास होता है तो वहां रोजगार बढ़ता है, सुख सुविधाएं बढ़ती हैं, लेकिन केलवाड़ा के लोगों के साथ उल्टा हुआ है. गत सरकार की ओर से केलवाड़ा कस्बे को नगर पालिका बनाए जाने के बाद बेरोजगार हुए करीब 5 हजार मजदूर अब पलायन करने को मजबूर हैं. सैंकड़ों की संख्या में महिलाएं भी इनमें शामिल हैं. ये सभी महिलाएं रोजगार की मांग को लेकर बुधवार को कलेक्टर के पास पहुंचीं.

मामला केलवाड़ा कस्बे का है, जो एक ग्राम पंचायत मुख्यालय था, पिछली कांग्रेस सरकार ने जाते-जाते केलवाड़ा व दांता 2 ग्राम पंचायतों को मिलाकर नगर पालिका बना दिया. नगर पालिका बनने से दोनों ग्राम पंचायतों में चल रही नरेगा योजना बंद हो गई. नरेगा से दोनों ग्राम पंचायत क्षेत्रों में लगभग 5 हजार मजदूरों को रोजगार मिल रहा था. अचानक से बेरोजगार हुए मजदूर अब पलायन करने को मजबूर हैं.

इसे भी पढ़ें-नरेगा के तहत हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

महिलाओं ने कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन : केलवाड़ा से बारां कलेक्ट्रेट पहुंचीं महिला मजदूरों ने बताया कि जब से केलवाड़ा नगर पालिका बनी है, हम बेरोजगार हो गए हैं. उन्होंने कहा कि "ये सहरिया आदिवासी क्षेत्र है और नरेगा बंद हो जाने से हमें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. हमारा घर चलाना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने बताया कि नरेगा बंद हो जाने से गरीब महिला, पुरुष पूरी तरह से बेरोजगार हो गए हैं. यहां रोजगार का अन्य कोई साधन भी नहीं है, ऐसे में हम लोग पलायन करने को मजबूर हैं." इस दौरान कलेक्ट्रेट पहुंचीं महिलाओं ने प्रर्दशन भी किया.

बारां. जब किसी जगह का विकास होता है तो वहां रोजगार बढ़ता है, सुख सुविधाएं बढ़ती हैं, लेकिन केलवाड़ा के लोगों के साथ उल्टा हुआ है. गत सरकार की ओर से केलवाड़ा कस्बे को नगर पालिका बनाए जाने के बाद बेरोजगार हुए करीब 5 हजार मजदूर अब पलायन करने को मजबूर हैं. सैंकड़ों की संख्या में महिलाएं भी इनमें शामिल हैं. ये सभी महिलाएं रोजगार की मांग को लेकर बुधवार को कलेक्टर के पास पहुंचीं.

मामला केलवाड़ा कस्बे का है, जो एक ग्राम पंचायत मुख्यालय था, पिछली कांग्रेस सरकार ने जाते-जाते केलवाड़ा व दांता 2 ग्राम पंचायतों को मिलाकर नगर पालिका बना दिया. नगर पालिका बनने से दोनों ग्राम पंचायतों में चल रही नरेगा योजना बंद हो गई. नरेगा से दोनों ग्राम पंचायत क्षेत्रों में लगभग 5 हजार मजदूरों को रोजगार मिल रहा था. अचानक से बेरोजगार हुए मजदूर अब पलायन करने को मजबूर हैं.

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महिलाओं ने कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन : केलवाड़ा से बारां कलेक्ट्रेट पहुंचीं महिला मजदूरों ने बताया कि जब से केलवाड़ा नगर पालिका बनी है, हम बेरोजगार हो गए हैं. उन्होंने कहा कि "ये सहरिया आदिवासी क्षेत्र है और नरेगा बंद हो जाने से हमें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. हमारा घर चलाना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने बताया कि नरेगा बंद हो जाने से गरीब महिला, पुरुष पूरी तरह से बेरोजगार हो गए हैं. यहां रोजगार का अन्य कोई साधन भी नहीं है, ऐसे में हम लोग पलायन करने को मजबूर हैं." इस दौरान कलेक्ट्रेट पहुंचीं महिलाओं ने प्रर्दशन भी किया.

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