शाहबाद (बारां). राजस्थान प्रदेश में कोरोना वायरस का कहर बरपा हुआ है. इसको लेकर प्रदेश की सरकार भी काफी चिंतित है. वहीं लोग भी कोरोना जेसी महामारी से डरे हुए हैं. शाहबाद आदिवासी क्षेत्र के ग्राम सिलोरा केदारकुई गांव में शनिवार सुबह एक अजीबोगरीब घटना सामने आई. जब एक मृतक का चिकित्साकर्मियों को ही अंतिम संस्कार करना पड़ा.
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जानकारी के अनुसार एक वृद्ध ग्रामीण अपने खेत में बनी टापरी में मृत पाया गया. कोरोना के खौफ के चलते कोई भी ग्रामीण उसके अंतिम संस्कार में आगे नहीं आया. आखिर मृतक के एक दूर के रिस्तेदार की मदद से मौके पर पहुंचे चिकित्साकर्मियों ने उसका गांव में खेत के पास ही अंतिम संस्कार किया.
ये है मामला-
सिलोरा केदारकुई गांव निवासी मृतक चन्दन सिंह अहेड़ी एक खेत में बनी टापरी में रहता था. उसका एक रिश्तेदार श्याम सिंह खाना पानी उसकी टापरी पर पहुंचा देता था. शनिवार सुबह श्याम सिंह की बेटी उसे खाना देने गयी तो वो मृत पड़ा हुआ था. श्याम सिंह ने गांव वालों से उसका अंतिम संस्कार करने की बात कही तो कोई भी ग्रामीण कोरोना के डर के कारण आगे नहीं आया. आखिर सूचना केलवाड़ा चिकित्सा प्रभारी डॉ. राजेश राजावत और केलवाड़ा थानाधिकारी नन्द सिंह राजावत को दी गई.
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मौके पर केलवाड़ा चिकित्सा टीम के राजेश सिंघल डॉ. मूलचंद प्रजापत, सगीर खान, राजेश कुशवाह आदि ने लकड़ी इकट्ठा कर खेत के पास ही उसका अंतिम संस्कार किया. इससे पहले मोके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने उसका पंचनामा तैयार किया और अंतिम संस्कार करवा दिया.
केलवाड़ा चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजेश राजावत ने बताया कि मृतक के शरीर से बदबू आ रही थी. उसकी मौत करीब 24 घंटे पहले ही हो गयी थी, लेकिन कोरोना के डर से ना कोई रिश्तेदार आया न और न ग्रामीण. आखिर चिकित्सा कर्मियों ने ही उसका अंतिम संस्कार किया.