छबड़ा (बारां). मुस्लिम समाज का पवित्र पर्व 'शब-ए-बारात' मनाए जाने को लेकर शहर काजी मौलाना ने लोगों से घरों में ही रहकर पर्व मनाने की अपील की. कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन में मस्जिदें बंद हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए कस्बे के शहर काजी मौलाना इजहारूद्दीन और आंचोली मदरसे के मोहतमिम मौलाना आरिफ नदवी ने समाज के लोगों से अपील की. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए लॉकडाउन का पालन करते हुए सभी मुस्लिम भाई अपने घरों में ही त्योहार मनाएं.
मुस्लिम समाज का पवित्र पर्व शब-ए-बारात के दिन समाज के लोग अपने पूर्वजों के लिए ईश्वर से उनकी बक्शीश की प्रार्थना करते हैं तथा कब्रिस्तान में जाकर उनके लिए फातिहा पढ़ते हैं. कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए लागू किए गए लॉकडाउन को मद्देनजर रखते हुए कस्बे के शहर काजी ने लोगों से पर्व को घर पर ही मनाने की अपील की है तथा कब्रिस्तान भी ना जाने की अपील की है.
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कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन में मस्जिदे बंद हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए कस्बे के शहर काजी मौलाना इजहार उद्दीन और आंचोली मदरसे के मोहतमिम मौलाना आरिफ नदवी ने समाज के लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए प्रशासन की ओर से लॉकडाउन किया गया है. यह हमारी हिफाजत के लिए ही किया गया है.
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शब-ए-बारात पर लोग कब्रिस्तान में अपने पूर्वजों के लिए फातिहा पढ़ने जाते हैं. लेकिन इस बार लॉकडाउन है. इसको ध्यान में रखते हुए सभी मुस्लिम समाज के लोग कब्रिस्तान न जाएं. अपने घरों पर ही इबादत करें और घरों के आसपास के लोगों का ध्यान रखें कि कोई भूखा ना सोए, क्योंकि अल्लाह ने कहा है कि तुम जमीन वालों पर रहम करो, आसमान वाला तुम पर रहम करेगा.