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छबड़ाः आंगनबाड़ी केंद्र पर मकान मालिक ने जड़ा ताला, 2 साल से नहीं मिला था किराया - बारां न्यूज

छबड़ा में किराये पर चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र का 2 साल से किराया नहीं मिलने पर मकान मालिक ने केंद्र पर ताला लगा दिया. जिसके कारण बच्चे बाहर खुले चबूतरे पर खुली छत के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

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आंगनबाड़ी केंद्र पर मकान मालिक ने जड़ा ताला
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Published : Feb 14, 2020, 4:17 PM IST

छबड़ा (बारां). छबड़ा का बाल विकास परियोजना कार्यालय इन दिनों भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा हुआ है. जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पोषाहार और कार्मिकों को वेतन मिलना तो दूर, किराये पर चल रहे केंद्रों के किराये का भुगतान तक नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते मकान मालिक ने केंद्र पर ताला लगा दिया है.

आंगनबाड़ी केंद्र पर मकान मालिक ने जड़ा ताला

छबड़ा के वार्ड 15, 16 में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता सोनिया ने बताया, कि उनका केन्द्र पिछले 2 साल से किराये के मकान में चल रहा है. 2 साल से विभाग ने एक बार भी किराये का भुगतान नहीं किया. जिससे परेशान होकर मकान मालिक ने केंद्र पर ताला लगा दिया है.

पढ़ें. पुलवामा का एक साल: अलवर में वीर शहीदों को श्रद्धांजलि, जलाए 251 दीप

ऐसे में बच्चे बाहर खुले चबूतरे पर खुली छत के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं. सहायिका और कार्यकर्ता बाजार से उधार लेकर बच्चों को पोषाहार और दूसरी चीजें दे रहीं हैं. इसको लेकर परियोजना कार्यालय पर धरना देकर विरोध जताया गया, लेकिन मोके पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचा, जिससे कार्यकर्ताओं को बैरंग लौटना पड़ा.

छबड़ा (बारां). छबड़ा का बाल विकास परियोजना कार्यालय इन दिनों भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा हुआ है. जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पोषाहार और कार्मिकों को वेतन मिलना तो दूर, किराये पर चल रहे केंद्रों के किराये का भुगतान तक नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते मकान मालिक ने केंद्र पर ताला लगा दिया है.

आंगनबाड़ी केंद्र पर मकान मालिक ने जड़ा ताला

छबड़ा के वार्ड 15, 16 में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता सोनिया ने बताया, कि उनका केन्द्र पिछले 2 साल से किराये के मकान में चल रहा है. 2 साल से विभाग ने एक बार भी किराये का भुगतान नहीं किया. जिससे परेशान होकर मकान मालिक ने केंद्र पर ताला लगा दिया है.

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ऐसे में बच्चे बाहर खुले चबूतरे पर खुली छत के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं. सहायिका और कार्यकर्ता बाजार से उधार लेकर बच्चों को पोषाहार और दूसरी चीजें दे रहीं हैं. इसको लेकर परियोजना कार्यालय पर धरना देकर विरोध जताया गया, लेकिन मोके पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचा, जिससे कार्यकर्ताओं को बैरंग लौटना पड़ा.

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