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झालावाड़ बारां लोकसभा सीट से लोकसभा चुनाव को लेकर क्या हैं मुद्दें...जानिए - झालावाड़

बारां जिला मुख्य तौर पर व्यापार पर आधारित है यहां पर विशिष्ट श्रेणी की कृषि उपज मंडी भी स्थित है जिस पर 12 शहर का पूरा व्यापार निर्भर होता है.

झालावाड़ लोकसभा सीट
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Published : Mar 14, 2019, 6:20 PM IST

बारां. लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है राजनीति पार्टियां भी अपनी अपनी रणनीति तैयार करने में जुटी हुई है. टिकट वितरण को लेकर भी मंत्रणा शुरू हो चुकी है. लेकिन चुनाव में अपने जनप्रतिनिधियों से स्थानीय लोग क्या अपेक्षा करते हैं. क्या मुद्दे चुनाव में रहने वाले हैं बारां शहर के व्यापारियों ने लोकसभा चुनाव से जुड़े अपने मुद्दे और प्रत्याशी के चयन के बारे में अपनी राय ETVभारत के सामने रखी.

बारा जिला मुख्य तौर पर व्यापार पर आधारित है यहां पर विशिष्ट श्रेणी की कृषि उपज मंडी भी स्थित है जिस पर 12 शहर का पूरा व्यापार निर्भर होता है. ऐसे में लोकसभा चुनाव को लेकर व्यापारी स्थानीय स्तर पर चुनाव में रहने वाले मुद्दों पर क्या सोचते हैं. इस की राई हमारे द्वारा व्यापारियों से ली गई यहां लंबे समय से झालावाड़रोड पर आरओबी की लंबित है तत्कालीन भाजपा सरकार में भी यह मांग पुरजोर तरीके से उठी थी और विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा रहा था ऐसे में लोकसभा चुनाव में भी आरओबी एक शहर के लिए मुख्य मुद्दा रहने वाला है.

इसके अलावा यहां अघोषित बिजली कटौती का अभी तक कोई समाधान नहीं हो पाया है. अघोषित बिजली कटौती के कारण हर वर्ग इससे परेशान है खास तौर पर वह व्यापारी जिनका कामकाज ही बिजली से चलता है. वह इस से खासे नाराज है ऐसे में बिजली का मुद्दा की यहां एक मुख्य मुद्दा माना जा रहा है. यहां गर्मी में पानी के लिए लोगों को तरसना पड़ता है. जबकि सर्दी में भी पानी की सप्लाई को लेकर कोई विशेष बंदोबस्त नहीं है.

फ्लोराइड युक्त पानी यहां की एक बड़ी समस्या है इसके अलावा परवन सिंचाई परियोजना जो कि कांग्रेस और भाजपा के लिए एक राजनीति मुद्दा बन चुका है. भाजपा सरकार में भी पवन का काम पूरा नहीं हो सका ऐसे में लोकसभा चुनाव में परवन सिंचाई परियोजना भी मुद्दा रहने वाली है. बारां शहर में मेडिकल कॉलेज की भी लंबे समय से मांग उठती रही है लेकिन आश्वासन के सिवा अभी तक कुछ नहीं मिला.

झालावाड़-बारां

वहीं स्थानीय लेवल पर रोजगार के लिए यहां उद्योग विशेष मांग रही है लोकसभा चुनाव में जहां कुछ लोग देश की सुरक्षा को लेकर सीधे नरेंद्र मोदी को वोट करने के विचार में है. वहीं कुछ लोग पैराशूट नेताओं को छोड़कर स्थानीय नेता अपने बीच में चाहते हैं ताकि वह अपनी समस्याओं को सीधे उन तक पहुंचा सके.

बारां. लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है राजनीति पार्टियां भी अपनी अपनी रणनीति तैयार करने में जुटी हुई है. टिकट वितरण को लेकर भी मंत्रणा शुरू हो चुकी है. लेकिन चुनाव में अपने जनप्रतिनिधियों से स्थानीय लोग क्या अपेक्षा करते हैं. क्या मुद्दे चुनाव में रहने वाले हैं बारां शहर के व्यापारियों ने लोकसभा चुनाव से जुड़े अपने मुद्दे और प्रत्याशी के चयन के बारे में अपनी राय ETVभारत के सामने रखी.

बारा जिला मुख्य तौर पर व्यापार पर आधारित है यहां पर विशिष्ट श्रेणी की कृषि उपज मंडी भी स्थित है जिस पर 12 शहर का पूरा व्यापार निर्भर होता है. ऐसे में लोकसभा चुनाव को लेकर व्यापारी स्थानीय स्तर पर चुनाव में रहने वाले मुद्दों पर क्या सोचते हैं. इस की राई हमारे द्वारा व्यापारियों से ली गई यहां लंबे समय से झालावाड़रोड पर आरओबी की लंबित है तत्कालीन भाजपा सरकार में भी यह मांग पुरजोर तरीके से उठी थी और विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा रहा था ऐसे में लोकसभा चुनाव में भी आरओबी एक शहर के लिए मुख्य मुद्दा रहने वाला है.

इसके अलावा यहां अघोषित बिजली कटौती का अभी तक कोई समाधान नहीं हो पाया है. अघोषित बिजली कटौती के कारण हर वर्ग इससे परेशान है खास तौर पर वह व्यापारी जिनका कामकाज ही बिजली से चलता है. वह इस से खासे नाराज है ऐसे में बिजली का मुद्दा की यहां एक मुख्य मुद्दा माना जा रहा है. यहां गर्मी में पानी के लिए लोगों को तरसना पड़ता है. जबकि सर्दी में भी पानी की सप्लाई को लेकर कोई विशेष बंदोबस्त नहीं है.

फ्लोराइड युक्त पानी यहां की एक बड़ी समस्या है इसके अलावा परवन सिंचाई परियोजना जो कि कांग्रेस और भाजपा के लिए एक राजनीति मुद्दा बन चुका है. भाजपा सरकार में भी पवन का काम पूरा नहीं हो सका ऐसे में लोकसभा चुनाव में परवन सिंचाई परियोजना भी मुद्दा रहने वाली है. बारां शहर में मेडिकल कॉलेज की भी लंबे समय से मांग उठती रही है लेकिन आश्वासन के सिवा अभी तक कुछ नहीं मिला.

झालावाड़-बारां

वहीं स्थानीय लेवल पर रोजगार के लिए यहां उद्योग विशेष मांग रही है लोकसभा चुनाव में जहां कुछ लोग देश की सुरक्षा को लेकर सीधे नरेंद्र मोदी को वोट करने के विचार में है. वहीं कुछ लोग पैराशूट नेताओं को छोड़कर स्थानीय नेता अपने बीच में चाहते हैं ताकि वह अपनी समस्याओं को सीधे उन तक पहुंचा सके.

Intro:बारां लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है राजनीति पार्टियां भी अपनी अपनी रणनीति तैयार करने में जुटी हुई है टिकट वितरण को लेकर भी मंत्रणा शुरू हो चुकी है लेकिन चुनाव में अपने जनप्रतिनिधियों से स्थानीय लोग क्या अपेक्षा करते हैं और क्या मुद्दे चुनाव में रहने वाले हैं बारां शहर के व्यापारियों ने लोकसभा चुनाव से जुड़े अपने मुद्दे और प्रत्याशी के चयन के बारे में अपनी राय ईटीवी भारत के सामने रखी


Body:बारा जिला मुख्य तौर पर व्यापार पर आधारित है यहां पर विशिष्ट श्रेणी की कृषि उपज मंडी भी स्थित है जिस पर 12 शहर का पूरा व्यापार निर्भर होता है ऐसे में लोकसभा चुनाव को लेकर व्यापारी स्थानीय स्तर पर चुनाव में रहने वाले मुद्दों पर क्या सोचते हैं इस की राई हमारे द्वारा व्यापारियों से ली गई यहां लंबे समय से झालावार रोड पर आरओबी की लंबित है तत्कालीन भाजपा सरकार में भी यह मांग पुरजोर तरीके से उठी थी और विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा रहा था ऐसे में लोकसभा चुनाव में भी आरओबी एक शहर के लिए मुख्य मुद्दा रहने वाला है इसके अलावा यहां अघोषित बिजली कटौती का अभी तक कोई समाधान नहीं हो पाया है अघोषित बिजली कटौती के कारण हर वर्ग इससे परेशान है खास तौर पर वह व्यापारी जिनका कामकाज ही बिजली से चलता है वह इस से खासे नाराज है ऐसे में बिजली का मुद्दा की यहां एक मुख्य मुद्दा माना जा रहा है यहां गर्मी में पानी के लिए लोगों को तरसना पड़ता है जबकि सर्दी में भी पानी की सप्लाई को लेकर कोई विशेष बंदोबस्त नहीं है फ्लोराइड युक्त पानी यहां की एक बड़ी समस्या है इसके अलावा परवन सिंचाई परियोजना जो कि कांग्रेस और भाजपा के लिए एक राजनीति मुद्दा बन चुका है भाजपा सरकार में भी पवन का काम पूरा नहीं हो सका ऐसे में लोकसभा चुनाव में परवन सिंचाई परियोजना भी मुद्दा रहने वाली है बारा शहर में मेडिकल कॉलेज की भी लंबे समय से मांग उठती रही है लेकिन आश्वासन के सिवा अभी तक कुछ नहीं मिला वहीं स्थानीय लेवल पर रोजगार के लिए यहां उद्योग विशेष मांग रही है लोकसभा चुनाव में जहां कुछ लोग देश की सुरक्षा को लेकर सीधे नरेंद्र मोदी को वोट करने के विचार में है वहीं कुछ लोग पैराशूट नेताओं को छोड़कर स्थानीय नेता अपने बीच में चाहते हैं ताकि वह अपनी समस्याओं को सीधे उन तक पहुंचा सके


Conclusion:ऐसे में क्या तमाम राजनीति पार्टियां स्थानीय लोगों के मुद्दों को क्या इस बार अपना चुनावी मुद्दा बनाएंगे यह आगामी दिनों में होने वाले चुनाव प्रचार के दौरान देखने को मिलेगा क्या इस बार स्थानीय मुद्दों को गौण कर दिया जाएगा यह भी देखने वाली बात होगी
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