बारां. रामगढ़ क्रेटर के वैश्विक धरोहर में शामिल होने के बाद लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही रामगढ़ क्रेटर पर्यटन स्थल के रूप विकसित होगा. इसके लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है. रविवार को रामगढ़ क्रेटर में पहली बार विरासत यात्रा का आयोजन किया गया और लोगों को रामगढ़ क्रेटर के बारे में जानकारी दी गई.
हैरिटेज वॉक का आयोजन: भारतीय सांस्कृतिक निधि वराह नगरी बारां अध्याय इंटैक द्वारा राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाइड के संयुक्त तत्वावधान में "बारां से रामगढ़" हैरिटेज वॉक का आयोजन किया गया. इंटैक कन्वीनर जितेन्द्र शर्मा पम्मी ने बताया की रामगढ़ इंपैक्ट क्रेटर को डेटाबेस सोसाइटी में संवैधानिक मान्यता प्राप्त करवाने के लिए जिला प्रशासन का भी प्रयास रहा है, जिन्होंने समय-समय पर हमारी मदद की है. उन्होंने कहा की यह पहला अवसर है जब 70 से भी ज्यादा अध्यापकों ने रामगढ़ क्रेटर पहुंच कर इसके इतिहास और इसमें मिलने वाली धातुओं के बारे में जानकारी प्राप्त की है.
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विरासत यात्रा के रामगढ़ पहुंचने पर इंटैक सदस्य और गाइड चंद्र प्रकाश स्वामी ने विरासत यात्रा में शामिल सभी लोंगों को ब्रह्म कुण्ड, पुष्कर सरोवर, जैन धर्म की सभ्यता और संस्कृति के अवशेषों, केल पुरी महाराज की तपोस्थली तथा भंड देवरा मंदिर के इतिहास,पुरातत्व और उसके महत्व के बारे में बताया. यात्रियों ने अन्नपूर्णा देवी और कृष्णाई देवी माता के पावन रूप के भी दर्शन किए.
अधिकारियों ने बताया कि रामगढ़ क्रेटर देश का तीसरा और राज्य का पहला क्रेटर है. रामगढ़ क्रेटर की खोज साल 1869 में की गई थी. यह 60 करोड़ साल पहले उल्कापिंड गिरने से बना था. रामगढ़ क्रेटर को पर्यटन स्थल बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे है.