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बाल अधिकारिता विभाग ने कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों के पालन-पोषण के दिए निर्देश

राजस्थाना स्टेट चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसायटी ने बाल कल्याण समिति को कोरोना वैश्विक महामारी में अनाथ हुए बेसहारा बच्चों के पालन-पोषण और उचित देखरेख के निर्देश दिए हैं. साथ ही सोसायटी ने लोगों से अपील की है कि चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर जरूरतमंद बच्चों को जिला बाल कल्याण समिति पहुंचाएं.

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बाल अधिकारिता विभाग ने कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों के पालन-पोषण के दिए निर्देश
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Published : May 15, 2021, 4:58 PM IST

बारां. बाल अधिकारिता विभाग राजस्थाना स्टेट चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसायटी ने जिले में वीसी के द्वारा बाल कल्याण समिति को वैश्विक महामारी में अनाथ हुए बेसहारा बच्चें पालन-पोषण और उचित देखरेख के निर्देश दिए हैं. इसके लिए समस्त जिले के निवासियों से अपील की गई कि वह इस महामारी में घबराएं नहीं तथा जरूरतमंद बालक-बालिकाओं को जिले में भारत सरकार द्वारा संचालित चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर (1098) पर सम्पर्क कर तथा ग्राम पंचायत, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, इत्यादि के कार्मिकों से सम्पर्क कर जिला बाल कल्याण समिति के पास भेजें.

राज्य सरकार द्वारा किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत ऐसे बच्चों की गोपनियता को संरक्षित रखते हुये उचित देखभाल एवं संरक्षाणात्मक माहौल प्रदान करने की व्यवस्था की गई है. इन बच्चों की पहचान को गोपनीय रखना आवश्यक है. इनकी पहचान सोशल मिडिया या अन्य किसी माध्यम से उजागर नहीं की जानी चाहिए. इन बच्चों को गोद लेने के लिए बाल कल्याण समिति के माध्यम से उचित प्रक्रिया अपनाई जानी है.

यह भी पढ़ें- ब्लैक फंगस बीमारी में काम आने वाली दवा के क्रय आदेश जारी

यदि कोई व्यक्ति इन बच्चों को खरीदता है या ब्लेकमेल करता है, तो इसमें किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 81 के अनुसार 5 साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना का प्रावधान है.

बारां. बाल अधिकारिता विभाग राजस्थाना स्टेट चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसायटी ने जिले में वीसी के द्वारा बाल कल्याण समिति को वैश्विक महामारी में अनाथ हुए बेसहारा बच्चें पालन-पोषण और उचित देखरेख के निर्देश दिए हैं. इसके लिए समस्त जिले के निवासियों से अपील की गई कि वह इस महामारी में घबराएं नहीं तथा जरूरतमंद बालक-बालिकाओं को जिले में भारत सरकार द्वारा संचालित चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर (1098) पर सम्पर्क कर तथा ग्राम पंचायत, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, इत्यादि के कार्मिकों से सम्पर्क कर जिला बाल कल्याण समिति के पास भेजें.

राज्य सरकार द्वारा किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत ऐसे बच्चों की गोपनियता को संरक्षित रखते हुये उचित देखभाल एवं संरक्षाणात्मक माहौल प्रदान करने की व्यवस्था की गई है. इन बच्चों की पहचान को गोपनीय रखना आवश्यक है. इनकी पहचान सोशल मिडिया या अन्य किसी माध्यम से उजागर नहीं की जानी चाहिए. इन बच्चों को गोद लेने के लिए बाल कल्याण समिति के माध्यम से उचित प्रक्रिया अपनाई जानी है.

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यदि कोई व्यक्ति इन बच्चों को खरीदता है या ब्लेकमेल करता है, तो इसमें किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 81 के अनुसार 5 साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना का प्रावधान है.

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