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छबड़ा को जिला बनाने की मांग : पानी की टंकी पर चढ़े पार्षद, कहा- हम अपना हक मांग रहे, भीख नहीं

छबड़ा को जिला बनाने की मांग को लेकर तीन पार्षद पानी की टंकी पर चढ़ (demand to make Chhabra a district) गए. मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों को नीचे उतरवाया.

Councilor climbed Atop water tank in Baran
पानी की टंकी पर चढ़े पार्षद
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Published : Apr 2, 2023, 3:44 PM IST

Updated : Apr 2, 2023, 4:16 PM IST

पानी की टंकी पर चढ़े पार्षद

बारां. छबड़ा को जिला बनाने की मांग लंबे समय से चल रही है. क्षेत्रीय लोग इसके लिए कई बार अभियान चला चुके हैं. इसी क्रम में रविवार को तीन पार्षद रितेश शर्मा, रोहित अरोड़ा और मनमोहन सेन सुबह करीब 8 बजे पानी की टंकी पर चढ़ गए और छबड़ा को जिला बनाने की मांग करने लगे. मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाइश के बाद दोपहर करीब 1 बजे तीनों को नीचे उतारा. नीचे आते ही उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन तहसीलदार मुकेश मीणा को सौंपा.

पार्षद रितेश शर्मा का कहना है कि इन पुलिसकर्मियों ने उनकी मांग को आगे बढ़ाने की बात कही थी, लेकिन नीचे आते ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया है. उन्होंने कहा कि हम अपना हक मांग रहे हैं, किसी से भीख नहीं मांग रहे. छबड़ा जिला मुख्यालय से काफी दूर है. इसके नजदीक आने वाले बारां से भी करीब 120 किलोमीटर के आसपास की दूरी है. छबड़ा पांच तरफ से मध्य प्रदेश से घिरा हुआ है. एमपी के पास अलग-अलग थाना इलाके यहां पर लगते हैं. दूरी ज्यादा होने के चलते जिला मुख्यालय पर होने वाले सभी काम के लिए ग्रामीणों को परेशानी होती है.

पढ़ें. सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग, अनशन पर बैठी पूजा छाबड़ा को पुलिस ने जबरन उठाया, समर्थकों में आक्रोश

उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने उन जगहों को भी जिला बना दिया, जहां मांग नहीं थी. दूसरी तरफ, छबड़ा को जिला बनाने की मांग की गई, फिर भी उसे नकार दिया गया. छबड़ा नगर पालिका भी प्रदेश की दूसरी सबसे पुरानी नगरपालिका है. इसके बावजूद भी उसका ध्यान नहीं रखा गया. इसके पहले कांग्रेस से विधायक रहे करण सिंह ने भी छबड़ा को जिला बनाने की मांग को सही ठहराया था. उनका कहना है कि क्षेत्रीय लोगों ने विधायक सही नहीं चुना है. स्थानीय विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने भी इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की थी.

पानी की टंकी पर चढ़े पार्षद

बारां. छबड़ा को जिला बनाने की मांग लंबे समय से चल रही है. क्षेत्रीय लोग इसके लिए कई बार अभियान चला चुके हैं. इसी क्रम में रविवार को तीन पार्षद रितेश शर्मा, रोहित अरोड़ा और मनमोहन सेन सुबह करीब 8 बजे पानी की टंकी पर चढ़ गए और छबड़ा को जिला बनाने की मांग करने लगे. मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाइश के बाद दोपहर करीब 1 बजे तीनों को नीचे उतारा. नीचे आते ही उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन तहसीलदार मुकेश मीणा को सौंपा.

पार्षद रितेश शर्मा का कहना है कि इन पुलिसकर्मियों ने उनकी मांग को आगे बढ़ाने की बात कही थी, लेकिन नीचे आते ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया है. उन्होंने कहा कि हम अपना हक मांग रहे हैं, किसी से भीख नहीं मांग रहे. छबड़ा जिला मुख्यालय से काफी दूर है. इसके नजदीक आने वाले बारां से भी करीब 120 किलोमीटर के आसपास की दूरी है. छबड़ा पांच तरफ से मध्य प्रदेश से घिरा हुआ है. एमपी के पास अलग-अलग थाना इलाके यहां पर लगते हैं. दूरी ज्यादा होने के चलते जिला मुख्यालय पर होने वाले सभी काम के लिए ग्रामीणों को परेशानी होती है.

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उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने उन जगहों को भी जिला बना दिया, जहां मांग नहीं थी. दूसरी तरफ, छबड़ा को जिला बनाने की मांग की गई, फिर भी उसे नकार दिया गया. छबड़ा नगर पालिका भी प्रदेश की दूसरी सबसे पुरानी नगरपालिका है. इसके बावजूद भी उसका ध्यान नहीं रखा गया. इसके पहले कांग्रेस से विधायक रहे करण सिंह ने भी छबड़ा को जिला बनाने की मांग को सही ठहराया था. उनका कहना है कि क्षेत्रीय लोगों ने विधायक सही नहीं चुना है. स्थानीय विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने भी इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की थी.

Last Updated : Apr 2, 2023, 4:16 PM IST
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