शाहबाद (बारां). शाहबाद थाना क्षेत्र में संचालित मां बाड़ी केंद्र में बड़ी लापरवाही सामने आई है. ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में बाड़ी केंद्र की जो तस्वीर दिखी चिंताजनक है. मौके पर शिक्षा सहयोगी नदारद मिले.
दरअसल, बारां जिले के आदिवासी क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में मां बाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है. इलाके में राजपुर आनंदपुरा कॉलोनी में भी एक मां बाड़ी केंद्र संचालित है. ईटीवी भारत के रियलटी चेक में यहां बड़ी लापरवाही सामने आई है. जब ईटीवी भारत के रिपोर्टर केंद्र में पहुंचे तो केंद्र में कार्यरत शिक्षा सहयोगी बलराम सहरिया और गिर्राज सहरिया मौके पर मौजूद नहीं थी लेकिन पड़ताल में सामने आया कि दोनों के ड्यूटी रजिस्टर में हस्ताक्षर मौजूद हैं. मां बाड़ी केंद्र में एक बालिका मिली.
वहीं केंद्र में बच्चे खेल कूद कर रहे थे. जब बच्चों से पोषाहार के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब हैरत में डालने वाला था. उन्होंने ईटीवी भारत के रिपोर्टर को बताया कि उन्हें अब तक खाने के लिए कुछ नहीं मिला है. वहीं केंद्र में मौजूद बालिका का कहना था कि पोषाहार की सामग्री समाप्त हो चुकी है.
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बता दें कि राजस्थान में आदिवासी क्षेत्रों में सरकार ने आदिवासी समुदाय के बच्चों को कुपोषण से बचाने और उन्हें प्री प्राइमरी शिक्षा देने के लिए संचालित कर रखा है. बारां जिले के शाहबाद थाना क्षेत्र स्थित राजपुर आनंदपुरा कॉलोनी की तस्वीर योजना के क्रियांवयन की हकीकत बताने लिए काफी है. एक और तो सरकार सहरिया समुदाय को शिक्षित बनाने के लिए और सहरिया समुदाय के लोगों का आर्थिक स्तर सुधारने के लिए सहरिया परियोजना विभाग द्वारा लाखों करोड़ों रुपए सहरिया विकास बजट के नाम पर पानी की तरह बहाए जा रहे हैं.