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बारां में मां बाड़ी केंद्र पर लापरवाही, कर्मचारी मिले नदारद

आदिवासी समुदाय के लिए के लिए बारां के शाहबाद में संचालित मां बाड़ी केंद्र पर लापरवाही सामने आई है. ईटीवी भारत के रियलिटी चेक के दौरान बारां में संचालित इस केंद्र पर तैनात दोनों शिक्षा सहयोगी नदारद मिले हैं.

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Published : Aug 3, 2019, 8:03 PM IST

शाहबाद (बारां). शाहबाद थाना क्षेत्र में संचालित मां बाड़ी केंद्र में बड़ी लापरवाही सामने आई है. ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में बाड़ी केंद्र की जो तस्वीर दिखी चिंताजनक है. मौके पर शिक्षा सहयोगी नदारद मिले.

दरअसल, बारां जिले के आदिवासी क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में मां बाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है. इलाके में राजपुर आनंदपुरा कॉलोनी में भी एक मां बाड़ी केंद्र संचालित है. ईटीवी भारत के रियलटी चेक में यहां बड़ी लापरवाही सामने आई है. जब ईटीवी भारत के रिपोर्टर केंद्र में पहुंचे तो केंद्र में कार्यरत शिक्षा सहयोगी बलराम सहरिया और गिर्राज सहरिया मौके पर मौजूद नहीं थी लेकिन पड़ताल में सामने आया कि दोनों के ड्यूटी रजिस्टर में हस्ताक्षर मौजूद हैं. मां बाड़ी केंद्र में एक बालिका मिली.

बारां में मां बाड़ी केंद्र पर लापरवाही

वहीं केंद्र में बच्चे खेल कूद कर रहे थे. जब बच्चों से पोषाहार के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब हैरत में डालने वाला था. उन्होंने ईटीवी भारत के रिपोर्टर को बताया कि उन्हें अब तक खाने के लिए कुछ नहीं मिला है. वहीं केंद्र में मौजूद बालिका का कहना था कि पोषाहार की सामग्री समाप्त हो चुकी है.

यह भी पढ़ें: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए 33 जिलों में बनाए जाएंगे 40 RACE सेंटर

बता दें कि राजस्थान में आदिवासी क्षेत्रों में सरकार ने आदिवासी समुदाय के बच्चों को कुपोषण से बचाने और उन्हें प्री प्राइमरी शिक्षा देने के लिए संचालित कर रखा है. बारां जिले के शाहबाद थाना क्षेत्र स्थित राजपुर आनंदपुरा कॉलोनी की तस्वीर योजना के क्रियांवयन की हकीकत बताने लिए काफी है. एक और तो सरकार सहरिया समुदाय को शिक्षित बनाने के लिए और सहरिया समुदाय के लोगों का आर्थिक स्तर सुधारने के लिए सहरिया परियोजना विभाग द्वारा लाखों करोड़ों रुपए सहरिया विकास बजट के नाम पर पानी की तरह बहाए जा रहे हैं.

शाहबाद (बारां). शाहबाद थाना क्षेत्र में संचालित मां बाड़ी केंद्र में बड़ी लापरवाही सामने आई है. ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में बाड़ी केंद्र की जो तस्वीर दिखी चिंताजनक है. मौके पर शिक्षा सहयोगी नदारद मिले.

दरअसल, बारां जिले के आदिवासी क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में मां बाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है. इलाके में राजपुर आनंदपुरा कॉलोनी में भी एक मां बाड़ी केंद्र संचालित है. ईटीवी भारत के रियलटी चेक में यहां बड़ी लापरवाही सामने आई है. जब ईटीवी भारत के रिपोर्टर केंद्र में पहुंचे तो केंद्र में कार्यरत शिक्षा सहयोगी बलराम सहरिया और गिर्राज सहरिया मौके पर मौजूद नहीं थी लेकिन पड़ताल में सामने आया कि दोनों के ड्यूटी रजिस्टर में हस्ताक्षर मौजूद हैं. मां बाड़ी केंद्र में एक बालिका मिली.

बारां में मां बाड़ी केंद्र पर लापरवाही

वहीं केंद्र में बच्चे खेल कूद कर रहे थे. जब बच्चों से पोषाहार के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब हैरत में डालने वाला था. उन्होंने ईटीवी भारत के रिपोर्टर को बताया कि उन्हें अब तक खाने के लिए कुछ नहीं मिला है. वहीं केंद्र में मौजूद बालिका का कहना था कि पोषाहार की सामग्री समाप्त हो चुकी है.

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बता दें कि राजस्थान में आदिवासी क्षेत्रों में सरकार ने आदिवासी समुदाय के बच्चों को कुपोषण से बचाने और उन्हें प्री प्राइमरी शिक्षा देने के लिए संचालित कर रखा है. बारां जिले के शाहबाद थाना क्षेत्र स्थित राजपुर आनंदपुरा कॉलोनी की तस्वीर योजना के क्रियांवयन की हकीकत बताने लिए काफी है. एक और तो सरकार सहरिया समुदाय को शिक्षित बनाने के लिए और सहरिया समुदाय के लोगों का आर्थिक स्तर सुधारने के लिए सहरिया परियोजना विभाग द्वारा लाखों करोड़ों रुपए सहरिया विकास बजट के नाम पर पानी की तरह बहाए जा रहे हैं.

Intro:मां बाड़ी केंद्र से मां बाड़ी शिक्षा सहयोगी गायब।नाबालिक पोषाहार पकाने वाली बालिका के भरोसे मां बाड़ी केंद्र संचालितBody:मां बाड़ी केंद्र से मां बाड़ी शिक्षा सहयोगी गायब।नाबालिक पोषाहार पकाने वाली बालिका के भरोसे मां बाड़ी केंद्र संचालित


एक और तो सरकार सहरिया समुदाय को शिक्षित बनाने के लिए और सहरिया समुदाय के लोगों का आर्थिक स्तर सुधारने के लिए सहरिया परियोजना विभाग द्वारा लाखों करोड़ों रुपए सहरिया विकास बजट के नाम पर पानी की तरह बहाए जा रहे हैं। लेकिन जिम्मेदाराना अधिकारियों की व स्थानीय कर्मचारियों की लापरवाही के चलते सहरिया परियोजना विभाग को स्वच्छ परियोजना विभाग पलीता लगाने में लगा हुआ है।जी हम बात करते हैं आदिवासी सहरिया बाहुल्य क्षेत्र में सहरिया परियोजना विभाग के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में मां बाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। लेकिन इन मां बाड़ी केंद्रों पर स्वच्छ परियोजना विभाग के आला अधिकारियों की उदासीनता के चलते ठीक तरीके से मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है। इसके चलते मां बाड़ी केंद्रों के हाल बदहाल होते जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे मां बाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं जिन पर दो स्वच्छ परियोजना विभाग द्वारा मां बाड़ी शिक्षा सहयोगी तैनात कर रखे हैं। उसके बावजूद भी मां बाड़ी केंद्रों पर मां बाड़ी शिक्षा सहयोगी शिक्षकों का ठहराव नहीं हो रहा है। मां बाड़ी केंद्र पोषाहार बनाने वाली नाबालिक बालिका के भरोसे संचालित हो रहा है। इससे बड़ी और विडंबना क्या होगी। उल्लेखनीय बात तो यह है,कि राजपुर आनंदपुरा कॉलोनी में स्वच्छ परियोजना विभाग द्वारा संचालित मां बाड़ी केंद्र पर मां बाड़ी शिक्षा सहयोगी बलराम सहरिया और गिर्राज सहरिया कार्यरत हैं। लेकिन ईटीवी भारत सवांददाता ने मां बाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया तो दोनों मां बाड़ी शिक्षा सहयोगी सुबह से ही रजिस्टर में हस्ताक्षर करके नदारद हो गए। मां बाड़ी केंद्र को पोषाहार पकाने वाली नाबालिग बालिका संचालित कर रही थी। बालिका कुर्सी पर बैठी अखबार पढ़ रही थी। शिक्षा के मंदिर में बच्चे अठखेलियां कर रहे थे। जब बच्चों से पूछा गया कि तुम्हारे को पोषाहार में आज क्या खिलाया गया,तो बच्चों ने कहा कुछ नहीं पोषाहार बनाने वाली बालिका से पूछा तो बालिका ने बताया कि सामान नहीं है। इसलिए पोषाहार बच्चों को नहीं बनाया जाता है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है, कि क्षेत्र में स्वच्छ परियोजना विभाग द्वारा संचालित मां बाड़ी केंद्रों के हाल किस तरह के बने हुए हैं।Conclusion:इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है, कि क्षेत्र में स्वच्छ परियोजना विभाग द्वारा संचालित मां बाड़ी केंद्रों के हाल किस तरह के बने हुए हैं।

बाइट 1 खाना बनाने वाली बालिका

बाइट 2 हरलाल सहरिया पूर्व सरपंच
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