बांसवाड़ा. जिले के प्रभारी मंत्री भंवर सिंह भाटी सोमवार को दो दिवसीय दौरे पर बांसवाड़ा आए हुए हैं. उनका यह दौरा जिले में 16 मई को होने वाली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के दौरे की तैयारियों को लेकर है. प्रभारी मंत्री भंवर सिंह भाटी से सोमवार सुबह मिलने पहुंचीं घाटोल प्रधान ने (Ghatol Pradhan raged in front of Bhanwar singh Bhati) पूर्व संसदीय सचिव नानालाल निनामा को जमकर खरी-खरी सुनाई. आक्रोश में अपशब्द भी कहे डाले. इस पर बांसवाड़ा नगर सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी और उपसभापति विकास बामणिया ने बीच-बचाव कर उन्हें समझाया.
बांसवाड़ा के प्रभारी मंत्री भंवर सिंह भाटी रविवार रात्रि में बांसवाड़ा पहुंचे और तभी से बैठकों का दौर शुरू हो गया. इसके बाद सोमवार सुबह जिले के तमाम बड़े नेता उनसे मिलने के लिए पहुंचे. इसके बाद सुबह करीब 11:00 बजे घाटोल प्रधान हरकू देवी अपने समर्थकों के साथ उनके पास पहुंची. उन्होंने अपनी बात प्रभारी मंत्री के समक्ष रखने की कोशिश की तो घाटोल के पूर्व विधायक और संसदीय सचिव रहे नानालाल निनामा बीच में ही बोलने लगे. फिर क्या था प्रधान ने हरकू देवी ने जमकर खरी-खरी सुनाई. कई अपशब्द भी कहे.
ऐसे में बांसवाड़ा नगर सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी और उप जिला प्रमुख डॉ. विकास बामणिया ने बीच-बचाव कर उनको समझाया कि यहां बहुत भीड़ है, अकेले में बात करना. प्रधान हरखू देवी का कहना है कि पूर्व संसदीय सचिव के कहने पर ही घाटोल में राजनीति हो रही है और उन्हीं के कहने पर ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर अपनी मनमानी कर रहे हैं.
यह है पूरा मामला
घाटोल में ब्लॉक विकास अधिकारी सुनील कुमार वर्मा को प्रधान हरकू देवी के निवेदन पर स्थानांतरित कर जयपुर लगा दिया गया था. प्रधान ने स्थानांतरण इसलिए कराया क्योंकि उनकी और वर्मा की आपस में नहीं बनती थी. स्थानांतरण होने के बाज भी वर्मा जयपुर ज्वाइन करने लिए नहीं गए. इस पर एक दिन प्रधान हरकू देवी ने उनके कार्यालय और केबिन पर ताला जड़ दिया. इसकी उन्होंने तहसीलदार को लिखित में सूचना भी दी. बाद में किसी तरह ताला खुलवाया गया. सुनील वर्मा फिर भी नहीं गए और कोर्ट से स्टे ले आए. बताया जा रहा है कि शुरुआत में जब वे आए थे तब सब ठीक था लेकिन पूर्व संसदीय सचिव नानालाल निनामा के संपर्क में आने के बाद हालात बदलने लगे थे.
अब लटक रही गिरफ्तारी की तलवार
अब इस मामले में घाटोल प्रधान हरकू देवी उनके परिवार के सदस्य और समर्थकों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि बीडीओ सुनील वर्मा घाटोल प्रधान सहित तमाम लोगों के खिलाफ खमेरा थाने में राजकार्य में बाधा, सरकारी दस्तावेज इधर-उधर करने समेत अन्य कई धाराओं में प्रकरण दर्ज कराया है. ऐसे में प्रधान बनने को लग रहा है कि सुनील वर्मा यहां रहे तो निश्चित रूप से उन्हें 1 दिन जेल जाना पड़ेगा.
मंत्री को कहा- घाटोल में हार का कारण यही प्रकरण: सूत्रों की माने तो प्रधान ने प्रभारी मंत्री को अकेले में मुलाकात कर कहा कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो यही एक कारण होगा जो घाटोल विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की हार निश्चित कर देगा. बताते चलें कि इससे पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय और टीईटी मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया से मिलकर भी वे अपना पक्ष रख चुकी हैं. बीडीओ की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है.
प्रभारी मंत्री ने नहीं दिया कोई जवाब: जब हमने तमाम मुद्दों के साथ ही प्रभारी मंत्री से इस संबंध में बात की तो उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. हालांकि स्थानीय स्तर के तमाम पदाधिकारियों को उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वे सीधे इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करेंगे. क्योंकि अब यह मामला केवल एक व्यक्ति का नहीं बल्कि पूरे घाटोल विधानसभा क्षेत्र से जुड़ गया है.