बांसवाड़ा. ढाई महीने बाद बांसवाड़ा में एक बार फिर कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. पिछले एक पखवाड़े में ही रोगियों की संख्या दोगुनी हो गई है और इसके और भी बढ़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. कोरोना संक्रमण काल के बीच महात्मा गांधी चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी पद का कार्यभार डॉ. अनिल भाटी ने संभाल लिया. ईटीवी भारत ने डॉ. भाटी से कोरोना संक्रमण और इससे निपटने की कार्य योजना को लेकर विशेष बातचीत की. इसमें सामने आया कि संक्रमण का खतरा और भी बढ़ सकता है.
वर्तमान स्थिति पर चर्चा करते हुए डॉ. भाटी ने बताया कि जिले में रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. महात्मा गांधी चिकित्सालय में 19 रोगियों का उपचार चल रहा है. इनमें से 20 नेगेटिव और 71 पॉजिटिव रोगी है. उन्होंने बताया कि 33 संदिग्ध रोगी कॉविड केयर सेंटर में चल रहे हैं. एक सवाल पर डॉक्टर भाटी ने बताया कि शहर के साथ साथ कोरोना गांव तक भी पहुंच गया है. पिछले कुछ दिनों में संक्रमण गांव में तेजी से फैला है. इसका कारण बताते हुए डॉ. भाटी ने बताया कि गांव में आने वाले प्रवासी गुपचुप तरीके से अपने परिवारों के साथ रह रहे हैं जबकि नियमानुसार स्क्रीनिंग के साथ क्वॉरेंटाइन का भी प्रावधान है. बाहर से आने वाले यह लोग स्क्रीनिंग और क्वॉरेंटाइन नियमों की पालना से बच रहे हैं.
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इसके अलावा घनी आबादी और लोगों का झुंड में रहना भी संक्रमण को बढ़ावा दे रहा है. भीड़ में रहने के कारण क्लोज कॉन्टैक्ट बढ़ गया है. लोग संक्रमण को लेकर निश्चिंत हो गए हैं और कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना तक नहीं कर रहे हैं. नई रणनीति पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि वर्तमान में हमारे पास क्रिटिकल स्टेज वाले रोगियों के लिए 160 बेड उपलब्ध है.
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इसके साथ ही जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के साथ चर्चा के बाद कोविड केयर सेंटर बढ़ाए गए हैं. अलग-अलग स्थानों पर कोविड केयर सेंटर के स्थान चिन्हित कर लिए गए हैं. तकनीकी कर्मचारियों की कमी के सवाल पर डॉ. भाटी ने माना कि कोरोना जांच लैब के लिए तकनीकी कर्मचारियों की कमी के कारण कई बार लिमिटेड टेस्ट ही कर पाते हैं. महात्मा गांधी चिकित्सालय में तकनीकी कर्मचारियों की कमी को देखते हुए मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी से आग्रह कर हमने आसपास के कर्मचारियों को लैब में लगाया. इसके बावजूद भी तकनीकी कर्मचारियों की कमी चल रही है.