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सूरत हादसाः दुर्गम रास्तों ने रोका बस का रास्ता तो ट्रैक्टरों से पहुंचे शव, 15 लोगों की एक साथ जली चिता

गुजरात के सूरत में हुए सड़क हादसे के मृतकों के शव मंगलवार रात बांसवाड़ा के कुशलगढ़ क्षेत्र में उनके घर पहुंचाए गए. मृतकों के घर मुख्य मार्ग से करीब 2 किलोमीटर दूर होने से ट्रैक्टर से शवों को लाया गया, जिसके बाद बुधवार को सभी 15 मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया.

बांसवाड़ा के 15 मजदूरों की मौत, 15 workers of Banswara died
15 मृतकों के शव पहुंचे उनके घर
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Published : Jan 20, 2021, 12:59 PM IST

Updated : Jan 20, 2021, 2:14 PM IST

बांसवाड़ा (कुशलगढ़). सूरत से मृतकों के शव मंगलवार रात करीब 12 बजे कुशलगढ़ पहुंचे. यहां भगतपुरा में मृतकों का घर मईड़ाफला में घाटी पर बना हुआ है. 10 घरों की इस बस्ती तक पहुंचने का कच्चा रास्ता होने से और सूरत से स्लीपर कोच बस में लाए गए शव को लेकर यहां तक पहुंचना काफी मुश्किल रहा.

मृतकों का हुआ अंतिम संस्कार

ऐसे में शवों को कुशलगढ़-रतलाम मार्ग पर उतारा गया, जहां से ट्रैक्टर में उन्हें करीब 1 किलोमीटर दूर घर पर ले जाया गया. इसके बाद यही हाल गराड़खोरा में भी देखने को मिला, यहां भी शवों को मुख्य मार्ग पर उतारा गया.

पढ़ेंः गुजरात सड़क हादसा: बांसवाड़ा निवासी 15 लोगों की मौत, PM और CM गहलोत ने जताया दुख

मृतकों के घर करीब 2 किलोमीटर दूर होने से ट्रैक्टर से शवों को लाया गया. शव छोड़ने के बाद बस रवाना हो गई, जिसके बाद सज्जनगढ़ क्षेत्र के मस्का गांव में एक शव उतारा गया, जबकि इसी गांव के दूसरे मृतक का शव मध्य रात्रि बाद एंबुलेंस से पहुंचा.

हर शव की कराई दोबारा शिनाख्त

गांवों में शव लेकर पहुंचने के बाद गुजरात पुलिस ने मृतकों के पर्स, फोटो के साथ प्रत्येक शव से कफन हटाकर परिजनों से दोबारा शिनाख्त कराई गई. इसके बाद परिजनों को शव सौंपे गए. इस दौरान ग्रामीण मृतकों के परिजनों को ढांढस बंधाते नजर आए. सूरत सड़क हादसे में मारे गए 15 मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार बुधवार को बांसवाड़ा में किया गया.

पढ़ेंः स्थानीय स्तर पर मजदूरी नाम की चीज नहीं है, जिसके चलते लोग गुजरात पलायन कर रहे हैं: भीमा भाई डामोर

मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए राजस्थान सरकार के टीएडी मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया, विधायक रमिला खड़िया, जिला प्रमुख रेशम मालवीया पहुंची.

बांसवाड़ा (कुशलगढ़). सूरत से मृतकों के शव मंगलवार रात करीब 12 बजे कुशलगढ़ पहुंचे. यहां भगतपुरा में मृतकों का घर मईड़ाफला में घाटी पर बना हुआ है. 10 घरों की इस बस्ती तक पहुंचने का कच्चा रास्ता होने से और सूरत से स्लीपर कोच बस में लाए गए शव को लेकर यहां तक पहुंचना काफी मुश्किल रहा.

मृतकों का हुआ अंतिम संस्कार

ऐसे में शवों को कुशलगढ़-रतलाम मार्ग पर उतारा गया, जहां से ट्रैक्टर में उन्हें करीब 1 किलोमीटर दूर घर पर ले जाया गया. इसके बाद यही हाल गराड़खोरा में भी देखने को मिला, यहां भी शवों को मुख्य मार्ग पर उतारा गया.

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मृतकों के घर करीब 2 किलोमीटर दूर होने से ट्रैक्टर से शवों को लाया गया. शव छोड़ने के बाद बस रवाना हो गई, जिसके बाद सज्जनगढ़ क्षेत्र के मस्का गांव में एक शव उतारा गया, जबकि इसी गांव के दूसरे मृतक का शव मध्य रात्रि बाद एंबुलेंस से पहुंचा.

हर शव की कराई दोबारा शिनाख्त

गांवों में शव लेकर पहुंचने के बाद गुजरात पुलिस ने मृतकों के पर्स, फोटो के साथ प्रत्येक शव से कफन हटाकर परिजनों से दोबारा शिनाख्त कराई गई. इसके बाद परिजनों को शव सौंपे गए. इस दौरान ग्रामीण मृतकों के परिजनों को ढांढस बंधाते नजर आए. सूरत सड़क हादसे में मारे गए 15 मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार बुधवार को बांसवाड़ा में किया गया.

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मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए राजस्थान सरकार के टीएडी मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया, विधायक रमिला खड़िया, जिला प्रमुख रेशम मालवीया पहुंची.

Last Updated : Jan 20, 2021, 2:14 PM IST
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