बांसवाड़ा (कुशलगढ़). सूरत से मृतकों के शव मंगलवार रात करीब 12 बजे कुशलगढ़ पहुंचे. यहां भगतपुरा में मृतकों का घर मईड़ाफला में घाटी पर बना हुआ है. 10 घरों की इस बस्ती तक पहुंचने का कच्चा रास्ता होने से और सूरत से स्लीपर कोच बस में लाए गए शव को लेकर यहां तक पहुंचना काफी मुश्किल रहा.
ऐसे में शवों को कुशलगढ़-रतलाम मार्ग पर उतारा गया, जहां से ट्रैक्टर में उन्हें करीब 1 किलोमीटर दूर घर पर ले जाया गया. इसके बाद यही हाल गराड़खोरा में भी देखने को मिला, यहां भी शवों को मुख्य मार्ग पर उतारा गया.
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मृतकों के घर करीब 2 किलोमीटर दूर होने से ट्रैक्टर से शवों को लाया गया. शव छोड़ने के बाद बस रवाना हो गई, जिसके बाद सज्जनगढ़ क्षेत्र के मस्का गांव में एक शव उतारा गया, जबकि इसी गांव के दूसरे मृतक का शव मध्य रात्रि बाद एंबुलेंस से पहुंचा.
हर शव की कराई दोबारा शिनाख्त
गांवों में शव लेकर पहुंचने के बाद गुजरात पुलिस ने मृतकों के पर्स, फोटो के साथ प्रत्येक शव से कफन हटाकर परिजनों से दोबारा शिनाख्त कराई गई. इसके बाद परिजनों को शव सौंपे गए. इस दौरान ग्रामीण मृतकों के परिजनों को ढांढस बंधाते नजर आए. सूरत सड़क हादसे में मारे गए 15 मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार बुधवार को बांसवाड़ा में किया गया.
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मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए राजस्थान सरकार के टीएडी मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया, विधायक रमिला खड़िया, जिला प्रमुख रेशम मालवीया पहुंची.