बांसवाड़ा. इसके तहत जिले के दूरदराज के गांव में बसे लोगों को न केवल परामर्श दिया जाएगा बल्कि उनके उपचार की भी व्यवस्था का प्लान है. यह योजना करीब करीब अंतिम चरण में है और अब केवल जिला कलेक्टर और प्रभारी मंत्री के समक्ष रखा जाना है. राज्य सरकार की स्वीकृति मिलने के साथ ही दूरदराज के गांव में चिकित्सकों की टीम नजर आएगी.
जिले के प्रभारी मंत्री राजेंद्र यादव ने गत दिनों चिकित्सा विभाग से जिले में उपलब्ध कराई जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी ली थी. जिले में 22 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 52 प्राथमिक चिकित्सा केंद्र संचालित है, लेकिन दुर्भाग्य से डॉक्टरों के बड़ी संख्या में पद खाली है. वहीं अन्य स्टाफ की कमी को लेकर भी विभाग जूझ रहा है.
रिपोर्ट के बाद प्रभारी मंत्री ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एचएल ताबियार से स्वास्थ्य सेवाओं की दोस्ती के लिए कुछ नया प्लान बनाने को कहा है. स्थानीय विधायक और जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को गांव में चिकित्सा व्यवस्था बेहतर बनाने की दिशा में काम करने को कहा था.
दोनों ही मंत्रियों के आदेश पर सीएमएचओ ने ग्रामीण क्षेत्र के चिकित्सकों की मीटिंग लेकर नवाचार पर उनके सुझाव लिए और प्रारंभिक प्लान तैयार किया. सीएमएचओ के अनुसार एक मिनी बस तैयार कर डॉक्टरों की टीम जिला मुख्यालय से दूर पड़ने वाले दुर्गम इलाकों में चिकित्सा सेवा प्रारंभ करने का प्रस्ताव है. टीम में हर प्रकार के डॉक्टर लिए जाएंगे.
डॉक्टरों की टीम सप्ताह के हर दिन नए इलाके में जाएगी. इसका वार और तिथि निर्धारित कर दिए जाएंगे. इससे दूरदराज से छोटी मोटी बीमारियों को लेकर लोगों को जिला मुख्यालय आने से मुक्ति मिल जाएगी. टीम अपने साथ जरूरी दवाई भी रखी जाएगी. इसके लिए जनजाति विकास मंत्रालय से मदद मिलने की आस है.