बांसवाड़ा. पंजाब विधानसभा की एससी, एसटी, ओबीसी कमेटी मंगलवार को कल्याणकारी योजनाओं के अध्ययन के लिए बांसवाड़ा पहुंची. चार जिलों के निरीक्षण के बाद बांसवाड़ा पहुंची कमेटी के चेयरमैन नाथूराम से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
इस दौरान उन्होंने राजस्थान के हर जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज और हर पंचायत पर सीनियर सेकेंडरी स्कूल योजना की खूब प्रशंसा की. साथ ही इसे पंजाब में भी लागू करवाने की बात कही.
नाथूराम ने बताया कि सरकारी योजनाओं को लागू करने के तरीकों के अध्ययन को लेकर कमेटी राजस्थान और गुजरात के स्टडी टूर पर है. 26 नवंबर को यह कमेटी पंजाब से निकली जो जयपुर पहुंची और वहां विधानसभा स्पीकर और मुख्यमंत्री से बातचीत की.
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एससी-एसटी और ओबीसी विधायकों की यह कमिटी भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर और डूंगरपुर के बाद अब बांसवाड़ा पहुंची है. बातचीत के दौरान कमेटी चेयरमैन ने कहा कि इन योजनाओं के अलावा क्षेत्र में इस वर्ग के लोगों की कल्चर एजुकेशन और हेल्थ के अलावा रहन-सहन के तरीकों को भी हम देख रहे हैं.
उन्होंने टूर के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा कि हम लोग सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में स्टडी करने आए हैं कि ऐसी कोई स्कीम तो नहीं जिसका फायदा पंजाब में लोगों को नहीं मिल पा रहा हो.
नाथूराम ने अब तक के दौरे में स्वास्थ्य और एजुकेशन की योजनाओं को लेकर संतुष्टि जताते हुए कहा कि और क्या कहा जाए कि एक पंचायत में जीएनएम जैसी पढ़ी लिखी महिला सरपंच है.
वहीं, एक सवाल पर चेयरमैन नाथूराम ने कहा कि राजस्थान में सभी 33 जिला मुख्यालयों पर सरकार मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं. हालांकि, हमारे वहां पर भी 78 जिला मुख्यालयों पर कॉलेज चल रहे हैं. लेकिन राजस्थान सरकार का यह निर्णय बहुत अच्छा है और हम भी पंजाब में बड़े जिला मुख्यालयों पर मेडिकल कॉलेज खुलवाने की सिफारिश करेंगे.
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जिससे बच्चों को अपने आस-पास मेडिकल एजुकेशन मुहैया कराई जा सके. साथ ही उन्होंने प्रदेश की हर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर सीनियर सेकेंडरी स्कूल स्थापित करने की योजना की सराहना करते हुए कहा कि पंजाब में भी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों को सीनियर सेकेंडरी स्कूल में अपग्रेड करने की सिफारिश की जाएगी.
SC-ST अत्याचार निवारण अधिनियम को लेकर उठने वाले सवालों पर कमेटी चेयरमैन ने कहा कि अशिक्षा की वजह से यह समस्या आ रही है. लेकिन जिस प्रकार से सरकार इनके उत्थान के लिए काम कर रही है, उससे निश्चित रूप से इसमें कमी आएगी. बता दें कि कमेटी में सुरजीत सिंह, सरबजीत कौर और डॉ. सुखविंदर कुमार शामिल है.