बांसवाड़ा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उदयपुर टीम ने मंगलवार को बांसवाड़ा में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. छोटी सरवन इलाके में केंद्र सरकार एटॉमिक पावर प्लांट लगाने जा रहा है. उसकी ड्रिलिंग को लेकर बारी ग्राम पंचायत सरपंच अपने भाई के साथ ठेकेदार से 10% राशि मांग रहा था. सौदेबाजी के बाद मंगलवार को ठेकेदार ने सरपंच को बांसवाड़ा बुलाया और बतौर पेशगी के तौर पर 1 लाख 11 हजार की राशि थमाई.
इस दौरान एसीबी ब्यूरो टीम ने सरपंच को रिश्वत की राशि सहित दबोच लिया. इस मामले में उसके भाई की भूमिका संदिग्ध मानते हुए उसे भी गिरफ्तार कर लिया. एंटी करप्शन ब्यूरो की यह कार्रवाई निरीक्षक हरीश चंद्र सिंह की अगुवाई में की गई. ब्यूरो अधिकारियों के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा बांसवाड़ा के बारी ग्राम पंचायत क्षेत्र में एटॉमिक पावर प्लांट का काम किया जा रहा है.
जहां प्लांट स्थापित किया जाना है, मापदंडों के अनुसार जमीन की टेस्टिंग के लिए ड्रिलिंग करवाई जाती है. इस काम का टेंडर अवार्ड मुंबई के ठेकेदार रामपाल सिंह की एक फर्म को दिया गया. लेकिन ग्राम पंचायत सरपंच बहादुर इस काम में बाधा उत्पन्न कर रहा था. ठेकेदार पर दबाव बनाने के लिए सरपंच बहादुर अपने भाई मुकेश के साथ दबाव बनाने का प्रयास कर रहा था.
पढ़ेंः जोधपुर: एसीबी ने 23 हजार की रिश्वत लेते दलाल को पकड़ा, जेईएन भी हिरासत में
ब्यूरो अधिकारियों के अनुसार ठेकेदार को यह काम 11 महीने में जुलाई 2020 तक पूरा करना था. लेकिन दोनों ही भाइयों की अड़ंगेबाजी के कारण ठेकेदार काम नहीं कर पा रहा था. ठेकेदार ने इस संबंध में पुलिस को भी शिकायत की. जिसमें पथराव के अलावा कामगारों को भगाने के लिए परेशान करने की बात कही गई.
पढ़ेंः जैसलमेर में ग्राम सेवक चढ़ा ACB के हत्थे, मजदूरों से 5 हजार की रिश्वत लेते दबोचा
थक हारकर ठेकेदार ने रविवार को सरपंच बहादुर से बातचीत की तो उसने टेंडर अवार्ड की 10% राशि की मांग की. अंततः 8% पर सौदा तय हुआ. एसीबी उदयपुर का निरीक्षक हरीश चंद्र सिंह ने बताया कि बतौर टोकन मनी 1 लाख 11 हजार मंगलवार को दिए जाने की बात सामने आई. शिकायत के सत्यापन के बाद एसीबी की टीम बांसवाड़ा पहुंची.
कार में दी गई रिश्वत
निरीक्षक ने बताया कि सरपंच बहादुर ठेकेदार से हुई डील के अनुसार मंगलवार को कार लेकर प्रताप सर्कल पहुंचा. जहां पहले से ही ब्यूरो टीम के लोगों ने अपना जाल बिछा रखा था. ठेकेदार रामपाल सिंह ने जैसे ही रिश्वत की राशि बहादुर को थमाई, उसने राशि को टावेल में लपेट लिया. इशारा पाते ही ब्यूरो टीम ने सरपंच को पकड़ लिया और राशि बरामद कर ली.